शूटरों ने धुरी यादव को गोलियों से भूना, अस्पताल पहुंचते-पहुंचते हो गई मौत Bhagalpur News
बदमाशों ने 4 नवंबर 2019 की शाम करीब छह बजे धुरी यादव को गोली मारी। जिस समय उन्हें गोली मारी गई उर्दू बाजार निवासी अजय कुमार सिंह साथ थे।
भागलपुर [जेएनएन]। उर्दू बाजार काली मंदिर के समीप बेखौफ बदमाशों ने केंद्रीय काली पूजा महासमिति के महामंत्री चिरंजीवी उर्फ धुरी यादव (50 वर्ष) को गोलियों से भून दिया। वे अपने पुराने घर से निकल रहे थे, तभी वारदात को अंजाम दिया गया। स्वजनों ने घायल अवस्था में धुरी को मयागंज अस्पताल में भर्ती कराया। जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। घटना के कारणों के बारे में परिजन कुछ भी नहीं बता पा रहे हैं।
पुलिस आशंका जता रही है कि भाड़े के शूटरों से उनकी हत्या कराई गई है। धुरी यादव पर पूर्व में कई बड़े मामलों में आरोप भी लगे थे। कुछ माह पहले उर्दू बाजार में ही एक जमीन के मामले में उन पर केस दर्ज हुआ था। पुलिस मामले की तफ्तीश कर रही है। वे जमीन का भी कारोबार करते थे। उनके भाई शिशुपाल भारती जदयू नेता हैं। घटना की जानकारी मिलते ही एसएसपी आशीष भारती, सिटी एसपी सुशांत कुमार सरोज व सिटी डीएसपी राजवंश सिंह जांच के लिए अस्पताल पहुंचे। जरूरी कार्रवाई के बाद उनके शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया।
बदमाशों ने 4 नवंबर 2019 की शाम करीब छह बजे धुरी यादव को गोली मारी। जिस समय उन्हें गोली मारी गई, उर्दू बाजार निवासी अजय कुमार सिंह साथ थे। वे पेशे से शिक्षक हैं। एसएसपी समेत अन्य अधिकारियों ने उनसे घटना के बारे में जानकारी ली। अजय के मुताबिक 5.39 बजे उन्होंने धुरी यादव को फोन कर घर से बुलाया। वे उनके साथ बाइक पर बैठकर काली मंदिर गली में सबौर मीट वाले के यहां काली पूजा का चंदा लेने साथ निकले। उन्होंने मंदिर के पास उसे उतार दिया और दुकान वाले से चंदा लेने के लिए भेज दिया।
गली होते हुए उर्दू बाजार की तरफ भागे शूटर
अजय ने दुकान से लौटकर उन्हें बताया कि चंदा दूसरे दिन मिलेगा। इतने में ही पास ही छोटे मैदान से दो बदमाश हाथों में हथियार लेकर पहुंचे और गाली देते हुए पहली गोली धुरी यादव के सिर के बींचों बीच मार दी। उनके गिरते ही एक गोली सीने के बगल में और एक गोली जांघ में मार दी। इसके बाद वे दोनों दूर खड़ी एक बाइक पर बैठकर गली होते उर्दू बाजार की तरफ भाग निकले। गोली मारते ही अजय जान बचाते हुए धुरी यादव के घर की तरफ हल्ला करते हुए भागे। तब जाकर लोगों को इसके बारे में जानकारी हुई।
एसएसपी आशीष भारती ने कहा कि धुरी यादव हत्याकांड में बदमाशों की गिरफ्तारी के लिए सिटी एसपी के नेतृत्व में एसआइटी का गठन किया गया है। पुलिस हर ¨बदु पर तफ्तीश कर रही है। तकनीकी जांच भी शुरू कर दी गई है।
अस्पताल में लोगों की लगी भीड़
धुरी यादव को अस्पताल ले जाने के बाद उन्हें गोली लगने की बात शहर में आग की तरह फैली। बड़ी संख्या में लोग मायागंज अस्पताल पहुंच गए। अस्पताल में सुरक्षा के दृष्टिकोण से छह थानों की पुलिस समेत अन्य फोर्स को तैनात कर दिया गया था। घटनास्थल पर भी जांच के लिए एसएसपी समेत अन्य अधिकारी पहुंचे थे। पुलिस गली और आसपास लगे सीसीटीवी कैमरे खंगाल रही है, ताकि शूटर के बारे में जानकारी मिल सके।
