श्री राणी सती दादी जी मंदिर
चुनिहारी टोला स्थित मां जगदंबा की महिमा निराली है। देवी की पूजा-अर्चना से समाज के लोग फल फूल रहे हैं। यहां के लोग देवी के दरबार में माथा टेके कर शुभ कार्य का शुभारंभ नहीं करते हैं।
भागलपुर। चुनिहारी टोला स्थित मां जगदंबा की महिमा निराली है। देवी की पूजा-अर्चना से समाज के लोग फल फूल रहे हैं। यहां के लोग देवी के दरबार में माथा टेके कर शुभ कार्य का शुभारंभ नहीं करते हैं। मंदिर का इतिहास इतिहास
इस मंदिर का गौरवशाली इतिहास है। वर्ष 1940 में देवी के मंदिर की स्थापना की गई थी। ऐसी मान्यता है कि राजस्थान से निकल कर जब मारवाड़ी समाज के लोग देश के विभिन्न क्षेत्रों में बसे तो हर जगह उन्होंने श्री राणी सती दादी जी के मंदिर का भी निर्माण कराया। इसी क्रम में यहां भी दादी के भक्तों ने माता के मंदिर की स्थापना की। खासियत
जब से मंदिर बना है, तभी से भागलपुर के विभिन्न क्षेत्रों में रहने वाले दादी भक्तों के द्वारा हर साल चैती और शारदीय नवरात्र धूमधाम से मनाया जाता है। इस दौरान विशेष रूप से महाआरती, वेदी पूजन, दुर्गा सप्तशती का पाठ, महाभोग रोजाना नौ दिनों तक चढ़ाया जाता है। ऐसे पहुंचे मंदिर
स्टेशन चौक हो या खलीफाबाग चौक से एक किलोमीटर की दूरी तय कर सड़क मार्ग से राणी सती मंदिर पहुंच सकते हैं। निजी वाहन व रिक्शा से भी मंदिर तक सहजता से पहुंचा जा सकता है। कोट..
मां जगदंबा राणी सती दादी जी का शारदीय नवरात्रा में भक्तगण पूरी नेमनिष्ठा के साथ पूजा करते हैं। सुबह-शाम यहां महाआरती का आयोजन होता है। पूरे मंदिर को रोशनी व रंग-बिरंगे फूलों से सजाया जाता है। हर दिन आरती के बाद भक्तजनों के बीच महाप्रसाद का वितरण किया जाता है।
चांद झुनझुनवाला, प्रबंधक