रेड लेडी पपीता, लीची के शहद व मशरूम के पकौड़े ने किया कमाल, आपको कर देंगे मालामाल
भागलपुर में किसान मेला-सह-प्रदर्शनी का समापन हो गया। प्रदर्शनी में गमले में लगे एप्पल बेर और अंजीर आकर्षण का केंद्र रहे। मालभोग केला, रेड लेडी पपीता द ...और पढ़ें

भागलपुर में किसान मेला सह प्रदर्शनी
जागरण संवाददाता, भागलपुर। किसान मेला-सह-प्रदर्शनी कार्यक्रम का समापन हो गया। प्रदर्शनी में गमले में फले एप्पल बेर और अंजीर लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र रहा है। साथ ही ड्रैगन फ्रूट व लाल अमरूद देखकर किसानों के चेहरे लाल हो गए। मालभोग केला, रेड लेडी पपीता देख किसान दांतों तले अंगुली दबा ली। गमले में छोटे से एप्पल बेर के पौधे में सौ से अधिक फल लगे थे। अंजीर का भी वही हाल था। ये पौधे एक शिक्षक ने अपने घर में गमले में लगाया है। वहीं मेले में सबसे अधिक बिक्री मशरूम के पकोड़े की हुई। ठंड के मौसम किसान मेले में आए हर कोई मशरूम के पकौड़े को चखना चाह रहे हैं। शहजन, जामुन व लीची के शहद के काउंटरों पर पूरे दिन भीड़ लगी रही। बटेर पालन को लेकर किसान जानकारी लेते रहे। विभिन्न विभागों के स्टाल से किसान जानकारी प्राप्त करते रहे।
ठंड में किसान मेला सह प्रदर्शनी में उमड़ी भीड़
किसान मेला-सह-प्रदर्शनी कार्यक्रम के दूसरे दिन के मुख्य अतिथि बाल श्रमिक आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष राजीव कांत मिश्रा के साथ कृषि विज्ञान केंद्र के कृषि वैज्ञानिक ई. पंकज कुमार, जिला कृषि पदाधिकारी प्रेम शंकर प्रसाद, डीडी नाबार्ड अर्चना प्रिया व उप परियोजना निदेशक आत्मा प्रभात कुमार सिंह मंचासीन थे।

मशरूम पकौड़े की खूब हुई बिक्री
किसान मेला में प्रत्येक प्रखंड से 20-20 महिला किसानों को परिभ्रमण कराया गया तथा 10-10 किसानों को प्राकृतिक खेती विषय पर प्रशिक्षण कार्यकम आयोजित कर कृषि वैज्ञानिक के द्वारा तकनिकी जानकारी प्रदान की गई। इस अवसर पर महिला किसानों की उत्साहपूर्ण भागीदारी देखने को मिली। मेले में लगाए गए विभिन्न स्टाल के माध्यम से कृषि तकनीकों, नवाचारों एवं योजनाओं की जानकारी किसानों को दी गई।
राजीव कान्त मिश्रा द्वारा कृषि उत्पादन, कृषि उत्पादों को बाज़ार से जोड़ने की तकनीक तथा किसानों की आय वृद्धि से जुड़े महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तार से प्रकाश डाला गया। साथ ही कृषि विभाग में उत्कृष्ट कार्य के लिए कृषि समन्वयक, किसान सलाहकार एवं अन्य कर्मियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। कृषि वैज्ञानिकों एवं विशेषज्ञ के द्वारा किसानों को उत्पादन की गुणवता, मूल्य संवर्धन एवं विपणन से संबंधित आवश्यक जानकारी प्रदान की गई।
महिलाओं की भीड़ सर्वाधिक
प्रदर्शनी में विभिन्न प्रखंडों से आए कृषि उधमी, कृषि उत्पाद कंपनी, खाद्य सुरक्षा समूह, जीविका संगठन, बुनकर एवं प्रगतिशील किसानों ने स्टाल लगाकर एवं कृषि प्रादर्श मशरूम, शहद, आचार, पापड, बरी, फल एवं सब्जी तथा अन्य उत्पाद के माध्यम से अपने उत्पाद को प्रदर्शित किया। मेला में भाग लेने वाले किसानों को उनके उत्कृष्ट कृषि उत्पाद के लिए एवं स्टाल लगाने वाले कृषि एवं सम्बद्ध विभाग, एफपीओ, कृषि उधमी एवं महिला किसानों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम में उपस्थित डीडी नाबार्ड ने किसानो को बताया कि नाबार्ड के माध्यम से कृषि विकास के लिए विभिन्न प्रकार की वितीय एवं तकनीकी सहायता उपलब्ध कराई जाती है। नाबार्ड द्वारा किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ), स्वयं सहायता समूहों, कृषि आधारित उद्यमों तथा नवाचारों को बढ़ावा देने के लिए ऋण, अनुदान एवं प्रशिक्षण की सुविधाएं प्रदान की जाती हैं। योजनाओं के माध्यम से किसानों को खेती को बाज़ार से जोड़ने, भंडारण, प्रसंस्करण, मूल्य संवर्धन तथा विपणन से संबंधित सहायता प्राप्त हो सकती है, जिससे किसानों की आय में वृद्धि संभव है। साथ ही, प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन, सिंचाई सुविधाओं के विकास एवं टिकाऊ कृषि पद्धतियों को अपनाने में भी नाबार्ड महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

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