बिहार के विद्यालयों में प्रधानाध्यापक की बहाली; अनुभव प्रमाण पत्र के लिए बदल गया नियम, इस तरह करें आनलाइन आवेदन
बिहार के विद्यालयों में प्रधानाध्यापक की बहाली प्रधानाध्यापक की बहाली में अनुभव प्रमाण पत्र के लिए नहीं लगाना होगा कार्यालय का चक्कर। विद्यालय के प्रध ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, भागलपुर। शिक्षा विभाग ने सभी सरकारी विद्यालयों में प्रधानाध्यापकों की नियुक्ति का निर्णय लिया है। प्रधानाध्यापक पद पर नियुक्ति के लिए बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा बहाली प्रक्रिया निकाली गई है। आनलाइन आवेदन भरने के दौरान शिक्षकों से अनुभव प्रमाण पत्र भी मांगे जा रहे हैं। अनुभव प्रमाण पत्र के लिए शिक्षक जिला शिक्षा पदाधिकारी और जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना के कार्यालयों का चक्कर लगाने को विवश हो गए थे। अब विभाग ने शिक्षकों को बड़ी राहत दी है।
निदेशक प्राथमिक शिक्षा रवि प्रकाश ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी को पत्र लिख कर कहा है कि पंचायती राज संस्थान या नगर निकाय संस्थान में कार्यरत प्रशिक्षित शिक्षक, स्नातक शिक्षक, जो दो वर्ष से अधिक समय से कार्यरत हैं, उनकी सेवा स्वत: संपुष्ट मानी जाएगी। इसके लिए अलग से अनुभव प्रमाण पत्र निर्गत करने की जरूरत नहीं है। मूल कोटि के शिक्षकों के लिए उस विद्यालय के प्रधानाध्यापक या वरीय शिक्षक अनुभव प्रमाण पत्र निर्गत कर सकेंगे।
अभ्यर्थी अगर स्वयं विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक पद पर कार्यरत होंगे, तो उनके लिए प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी अनुभव प्रमाण पत्र निर्गत करेंगे। चयन होने के बाद अभ्यर्थियों के अनुभव प्रमाण पत्र को जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना सत्यापित करेंगे। इधर, प्रारंभिक माध्यमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष शेखर गुप्ता ने कहा कि सरकार के इस निर्णय का शिक्षकों को बहुत लाभ मिलेगा। उन्हें अनावश्यक कार्यालय का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार ने कहा कि शिक्षकों को इस निर्णय से काफी लाभ मिलेगा। वे बिना किसी परेशानी के आनलाइन आवेदन कर सकेंगे।
डीडीसी ने किया आंगनबाड़ी केंद्र का उद्घाटन
जगदीशपुर प्रखंड की जमनी पंचायत अंतर्गत मुस्लिम टोला में सोमवार को केंद्र संख्या 101 के नये भवन का उद्घाटन डीडीसी प्रतीभा रानी ने फीता काटकर किया। उद्घाटन के बाद प्रथम बार गर्भधारण करने वाली महिला की फल और हरी सब्जियों से भरी थाली से गोद भराई की। ऐसे प्रत्येक माह सात तारीख को गोद भराई का रस्म आंगन वाड़ी केंद्रो पर की जाती है। मालूम हो कि 8.23 लाख रुपये की लागत से नये भवन का निर्माण कराया गया है। इसमें दो लाख रुपये आइसीडीएस फंड से और शेष मनरेगा विभाग से राशि खर्च की गई है। नये भवन सारी सुविधाओं से सुसज्जित थी। बच्चों को बैठने के लिए टाइल्स लगा फर्श, शौचालय, किचन और चहारदिवारी के अंदर खेलने के लिए खाली जगह। प्रखंड में इस तरह की सुविधा युक्त भवन कम ही हैैं।। सीडीपीओ रूबी सिंह ने बताया कि प्रत्येक पंचायत में एक भवन मोडल बनना है जिसकी प्रक्रिया चल रही है। इस अवसर पर बीडीओ तरुण केशरी, पीओ जितेंद्र कुमार, लेखापाल रूपेश कुमार झा, एलएस रीता, अन्नू, रेखा, संगीता कुमारी, सेविका रुकवाना खातून सहित दर्जनों लोग मौजूद थे।

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