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    Road Accident Bhagalpur: गोपालगंज के CO राकेश की मौत, भागलपुर आए थे आने माता-पिता का इलाज कराने

    By Dilip Kumar ShuklaEdited By:
    Updated: Sun, 30 May 2021 11:52 AM (IST)

    Road Accident सड़क हादसे में भागलपुर जिले के पीरपैंती निवासी गोपालगंज जिला के सीओ राकेश कुमार दुबे की मौत हो गई। इस घटना में चालक समेत दो घायल हो गए हैं। वे बैकुंठपुर अंचल के अंचलाधिकारी थे। उनके मां और पिता पहले बीमार हैं।

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    राकेश कुमार दुबे के निधन से हर ओर शोक।

    संवाद सूत्र, पीरपैंती (भागलपुर)। भागलपुर जिले के पीरपैंती बाजार निवासी गोपालगंज जिला के बैकुण्ठपुर अंचल के अंचलाधिकारी 42 वर्षीय राकेश कुमार दुबे की मुसरीघरारी थाना क्षेत्र के गंगापुर स्थित डोभी पुल के निकट एनएच 28 पर शुक्रवार की देर रात सङक दुर्घटना में मौत हो गई। इस दुर्घटना में वाहन चालक समेत एक अन्य व्यक्ति भी गंभीर रूप से घायल हैं। स्थानीय पुलिस के सहयोग से घायलों को सदर अस्पताल भर्ती कराया गया। जहां पिरपैती बाजार के अशोक कुमार को गंभीर हालत में डीएमसीएच रेफर कर दिया गया है।

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    अंचलाधिकारी राकेश दुबे मां मनोरमा देवी का तबीयत खराब होने पर भागलपुर आया था। भागलपुर के एक निजी अस्पताल में मां का इलाज चल रहा था। पीरपैंती में पिता रामस्वरूप दुबे का तबीयत खराब होने की सूचना पर पीरपैंती आया। शुक्रवार को पिता को लेकर भागलपुर अस्पताल में भर्ती करवाया। इसके बाद करीब एक बजे दिन में  ड्यूटी पर गोपालगंज जिला के बैकुंठपुर अंचल के लिए निकल गए थे। इस क्रम में देर रात करीब 12 बजे गंगापुर के डोभी पुल स्थित एनएच 28 पर एक हाइवा ने सामने से सीओ के गाड़ी में जोरदार ठोकर मार दिया। जिससे घटनास्थल पर बुरी तरह जख्मी हो गए, सदर अस्पताल समस्तीपुर में सीओ ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। स्वजनों ने इसकी सूचना सीओ के इलाजरत मां पिता को नहीं दिया है।

    चार भाई में सबसे छोटा थे राकेश

    पीरपैंती बाजार निवासी सेवानिवृत्त सप्लाई इंस्पेक्टर के पुत्र एवं आइआरएस सरोज दूबे के भाई सीओ राकेश दुबे चार भाइयों में सबसे छोटा था। गोपालगंज के बैकुंठपुर में सीओ के पद पर कार्य कर रहे थें। बड़ा भाई संजय दुबे किसान हैं, सरोज दुबे आईआरएस हैं। दिल्ली में आयकर आयुक्त हैं। जबकि सरोज दुबे की पत्नी अल्पना दुबे भी आईएफएस हैं। भारतीय विदेश सेवा में कार्यरत है। तीसरा भाई राजेश दुबे शिक्षक हैं। चौथे नम्बर पर सीओ राकेश दुबे थे।

    सरकारी सेवा से पहले रूड़की में छात्रों को पब्लिक सर्विस कमीशन की तैयारी करवाया करते थे। बिहार लोक सेवा परीक्षा निकालने से पहले रुड़की में प्रतियोगिता परीक्षा की कोचिंग संस्था चलाते थे। खुद यूपीएससी की तैयारी भी करते हैं। एक बार यूपीएससी का पीटी परीक्षा भी पास किया था। पिता रामस्वरूप दुबे आपूर्ति निरीक्षक के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। 2018  में बिहार लोक सेवा अयोग परीक्षा उतीर्ण किया था। राकेश दुबे वर्ष 2018 में  60 से 62 वी बिहार लोक सेवा आयोग परीक्षा पास कर पीरपैंती का नाम रोशन किया था। सीओ का विवाह को लेकर भी बातचीत चल रही थी।

    निधन की जब लोगों को खबर मिली तो किसी को विश्वास ही नही हो रहा था। होनहार पीरपैंती के युवक की मौत की खबर मिलते ही इंटरनेट मीडिया से लेकर उनके पीरपैंती आवास तक पहुंच शोक व्यक्त करने वालों की तांता लग गया। सीओ राकेश दुबे के हृदयविदारक निधन पर उनके छात्रों और ग्रामवासी उनके मिलनसार व्यवहार को याद कर मर्माहत हैं।

    सीओ के निधन पर सांसद अजय कुमार मंडल, विधायक ललन पासवान, प्रमुख रश्मि कुमारी, पूर्व विधायक रामविलास पासवान, अमन पासवान, पूर्व जदयू जिलाध्यक्ष विभूति गोस्वामी, केंद्रीय रेलवे यात्री संघ अध्यक्ष विष्णु खेतान, कांग्रेस अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह, जिप सदस्य पप्पू यादव, मानिकपुर मुखिया उषा देवी, बुलबुल सिंह,सुनील आजाद, अरबिंद साह, जदयू अध्यक्ष विवेका गुप्ता, भाजपा अध्यक्ष मिठू पांडेय, राजद अध्यक्ष रणजीत साह, मिलन सिंह, नारायण साह, अमित कटारुका, मिठू वर्णवाल, रवि शर्मा, पप्पू झा ने शोक व्यक्त किया। स्‍वजनों ने सदर अस्पताल से शव को पोस्टमार्टम के बाद बटेश्वर स्थान, कहलगांव लाया। जहां उनका अंतिम संस्कार किया गया। भाई राजेश दुबे ने मुखाग्नि दी। बटेश्वर स्थान बैकुंठपुर के बीडीओ, पूर्वी चंपारण के बीडीओ सहित अन्य अधिकारी एवं बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि व ग्रामीण भी पहुंचे थे।

    ड्यूटी पर जाने से पहले जरूरतमंदों को वितरण किया था सूखा राशन व मास्क

    पीरपैंती बाजार में राकेश दुबे बहुत ही लोकप्रिय थे।छोटे बच्चे हो या बुजुर्ग सभी से उनका बहुत प्रेम था। जब भी पीरपैंती आते थे युवाओं को पढ़ाई को लेकर प्रेरित करते थे। भागलपुर व पीरपैंती  के निसहाय युवाओ को निःशुल्क प्रतियोगिता का पढ़ाई करवाते थे। पीरपैंती बाजार के युवा उनका फेन था। समाज के गरीब तबके के लोगों के घर जाकर पढ़ने वाले युवाओं को प्रेरित कर पढ़ाई के प्रति जागरूक करते थे। दो दिन पीरपैंती में जरूरतमंदों  के बीच सूखा राशन, मास्क का वितरण किये थे।

     

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