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    श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 2022 : एक साथ मनाएंगे वैष्णव और गृहस्थ, यह है शुभ मुहूर्त

    By Dilip Kumar ShuklaEdited By:
    Updated: Thu, 18 Aug 2022 07:56 AM (IST)

    श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 2022 भगवान कृष्‍ण के जन्‍म समारोह की तैयारी की जा रही है। घरों से मंदिरों तक होगा जय कन्हैयालाल की। माखन मिश्री का लगेगा भोग। खीरा से जन्म लेंगे भगवान। इस दिन लोग व्रत भी करते हैं।

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    श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 2022 : शुभ मुहूर्त में करें भगवान कृष्‍ण की पूजा।

    संवाद सहयोगी, भागलपुर। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 2022 : श्रीकृष्ण जन्माष्टमी शुक्रवार को मनाया जाएगा। इसबार अष्टमी तिथि और रोहणी नक्षत्र के समय काल ही कुछ इस प्रकार का है कि प्रत्येक वर्ष दो दिन मनाया जाने वाला अष्टमी इसबार एक दिन होगा। वैष्णव और गृहस्थ आश्रम के लोग एक साथ अष्टमी व्रत करेंगे। कहीं इसमें कंफ्यूजन नहीं है। कई पंडितों की एक राय है। बूढ़ानाथ के आचार्य पं. चंद्रकांत झा उर्फ टून्नजी, तिलकामांझी महावीर मंदिर के पूजारी आनंद झा, ज्योतिषाचार्य पं. सचिन कुमार दुबे सहित कई पंडितों ने बताया कि श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है। अष्टमी तिथि के दिन रोहणी नक्षत्र में भगवान का जन्म हुआ था। वैष्णव लोग नक्षत्र रोहणी जिस समय रात में होता है उस दिन अष्टमी मनाते हैं जबकि गृहस्थ आश्रम में रहने वाले श्रद्धालु तिथि को मानकार अष्टमी मनाते हैं।

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    इसबार अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र का योग एक साथ नहीं मिल रहा है। जिस कारण सभी के लिए शुक्रवार 19 अगस्त को अष्टमी किया जाना शुभ है। व्रत का पारण 20 अगस्त को किया जाएगा। परंतु कुछ रोहणी मतावलंबी वैष्णव जन 20 अगस्त को भी अष्टमी करेंगे। बताया गया कि मिथिला पंचांग के अनुसार अष्टमी तिथि 18 अगस्त गुरुवार को मध्यरात्रि के उपरांत 12.21 से प्रवेश करेगा। शुक्रवार को मध्यरात्रि के उपरांत 01:14 तक रहेगा। जबकि काशी के महावीर पंचांग और हृषिकेश पंचांग के अनुसार गुरुवार को मध्य रात्रि के उपरांत 12:24 से आरंभ होगा और शुक्रवार को मध्यरात्रि के उपरांत 01:09 तक रहेगा। रोहिणी नक्षत्र शनिवार को प्रात: 05:08 से रविवार प्रात: 07:09 तक रहेगा।

    खीरा से जन्मेंगे भगवान, माखन मिश्री का लगेगा भोग

    घरों से मंदिरों तक शुक्रवार की रात जय कन्हैयालाल की होगा। माखन मिश्री का भोग लगेगा। खीरा से भगवान जन्मलेंगे। संख और घंटा के साथ जन्म लेते ही जयकार गुंजने लगेगी। आरती और महाभोग के साथ भयप्रगट कृपाला दिन दयाला करेंगे भक्त। शहर के ठाकुरबाड़ियों और श्याम मंदिरों में इसकी तैयारी चल रही है। कोरोना काल के बाद श्रद्धालु उत्साहित हैं। इसबार भव्यता और श्रद्धाभक्ति के साथ जन्माष्टमी मनाई जाएगी। शहर में कई जगह इस अवसर पर भजन संध्या का आयोजन किया गया है। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में भी भजन किर्तन किया जाएगा। भगवान का जन्मोत्सव की तैयारी किया जा रहा है।