Updated: Mon, 29 Sep 2025 11:27 PM (IST)
शाहकुंड थानाध्यक्ष जयनाथ शरण को बांका जिले के मवेशी कारोबारियों से जबरन वसूली के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। सिटी एसपी शुभांक मिश्रा की जांच में आरोप सही पाए गए जिसमें जबरन वसूली और केस दर्ज करने में हेराफेरी शामिल थी। आईजी ने उन्हें निलंबित कर पुलिस केंद्र में मुख्यालय बनाने का आदेश दिया। यह कार्रवाई बांका के एक व्यापारी की शिकायत के बाद की गई।
जागरण संवाददाता, भागलपुर। शाहकुंड थानाध्यक्ष इंस्पेक्टर जयनाथ शरण को बांका जिले के मवेशी खरीद-बिक्री करने वाले कारोबारी से जबरन वसूली मामले में रेंज आईजी विवेक कुमार ने निलंबित कर दिया है।
इस मामले में सिटी एसपी शुभांक मिश्रा ने थानाध्यक्ष जयनाथ शरण की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए आईजी से कार्रवाई की अनुशंसा की थी। सिटी एसपी द्वारा की गई जांच में जबरन वसूली के अलावा केस दर्ज करने में हेराफेरी और वारंट पंजी में घोर लापरवाही बरते जाने की बात सामने आई थी।
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उक्त मामले में रेंज आईजी ने जांच रिपोर्ट और पूरे प्रकरण की विवेचना के बाद जयनाथ शरण को सामान्य जीवन यापन भत्ता पर निलंबित करते हुए उनका मुख्यालय पुलिस केंद्र बना दिया है।
बांका जिले के कारोबारी ने की थी शिकायत बांका जिले के अमरपुर थानाक्षेत्र स्थित दौना पवई निवासी मवेशी खरीद-बिक्री करने वाले मुहम्मद एजाज ने जबरन वसूली करने समेत कई गंभीर आरोप लगा आवेदन दिया था।
उसने जानकारी दी थी कि किस तरह थानाध्यक्ष जयनाथ शरण वैध दस्तावेज होने के बाद भी बिचौलिए की सहायता से जबरन रुपये वसूली कराते हैं। जिस कारोबारी ने रुपये नहीं दिए तो उसके विरुद्ध दुधारू मवेशी की तस्करी के आरोप में झूठा केस दर्ज कर उसे जेल भेजने तक की कार्रवाई कर रहे हैं।
मामले में रेंज आईजी ने 17 अप्रैल को सिटी एसपी शुभांक मिश्रा से जांच कराया था। जांच में सिटी एसपी ने शाहकुंड थानाध्यक्ष जयनाथ शरण पर लगे आरोप को सही पाते हुए जबरन वसूली, विरोध करने वालों पर झूठा केस, वारंट पंजी में हेराफेरी करने की बात सामने आई।
जिसके बाद आईजी ने कार्रवाई करते हुए शरण को निलंबित कर दिया है। जांच के क्रम में यह बात भी सामने आई कि मालखाना प्रभार को लेकर भी अवर निरीक्षक मुकेश कुमार से कई बार अनुरोध किए जाने के बाद भी प्रभार नहीं लिया।
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