जानिए कौन हैं भागलपुर के संदीप सिंह, जो सीआरपीएफ में डीआइजी बनकर अपराधियों पर लगाएंगे लगाम
संदीप सिंह सीआरपीएफ में डीआइजी बने। भागलपुर के रहने वाले हैं। 14 जुलाई 1993 को वे सीआरपीएफ में सहायक कमांडेंट बने थे। इसके बाद से लगातार वे आगे बढ़ते गए। उन्होंने जम्मू कश्मीर असम झारखंड छत्तीसगढ़ आदि में अपनी सेवा दी।
जागरण संवाददाता, भागलपुर। भागलपुर निवासी स्व. शुकदेव प्रसाद सिंह के पुत्र संदीप सिंह सीआरपीएफ में डीआइजी बन गए। 14 जुलाई 1993 को संदीप ने सीआरपीएफ में सहायक कमांडेंट के रूप में अपनी सेवा शुरू की। 28 वर्ष के कार्यकाल में कई चुनौतियों का संदीप ने बेहतर तरीके से सामना किया। इस कारण उन्हें कई पदोन्नति भी दी गई।
मंगलवार को वे सीआरपीएफ में डीआइजी बने। संदीप उग्रवाद प्रभावित जम्मू कश्मीर, असम से लेकर नक्सल प्रभावित झारखंड, छत्तीसगढ़ आदि में अपनी सेवा दी। वर्ष 2009 में सीआरपीएफ की 189 बटालियन के कमांडेंट के रूप में असम में 286 उग्रवादियों को मुख्यमंत्री के समक्ष आत्मसमपर्ण कराने में अहम भूमिका निभाई। संदीप की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि वे खुद आगे बढ़ कर अभियान का नेतृत्व करते हैं। उन्होंने जमुई के भीमबांध में सीआरपीएफ कैंप स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अमरनाथ यात्रा में भी उन्होंने कई बार सुरक्षा का जिम्मा संभाला। जम्मू-कश्मीर में धारा 370 हटाने के बाद वहां उत्पन्न हुई परिस्थितियों का डटकर मुकाबला किया और इसमें वे पूरी तरह सफल रहे।
अधिवक्ता सुकदेव प्रसाद सिंह के घर दो अक्टूबर 1966 को संदीप का जन्म हुआ। उन्होंने तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय से स्नातक और एलएलबी की शिक्षा प्राप्त की। सीआरपीएफ ज्वाइन करने के बाद उन्हें विदेश में भी सेवा करने का मौका मिला। यूएन मिशन के अधीन प्रिस्टीना (कोसोवो) में उन्हें सेवा देने के लिए चुना गया।
इसी नेतृत्व क्षमता, सूझ-बूझ व रणनीतिक कुशलता के कारण उन्हें आतंरिक सुरक्षा पदक सहित कई अलंकरणों से सम्मानित किया गया। जिसमें, महानिदेशक की डिस्क, यूएन, मिशन के पीसकीपिंग मेडल (शांतिरक्षक पदक) आदि शामिल हैं। लगातार उनके कार्यों की प्रशंसा होती रही है।
भागलपुर के लिए गौरव भरा दिन
सीआरपीएफ में डीआइजी बनने पर संदीप ने भागलपुर का नाम रोशन किया है। यह दिन भागलपुर के लिए गौरव भरा रहा है। उनकी इस उपलब्धि पर लोगों ने उन्हें बधाई दी है। कहा कि संदीप शुरू से मेधावी और देशभक्त है।
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