सृजन घोटाले की किंगपिन मनोरमा देवी का करीबी सतीश झा गिरफ्तार, दो साल से चल रहा था फरार
सृजन घोटाले की किंगपिन मनोरमा देवी के करीबी सतीश चंद्र झा को सीबीआइ ने गाजियाबाद से गिरफ्तार कर लिया है। सतीश चंद्र झा सृजन महिला सहयोग विकास समिति समिति में आडिटर के पद पर कार्यरत थे। बहुचर्चित सृजन घोटाले की जांच वर्षों से जारी है। वहीं सीबीआइ इस मामले में लगातार अपनी कार्रवाई को अंजाम तक पहुंचाने में जुटी है।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। सृजन घोटाले की किंगपिन मनोरमा देवी के करीबी सतीश चंद्र झा को सीबीआई ने गाजियाबाद से गिरफ्तार कर लिया है। सतीश चंद्र झा सृजन महिला सहयोग विकास समिति समिति में आडिटर के पद पर कार्यरत थे। बहुचर्चित सृजन घोटाले की जांच वर्षों से जारी है।
सीबीआई इस मामले में लगातार अपनी कार्रवाई को अंजाम तक पहुंचाने में जुटी है। अपनी इसी जारी जांच के बीच सीबीआईने मंगलवार को गाजियाबाद से कोआपरेटिव सोसाइटी के ऑडिटर सतीश कुमार झा को गिरफ्तार किया है। सतीश कुमार झा करीब दो वर्ष, यानी 2022 से फरार चल रहे थे।
सतीश को पकड़ने के लिए सीबीआई छापेमारी भी कर रही थी
सतीश को पकड़ने के लिए सीबीआई छापेमारी भी कर रही थी। सतीश की गिरफ्तारी के बाद उन्हें बुधवार को पटना में सीबीआईके विशेष कोर्ट में उन्हें पेश किया जाएगा। इसके बाद उन्हें रिमांड पर पर लेने के लिए भी कोर्ट से आग्रह किया जाएगा। इससे पहले मनोरमा देवी की बहू रजनी प्रिया को भी दिल्ली से सटे साहिबाबाद से गिरफ्तार किया गया था।
2100 करोड़ के सृजन घोटाले में अब तक कई गिरफ्तार
2100 करोड़ के सृजन घोटाले में अब तक कई लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। केंद्रीय जांच ब्यूरो की टीम ने फरार आरोपित बनगांव सहरसा निकासी सतीश झा के आत्मसमर्पण नहीं करने के कारण औद्योगिक थानाक्षेत्र स्थित दीवारों पर कुछ माह पूर्व इश्तेहार चिपका दिया था। आरोपित सतीश झा के फ्लैट पर भी इश्तेहार चिपकाया गया था।
सृजन घोटाले के कई आरोपितों में एक सतीश कुमार झा सोसाइटी, बांका के आडिटर थे। इस घोटाले में उसकी संलिप्तता को देखते हुए सीबीआईने चार्जशीट भी कर दी थी। इसके बाद सतीश के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ, लेकिन गिरफ्तारी के डर से वह फरार चल रहे थे।
सीबीआईने जीरो माइल थाना क्षेत्र और फतेहपुर स्थित अंग विहार अपार्टमेंट के 101 नंबर फ्लैट में इश्तेहार चिपकाया था। सतीश झा की खोजबीन में जुटी सीबीआईने हाल में ही एक मामले में सतीश झा को जमानत दिलाने वाले दो जमानतदारों की जानकारी भी जुटाई थी। एक जमानतदार सहरसा तो दूसरा भागलपुर का था। इसके आधार पर सीबीआईसतीश झा तक पहुंच पाई।
क्या है सृजन घोटाला
लगभग 22 सौ करोड़ का सृजन घोटाला सृजन सहकारी संस्था से जुड़ा है। यहां एक बैंक भी खोला गया था। मनोरमा देवी इसकी संचालिका थीं। कई सरकारी संस्थाओं का पैसा बैंकों के माध्यम से सृजन के खाते में पहुंचता था। सृजन इसे ऋण के रूप में लोगों के बीच में बांटती थी।
मनोरमा देवी के निधन के बाद बैंकों का पैसा वापस नहीं मिल पाया। जब इसकी जांच शुरू हुई तो हड़कंप मच गया। सीबीआईने 25 अगस्त, 2017 को मामले की जांच शुरू की थी। इसमें मास्टरमाइंड मनोरमा देवी, उनके बेटे अमित कुमार, बहू रजनी प्रिया, सतीश झा, विपिन शर्मा, अमरेंद्र यादव, इंदु गुप्ता, अरुण कुमार, जयश्री ठाकुर, पीके घोष व दीपक वर्मा सहित अन्य कई आरोपित बनाए गए थे।
रजनी प्रिया को पिछले वर्ष गिरफ्तार किया गया था। तब गिरफ्तारी के बाद रजनी ने बताया था कि उनके पति अमित कुमार की बीमारी से मौत हो चुकी है। यद्यपि, इसकी सीबीआई ने पुष्टि नहीं की थी।
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