Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Sahara Group: सहारा समूह की 100 एकड़ जमीन की बिक्री में हो गया झोलझाल, मामला सामने आते ही अधिकारियों के उड़े होश!

    Updated: Sat, 12 Apr 2025 11:11 PM (IST)

    Bihar News In Hindi भागलपुर में सहारा इंडिया की सौ एकड़ जमीन को फर्जी दस्तावेजों के सहारे बेचने की कोशिश का मामला सामने आया है। धोखाधड़ी का केस दर्ज होने के बाद सहारा इंडिया की टीम सक्रिय हो गई है। रीजनल वर्कर विनय कुमार और बृजेंद्र कुमार श्रीवास्तव पुलिस को अहम सबूत सौंपेंगे जिससे आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई हो सके।

    Hero Image
    प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर

    जागरण संवाददाता, भागलपुर। सहारा इंडिया की बेशकीमती भूखंड की बिक्री में हुई हेराफेरी की जांच में जोगसर पुलिस जुट गई है। सौ एकड़ जमीन काे कथित रूप से फर्जी दस्तावेज के सहारे बेचने की कोशिश मामले में धोखाधड़ी का केस दर्ज कराने के बाद सहारा इंडिया की टीम भी सभी अहम साक्ष्य पुलिस पदाधिकारियों को उपलब्ध कराने को लेकर सक्रिय हो गई है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सहारा इंडिया के रीजनल वर्कर विनय कुमार विनय और वर्कर बृजेंद्र कुमार श्रीवास्तव पुलिस पदाधिकारियों को तमाम साक्ष्य उपलब्ध कराएंगे जो यह साफ कर देगा कि केस में नामजद राजकुमार रंजन और रीमा मुखर्जी की तरफ से उपलब्ध कराया गया दस्तावेज फर्जी है।

    सहारा इंडिया के रीजनल वर्कर विनय कुमार विनय ने शुक्रवार को मीडिया के समक्ष यह साफ कर दिया किसहारा इंडिया की कोई भी जमीन भागलपुर परिक्षेत्र में बिकाऊ नहीं है।

    फर्जी दस्तावेज के सहारे जमीन बेचने की कोशिश 

    उन्होंने कहा कि बृजेंद्र कुमार श्रीवास्तव सहारा इंडिया के कार्यालय कार्यकर्ता हैं। जिनकी उपस्थिति पंजी सहारा इंडिया की सौ एकड़ जमीन काे कथित रूप से फर्जी दस्तावेज के सहारे बेचने की कोशिश मामले में धोखाधड़ी का केस दर्ज कराने के बाद सहारा इंडिया की टीम सक्रिय हो गई है।

    इनके विरुद्ध किसी प्रकार की वित्तीय अनियमितता नहीं है। बृजेंद्र कुमार श्रीवास्तव को भागलपुर परिक्षेत्र में सहारा इंडिया के विभिन्न सोसाइटी के जमीन की देखभाल के लिए संस्था ने अधिकृत कर रखा है।

    सहारा के तीनों सोसाइटी अंबुज, अमृता और अनन्या के कुल छह डायरेक्टर ने लिखित रूप से सब रजिस्ट्रार को अवगत कराया है कि रीमा मुखर्जी उनके यहां की कोई स्टाफ नहीं है। ना ही इनको कोई बोर्ड ऑफ रिजोल्यूशन दिया गया है। रीमा और राजकुमार रंजन की तरफ से सभी फर्जी दस्तावेज जमा कराया गया है।

    यह भी पढ़ें-

    स्टेशन रोड पर जल्द मिलेगी जाम से मुक्ति, रेलवे विभाग ने बनाया गजब का प्लान!