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    राजद विधायक अली अशरफ सिद्दीकी ने कहा-सामुदायिक किचेन के नाम पर सिर्फ धांधली, विधानसभा अध्यक्ष को दी जानकारी

    By Dilip Kumar ShuklaEdited By:
    Updated: Fri, 28 May 2021 12:08 PM (IST)

    भागलपुर के नाथनगर के राजद विधायक ने स्वास्थ्य केंद्रों में भी सुविधा मुहैया कराने की उठाई मांग। विधानसभा अध्यक्ष वर्चुअल मोड में हुई बैठक। बैठक में उन ...और पढ़ें

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    वर्चुअल मोड में बैठक में शमिल विधायक और विधानसभा अध्यक्ष।

    संवाद सहयोगी, भागलपुर। बिहार विधानसभा के अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा की अध्यक्षता में कोविड-19 से जुड़े मुद्दों पर विधायकों के साथ वर्चुअल मोड में बैठक किया गया। बैठक के दौरान नाथनगर विधायक अली अशरफ सिद्दीकी ने सरकार की ओर से प्रखंडों में संचालित सामुदायिक किचेन की व्यवस्था और गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने का मामला उठाया।

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    उन्होंने अपने विधानसभा क्षेत्र के सबौर, जगदीशपुर और नाथनगर के सामुदायिक किचेन में अव्यवस्था को अध्यक्ष के सामने उजागर किया। विधायक ने अपने क्षेत्र के स्वास्थ्य केंद्रों की बुनियादी समस्याओं को भी दूर करने की बात कही। अस्पतालों में सुविधा बढ़ाने के लिए आवश्यकता की पूर्ति करने की बात कही। साथ ही जांच और टीकाकरण में गति लाने की भी बात कही। विधायक फंड का सरकार द्वारा दो करोड़ काटी गई राशि कोविड-19 खर्च करने की बात से सहमत होते हुए विधायक ने कहा की उस राशि को कोविड-19 मे खर्च किया जाए। लेकिन विधायक की अनुशंसा पर राशि खर्च हो।

    सनद हो की विधायक ने सबौर में चल रहे सामुदायिक किचन का जांच किया था, जिसमें अव्यवस्था का आलम था ।लोग खाने नहीं आ रहे हैं। लेकिन खाने वालों की लंबी लिस्ट बनाई जा रही है। साफ सफाई के नाम पर घास पर बेंच रखकर लाभुकों को भोजन कराया जा रहा है। बारिश होते ही भोजन स्थल कीचड़ से सराबोर हो जाती है। भोजन में गुणवत्ता की घोर कमी है। जगह का चयन सही नहीं होने के कारण और कहीं भी प्रचार प्रसार के नाम पर वोर्ड तक नहीं लगाए जाने के कारण सामुदायिक किचन तक लोग नहीं पहुंच पा रहे हैं।

     

    जिम्मेदार अधिकारी उपस्थित नहीं रहते हैं। आनाधिकृत व्यक्ति से सामुदायिक किचन संचालित कराया जाता है। सामुदायिक किचेन लूटो और बांटो की तर्ज पर चल रही है। विधानसभा के तीनों सामुदायिक किचन की कमोवेश यही स्थिति है। विधायक ने जनहित को देखते हुए कोरोना आपदा  कुछ लोगों के लिए अवसर बन गया है। ऐसी स्थिति देख विधायक ने मामले को विधानसभा तक पहुंचाया है।