जांच के लिए घटनास्थल पर पहुंची फोरेंसिक टीम
फोरेंसिक टीम जांच के लिए घटनास्थल पर पहुंची थी। टीम में शामिल लोगों ने वहां से खून का नमूना इकट्ठा किया। वे लोग अपने साथ उसे जांच के लिए ले गए। उन्होंने वहां की नापी भी की, ताकि पता चल सके कि उन्हें कितनी दूरी से गोली मारी गई। धुरी यादव की जिस समय हत्या हुई, वे अपनी बाइक पर थे।
रेकी के बाद भाड़े के शूटरों से कराई धुरी की हत्या
धुरी यादव की हत्या में पुलिस ने अलग-अलग बिंदुओं पर तफ्तीश शुरू कर दी है। जिस तरह से बदमाशों ने धुरी यादव के सिर के बीचोंबीच पिस्टल सटाकर गोली मारी, पुलिस आशंका जता रही है हत्या रेकी के बाद शार्प शूटरों से कराई गई है। हालांकि अब तक हत्या के पीछे किन लोगों का हाथ है। इसके बारे में परिवार वाले भी स्पष्ट नहीं बता पा रहे हैं। पुलिस इसे हाईप्रोफाइल हत्याकांड मान रही है। इसमें बड़े लोगों की संलिप्तता भी हो सकती है।
तकनीकी जांच की शुरू
पुलिस ने मामले को लेकर तकनीकी जांच शुरू कर दी है। धुरी यादव और संदिग्धों के मोबाइल नंबर खंगाले जा रहे हैं। तकनीकी सेल की टीम को इसे लेकर सक्रिय कर दिया गया है। जरूरत पडऩे पर पुलिस घटनास्थल पर सक्रिय मोबाइल नंबरों की भी जांच करेगी। ताकि पता चल सके कि आसपास कौन से नंबर लगातार संपर्क में थे।
शूटरों को थी पल-पल की जानकारी
धुरी के घर से निकलने से लेकर लौटने तक हर पल की जानकारी शूटरों को थी। इस कारण उन्हें आसानी से निशाना बनाया गया। पुलिस ने बदमाशों के भागने के हर रास्तों की छानबीन की। ताकि उनके बारे में कुछ जानकारी मिल सके। जो भी सीसीटीवी कैमरे आसपास लगे हैं। उनकी छानबीन में पुलिस जुटी हुई है।
हर दिन जाते थे पुराने मकान पर
स्थानीय लोगों ने बताया कि वे हर दिन काली मंदिर के समीप अपने पुराने घर पर जाते थे। वे खुद की सुरक्षा को लेकर काफी सचेत रहते थे। वे जहां भी निकलते अपने कुछ लड़कों को साथ रखते थे। लेकिन मोहल्ले में बेखौफ होकर घूमते थे। किसी को भी इस बात का अंदाजा नहीं था कि उन्हें घर में ही बदमाश निशाने पर ले लेंगे।
पुरानी अदावत में एक कुख्यात ने धुरी की हत्या का किया था एलान
पुलिस धुरी यादव की हत्या के पीछे के कारणों की तलाश में जुट गई है। पुलिस को जानकारी मिली है कि 2015 में एक कुख्यात ने गिरफ्तारी के बाद धुरी यादव को खुलेआम जान से मारने का एलान किया था। जिस कुख्यात ने धुरी को मारने की बात कही थी, वह धुरी को अपने भाई की हत्या का आरोपित मानता था। हालांकि वह कुख्यात अब जेल से जमानत पर बाहर है। पुलिस के जांच की सुई जमीनी विवाद की भी ओर है। पुलिस ऐसे मामलों को खंगाल रही है, जो जमीन विवाद से जुड़े हुए हैं। उनमें धुरी के दुश्मनी के बारे में पुलिस पता लगा रही है।
करीबी के शामिल होने की आशंका
जिस तरह घर में धुरी की गोलियों से छलनी कर हत्या कर दी गई। पुलिस आशंका जता रही है कि वारदात में उनका किसी विश्वासी व मोहल्ले के किसी का हाथ है। धुरी यादव के पल पल की रिपोर्ट एक दूसरे से शेयर की जा रही थी। मानों उसकी हत्या की तारीख मास्टर माइंड ने पहले ही तय कर रखी थी। पुलिस ने घटना के प्रत्यक्षदर्शी को भी पूछताछ के लिए रखा है ताकि कुछ और जानकारी मिल सके।
नाटे कद के और सांवले थे बदमाश
