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    श्रावण कृष्ण दशमी : एक लाख 10 हजार 539 कांवरिये पहुंचे सुल्‍तानगंज, 635 डाक बम गए बाबाधाम

    By Dilip Kumar ShuklaEdited By:
    Updated: Sun, 24 Jul 2022 12:17 PM (IST)

    श्रावण कृष्ण दशमी भागलपुर जिले के सुल्‍तानगंज से एक लाख 10 हजार 539 कांवरिये देवघर व बासुकीनाथ के लिए रवाना हुए। 635 डाक बम ने भी उठाया जल। श्रावणी मार्ग पर कांवरियों के जयघोष से पूरा महौल भक्तिमय हो गया है।

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    श्रावण कृष्ण दशमी : एक लाख कांवर‍िये सुल्‍तनगंज से देवघर रवाना हुए।

    संवाद सूत्र, सुल्तानगंज (भागलपुर)। श्रावण कृष्ण दशमी : 14 जुलाई से शुरू श्रावण में 20 जुलाई तक जो कांवरियों की भीड़ थी वह न सिर्फ मेला दुकानदारों और पंडों-पुरोहितों के लिए निराशाजनक था बल्कि, स्थानीय नागरिकों के लिए भी सोचनीय थी। लेकिन 21 जुलाई से मेले में जो कांवरियों की संख्या उतरी उसने छोटी पूंजी से बड़ी पूंजी तक निवेश करने वालों की धड़कनों को सामान्य करने में अहम भूमिका निभाई।

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    हालांकि ये संख्या कहने को अनुमानित कही जाती हैं। लेकिन सड़कों-गलियों में जब कांवरियों के रेले के बीच से आरपार जाने में तीन से चार मिनट लगता है तो स्थानीय प्रशासन और नागरिकों को लगता है मेले की अनुमानित संख्य कितनी होगी। बस यही प्रत्यक्ष नजारा ही इस अनुमान का आधार होता है। इन दिनों कांवरिया पथ पर लगाई गई गिनती की मशीन संख्या में विभ्रम उत्पन्न कर रही है। कारण है कि जो कांवरिया गंगाघाटों से निकलते हैं उनमें सभी पदयात्री ही नहीं होते हैं। बहुत से बसों, ट्रेनों या अपने निजी वाहनों से भी बाबाधाम जाते हैं। यहां तक कि कुछ कांवरिया पुराने रास्ते वाली पक्की सड़क से भी रामपुर नहर मोड़ तक जाते हैं। हालांकि इनकी संख्या सौ-दो सौ ही होती है।

    सबसे बड़ी बात ये है कि कोरोना काल से पूर्व अर्थात वर्ष 2019 तक श्रावणी मेला व्यवस्था में समन्वय स्थापित करने हेतु भागलपुर, मुंगेर एवं झारखंड के संथाल परगना प्रमंडलों के अधिकारियों की मेला पूर्व एक संयुक्त बैठक होती थी। तीनों प्रमंडलों के पुलिस एवं सामान्य प्रशासन के वरीय पदाधिकारी मिलबैठ कर चर्चा करते थे।

    इसमें यहां से प्रतिदिन प्रस्थान करने वाले एवं बाबाधाम पहुंचने वाले कांवरियों की अनुमानित संख्या का प्रशासनिक स्तर से आदान-प्रदान होता था और वह मान्य होता था। अखबारों में भी दोनों जगह की इन्हीं सांख्यिकी सूचना को आधार मानकर खबरें प्रकाशित होती थी।

    हालांकि भीड़ से कोरोना फैलने के भय से वेट एंड वाच की स्थिति में सहमे बैठे श्रद्धालु श्रावणी मेला के प्रथम सप्ताह के निरापद गुजरने से उत्साहित हैं, और अब उनके आने की रफ्तार में दिन ब दिन तेजी आ रही है।