श्रावणी मेला 2022 : जेकर नाथ भोलेनाथ उ अनाथ कैसे होई... लोक गायिका कल्पना पटवारी के गीतों पर नांचे कांवरिये
Shravani Mela 2022 श्रावणी मेला की आखिरी सोमवारी पर कांवरियों की भीड़ उमड़ पड़ी है। विख्यात लोक गायिका कल्पना पटवारी ने सावन के अंतिम सोमवारी पर बांधा समां। सुरसंगम में डूबे श्रोताओं को नहीं डिगा पाई बारिश।
संवाद सूत्र, सुल्तानगंज (भागलपुर)। Shravani Mela 2022 : विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला के शुक्ल पक्ष एकादशी व अंतिम सोमवारी पर नमामि गंगे घाट पर देर शाम भजन संध्या में विख्यात लोक गायिका कल्पना ने भोले नाथ को रिझाने के लिए भजनों की भावविभोर करने वाली गीतों जैसे हमसे भंगिया ना पिसाई ए गणेश के पापा...बम बम बोल रहा है काशी...., ए गणेश की मम्मी... की प्रस्तुति दी। कल्पना ने जब मधुर स्वर में भजन गाए तो भक्त भी संग-संग भक्ति गंगा में गोते लगाते चले गए । कल्पना ने जब छठ पूजा के पारंपरिक गीत मारवो रे सुगवा धनुष सें.. की तान उठाई तो मौके पर मौजूद श्रोता भाव विभोर हो उठे और कल्पना के भजनों पर शिव भक्त उत्साह और उमंग के साथ खुलकर नाचते दिखे। कार्यक्रम के दौरान तेज बारिश होने के बावजूद श्रद्धालु बारिश में भीग कर नाचते व झूमते नजर आए। सुरसंगम में डूबे श्रोताओं को बारिश भी डिगा नहीं पाई।
उमड़ पड़ी भक्तों की भीड़
इस वर्ष पहली बार नमामि गंगे घाट पर कांवरियों के मनोरंजन के लिए पूरे सावन माह भजन संध्या का आयोजन किया गया है। जिससे कि देश-विदेश से आने वाले भक्तों के लिए यह रात सुखद अनुभूति वाली रात्रि हो जाती है। हर शाम भक्त इस भजन संध्या में आना अपना सौभाग्य मानते हैं।
वही इस मौके पर अंचलाधिकारी शंभू शरण राय, प्रखंड विकास पदाधिकारी मनोज कुमार मुर्मू परिवार सहित कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे और भजन संध्या का लुफ्त उठाए। इस मौके पर स्थानीय जनप्रतिनिधि के साथ बड़ी संख्या में कांवरिये एवं स्थानीय लोग मौजूद थे।
पैन गांव में तुलसी साहित्य के बैनर तले कवि गोष्ठी
अकबरनगर थाना क्षेत्र के पैन गांव में रविवार को तुलसी साहित्य अकादमी के बैनर तले जिला शाखा भागलपुर की और से अमृत महोत्सव के परिधि में एक दिवसीय संगोष्ठी सह कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस अवसर पर प्रथम सत्र में स्वतंत्रता सेनानी सियाराम बाबू एवं तिलकामांझी के व्यक्तित्व पर विद्वानों ने विस्तार से चर्चा की। शुभारंभ जिप सदस्या आशा जायसवाल ने किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरीय साहित्यकार इं. अंजनि कुमार शर्मा ने की। परिचर्चा में भाग लेने वालों में विजय झा, सुरेश प्रसाद सिंंह, हीरा प्रसाद हरेंद्र, सुधीर कुमार प्रोग्रामर के अलावा अन्य प्रबुद्धजन थे। परिचर्चा सत्र का संचालन गोकर्ण यादव ने किया। दूसरे सत्र में कवि गोष्ठी का वृहत आयोजन आरंभ हुआ। उसकी अध्यक्षता वरीय कवि सह गीतकार महेंद्र निशाकर ने किया। कवियों में प्रमुख रूप से डा. रमेश मोहन आत्मविश्वास, प्रभाष चंद्र, डा. मंजीत सिंह किनवार, कुमार गौरव, मनोज कुमार माही, भोला कुमार बागवानी, सच्चिदानंद किरण, जयंत जलद के अलावा दर्जनों कवियों ने अपनी रचना से कार्यक्रम को धारदार बना दिया। आयोजनकर्ताओं ने समूह का सम्मान अंगवस्त्र, पुष्पमाला और डायरी देकर किया।