प्रत्यक्षदर्शी के मुताबिक धुरी यादव को गोली मारने वाले बदमाश नाटे कद के और सांवले दिखते थे। उन लोगों ने सामान्य शर्ट पैंट पहना हुआ था। बदमाशों का मुंह खुला हुआ था। उन्हें कोई नकाब नहीं लगाया था। इससे शूटरों के हिम्मत का अंदाजा लगाया जा सकता है।
पुलिस के लिए बनी चुनौती
यह घटना पुलिस के लिए चुनौती बन गई है। सरेशाम इस तरह की हत्या ने इलाके में पुलिस सुरक्षा की पोल खोल कर रख दी है। आम लोग काफी भयभीत महसूस कर रहे हैं। पुलिस टीम मामले का पर्दाफाश करने और बदमाशों की गिरफ्तारी के लिए लगी हुई है। लेकिन अब तक पुलिस को सही दिशा नहीं मिल पा रही है।
हत्या के बाद इलाके में दहशत का माहौल, पुलिस तैनात
धुरी यादव के परिवार की उर्दू बाजार में दबंग की भी छवि थी। वे समाजसेवा में भी सक्रिय थे। इसको लेकर उनकी हत्या होने से इलाके में दहशत का माहौल हो गया है। सोमवार की शाम उनकी हत्या के बाद ही आसपास के इलाकों में खबर आग की तरह फैल गई। लोगों ने अपने अपने घर के दरवाजे बंद कर लिए। जब जांच के लिए तातारपुर व विश्वविद्यालय पुलिस पहुंची तो कोई कुछ कहने के लिए तक मौजूद नहीं था। दरवाजा खटखटाने के बाद कुछ लोग बाहर निकले। एसएसपी आशीष भारती ने इलाके में पुलिस बल को तैनात कर दिया गया है।
मुंह खोलने को नहीं है कोई तैयार
धुरी की हत्या के कई प्रत्यक्षदर्शी हैं। लेकिन गोलीबारी के बाद कोई भी पुलिस के पास मुंह खोलने के लिए तैयार नहीं था। मोहल्ले वालों का कहना है कि जब धुरी यादव जैसे लोगों को कोई मोहल्ले में घुसकर गोली मार सकता है तो आम लोगों का क्या होगा। उनका पुलिस पर भी काफी आक्रोश था।
मौत की जानकारी होते ही उर्दू बाजार में पसरा सन्नाटा
अस्पताल में धुरी की मौत होने की बात पता चलते ही रामसर से उर्दू बाजार के बीच सड़कों पर सन्नाटा पसर गया। लोग अपने-अपने घरों में चले गए। उर्दू बाजार की दुकानों के शटर धड़ाधड़ गिरने लगे। उस इलाके में काफी संख्या में लॉज हैं। जहां चौक चौराहों पर भीड़ लगी रहती है। घटना के बाद सड़क पर कोई छात्र भी नहीं नजर आया।
धुरी यादव के भाई काली की भी हुई थी हत्या
चार भाइयों में दूसरे स्थान पर रहे धुरी यादव के बड़े भाई काली चरण यादव की भी 1990 के दशक में तातारपुर इलाके में हत्या हुई थी। उस समय तातारपुर, रामसर और उर्दू बाजार का इलाका काफी अशांत था। धुरी यादव पर भी कई बड़े मामलों में गंभीर आरोप लगे थे। इस हत्या ने इलाके में पुराने दौर की याद ताजा कर दी है।
जिला शांति समिति समेत अन्य समितियों में भी थे सक्रिय
धुरी यादव काली पूजा महासमिति के अलाव दुर्गापूजा समिति, जिला शांति समिति समेत शहर के अन्य सामाजिक कार्यों में कुछ वर्षों से काफी सक्रिय थे। उनकी हत्या की खबर सुनने के बाद इन समितियों से जुड़े लोग काफी संख्या में अस्पताल पहुंचे थे। नगर विधायक अजीत शर्मा, भाजपा जिलाध्यक्ष रोहित पांडेय, रौशन कुमार सिंह, डिप्टी मेयर राजेश वर्मा, पूर्व महापौर डॉ वीणा यादव, जिला विधिज्ञ संघ के महासचिव संजय मोदी समेत काफी संख्या में लोग अस्पताल पहुंचे थे। नगर विधायक ने एसएसपी आशीष भारती से हत्यारोपितों की जल्द से जल्द गिरफ्तारी की मांग की। कांग्रेस नेता सुजीत कुमार झा ने भी घटना में शामिल आरोपितों के गिरफ्तारी की मांग की है।
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