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    नहीं रहीं कटिहार की बहू-पूर्णिया की बेटी मैथिली की प्रख्यात साहित्यकार लिली रे, सीएम नीतीश कुमार ने व्यक्त किया शोक

    By Shivam BajpaiEdited By:
    Updated: Fri, 04 Feb 2022 12:41 PM (IST)

    गुरुवार को मैथिली की प्रख्यात साहित्याकार लिली रे का निधन हो गया। 89 वर्ष की उम्र में लिली ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया। 26 जनवरी को ही उन्होंने अपना 92वां जन्मदिन मनाया था। वे कटिहार की बहू थीं तो पूर्णिया की बेटी।

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    मिला था मरीचिका उपन्यास के लिए 1982 में साहित्य अकादमी का पुरस्कार।

    आनलाइन डेस्क, भागलपुर: मैथिली की प्रख्यात साहित्यकार लिली रे का गुरुवार को निधन हो गया। उन्हें उनके उपन्यास मरीचिका के लिए 1982 में साहित्य अकादमी का पुरस्कार प्रदान किया गया था। लिली रे ने साहित्य की दुनिया में मैथिली के साथ-साथ बिहार का मान भी बढ़ाया। बीती 26 जनवरी को लिली ने अपना जन्मदिन मनाया था। उनके निधन की खबर के बाद सीएम नीतीश कुमार समेत कई राजनीतिक हस्तियों ने शोक व्यक्त किया।

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    सीएम नीतीश कुमार ने शोक व्यक्त करते हुए कहा, 'मैथिली की प्रख्यात साहित्यकार लिली रे जी का निधन दुःखद। लिली रे जी का मैथिली साहित्य के विकास में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उन्हें वर्ष 1982 में मैथिली उपन्यास ‘मरीचिका’ के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। दिवंगत आत्मा की चिर शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना है।'

    (लिली रे की रचनाएं)

    मैथिली साहित्य की परंपरा को जीवंत करने वाली लिलि रे के जीवन की शुरूआत पूर्णिया में हुई। उनका निधन दिल्ली में हुआ। लिली रे का मायका पूर्णिया जिले के रामनगर में था। 28 जनवरी, 1945 को उनकी शादी कटिहार जिले के दुर्गागंज निवासी डॉ. हरेन्द्र नारायण राय से हुई।

    • जन्म: 26 जनवरी 1933
    • जन्म स्थान: पूर्णिया बिहार

    वे स्थायी रूप से पश्चिम बंगाल के सिलीगुढ़ी में रह रहीं थीं। इन दिनों वे अपने बेटे के पास दिल्ली में थीं। परिवारिक पृष्ठ भूमि की बात करें तो उनके पति डाक्टर थे। वहीं,  दो पुत्रों में बड़े वाले पुत्र प्रोफेसर रवींद्र नारायण रे दिल्ली के जेएनयू में कार्यरत थे, जिनका तीन साल पहले निधन हो गया। जबकि दूसरे पुत्र अरविंद नारायण रे आईएएस मुख्य सचिव दिल्ली के पद से सेवानिवृत हो चुके हैं। उन्हीं के पास लिली रह रहीं थीं।

    उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन ने शोक व्यक्त करते हुए कहा, 'मैथिली साहित्य के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देने वाली, साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित, प्रख्यात मैथिली साहित्यकार लिली रे जी का निधन अत्यंत दुखद है। मैथिली साहित्य जगत को उनके निधन से बड़ी क्षति हुई है। दुआ कर रहा हूं कि परिजनों व प्रशंसकों को दुख सहने की शक्ति मिले।'