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    Smart City Bhagalpur: बूढ़ानाथ मंदिर के सुंदरीकरण कार्य पर लगा ब्रेक, सात करोड़ रुपये से चकाचक होना है पूरा परिसर

    By Abhishek KumarEdited By:
    Updated: Mon, 01 Nov 2021 12:04 PM (IST)

    स्‍मार्ट सिटी भागलपुर की योजना से बूढ़ानाथ मंदिर का सुंदरीकरण कार्य होना है। लेकिन मंदिर प्रबंधन ने इस पर ब्रेक लगा दिया है। बूढ़ानाथ मंदिर पर के सुंद ...और पढ़ें

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    स्‍मार्ट सिटी भागलपुर की योजना से बूढ़ानाथ मंदिर का सुंदरीकरण कार्य होना है।

    जागरण संवाददाता, भागलपुर। शहर के प्राचीन बूढ़ानाथ मंदिर व आसपास के क्षेत्र के सुंदरीकरण का कार्य विवादों में उलझ गया है। भागलपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड ने जोगसर क्षेत्र के विकास को लेकर करीब सात करोड़ रुपये योजना से निविदा की है। इस कार्य को निर्माण एजेंसी सिल्वर गेट इंफ्रास्ट्रक्चर को कार्य दिया है। कंपनी पिछले एक माह से कार्य शुरू करने गई। लेकिन बूढ़ानाथ मंदिर प्रबंधन ने कार्य करने पर ब्रेक लगा दी है। पार्क के राजस्व को लेकर मंदिर समिति ने अभी से दावेदारी कर दी है। इससे जो भी आय होगी इसपर पूरा अधिकार मांग रहा है। स्मार्ट सिटी के अधिकारी असमंजस मेंं है।

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    मंदिर प्रबंधन के महंत ने जताई आपत्ति

    मंदिर के महंत शिवनारायण गिरी ने कहा कि 16 मार्च को मंदिर प्रबंधन की ओर से स्वीकृति दी गई है। लेकिन, भागलपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड ने कार्यों का ब्योरा तक उपलब्ध नहीं कराया है। अब कार्य के लिए हैंडओवर करने को कहा जा रहा है। यह मंदिर का संचालन बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड के माध्यम से होता है। न्यास की जमीन किसी को हैंडओवर नहीं की जा सकती है। इसका स्वामित्व मंदिर का है इसे किसी संस्था को नहीं दिया जा सकता।

    कार्य करने में कोई आपत्ति नहीं है लेकिन मंदिर प्रबंधन को ही हैंडओवर करना होगा। महंथ ने बताया कि पूर्व में नगर निगम ने पार्क का निर्माण मंदिर की जमीन पर कराया था। यहां डिजलीलैंड के आयोजन पर यह कहकर रोक लगा दी गई कि नगर निगम के पार्क का नुकसान हो सकता है। ऐसे में स्मार्ट सिटी से कार्य होने भी नगर निगम अपना हक जताना शुरू कर देगा ।

    उन्हेांने बताया कि स्मार्ट सिटी लिमिटेड के कर्मचारी सत्यानंद चौधरी के मौखिक आश्वासन पर स्मार्ट सिटी लिमिटेड का अनापत्ति प्रमाण दिया गया। शर्त के मुताबिक अनापत्ति प्रमाण पत्र में कहा गया कि किसी भी परिस्थिती में बाबा बूढ़ानाथ मंदिर न्यास का स्वामित्व में हस्तक्षेप स्वीकार्य नही होगा।इसे लेकर शुक्रवार को महंत ने नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव, प्रमंडलीय आयुक्त व डीएम को पत्र भेजा है।

    योजना मद से यह होगा कार्य

    जोगसर में सार्वजनिक मनोरंजन स्थान का विकास एक वर्ष में कंपनी को करना है। साथ ही पांच वर्षों के लिए रखरखाव की जिम्मेदारी कंपनी की होगी। योजना के तहत मंदिर व आसपास मौजूदा पुराने ढांचे को तोडऩे के साथ जीर्णोंद्वार होगा। आगंतुक सुविधा केंद्र के विकास के लिए विश्राम शेड, सामान की सुविधा, प्रसाद की दुकानें बनाई जाएगी। नदी के तट पर आवागमन के लिए प्लेटफार्म बनाया जाना है।

    घाट पर शौचालय और पीने के पानी की सुविधा। लोगों के बैठने के लिए बेंच, सार्वजनिक स्थान प्रकाश और समतलीकरण का कार्य होगा। चौबीसों घंटे निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरों की स्थापना हेागी। वाणिज्यिक गतिविधियों के लिए कियोस्क की स्थापना। छठ घाट का निर्माण और 2000 लोगों के लिए एक सैरगाह व प्लाजा का विकास किया जाना है। चारदीवारी, रेङ्क्षलग, फुटपाथ, पिङ्क्षचग के साथ नदी के तल के पास रिटेङ्क्षनग वाल का निर्माण होगा।