RamNavami: भगवान राम के जन्म के दिन क्यों की जाती है हनुमान की विशेष पूजा, जानिए...
RamNavami चैत्र शुक्ल पक्ष नवमी तो रामनवमी है। भगवान राम का इसी दिन जन्म हुआ है। भगवान राम के जन्म के दिन उनके सबसे प्रिय भक्त हनुमान की पूजा की जाती है। यहां तक कि इस दिन महावीरी ध्वजा लहराया जाता है।

भागलपुर, ऑनलाइन डेस्क। भए प्रकट कृपाला दीनदयाला कौशल्या हितकारी। चैत्र शुक्ल पक्ष नवमी को भगवान राम का जन्म हुआ था। त्रेता युग में अयोध्या में महाराज दशरथ और कौशल्या के घर भगवान ने स्वयं मनुष्य के रूप में अवतार लिया था। अवतार के पूर्व देवी-देवताओं ने भगवान से धरती पर अवतार लेने की प्रार्थना की थी, ताकि धरा असुरविहीन हो सके। सभी को राम के जन्म का इंतजार था। भगवान राम के जन्म को उत्सव के रूप में मनाया जाता है। नवमी तिथि होने के कारण इस दिन को रामनवमी कहते हैं।
भक्त के लिए समर्पित रहा है भगवान राम का जीवन
भगवान राम का जीवन भक्तों के लिए समर्पित रहा है। भगवान राम से सबसे प्रिय भक्त हनुमान हैं। हनुमान को भी राम के जन्म का इंतजार था। भगवान राम के जन्म के पहले ही हनुमान इस धरा पर आ गए थे। राम की प्रतीक्षा में हनुमान ने काफी समय गुजारा।
राम ने जिसे छोड़ा वह डूब गया
एक कथा प्रसंग के दौरान लंका जाने के पूर्व समुद्र पर पुल बनाया जा रहा था। पत्थर समुद्र में तैर रहे थे। पुल बनता देख भगवान राम ने एक पत्थर समुद्र में फेंका। वह डूब गया। इस दृश्य को हनुमान ने देख लिया। इस घटना के बाद हनुमान भगवान राम के पाए आए। उन्होंने कहा कि आप जिसे छोड़ देंगे वह तो डूब ही जाएगा।
भक्तों के कल्याण के लिए भगवान राम ने अवतार लिया
भक्तों के कल्याण के लिए भगवान राम ने अवतार लिया था। उनका संपूर्ण जीवन भक्तों के लिए समर्पित रहा है। कई प्रसंगों ने उनके ज्यादा शक्तिशाली उनके भक्तों को दिखाया गया है। हनुमान राम से सबसे प्रिय और अनन्य भक्त हैं। इस कारण राम ने कभी भी हनुमान का साथ नहीं छोड़ा। भक्तशिरोमणि होने के कारण राम के जन्म के लिए हनुमान की विशेष पूजा होती है। यहां यह भी जानना जरुरी है कि भगवान राम का कहीं भी मंदिर हो वहां हनुमान को विशेष स्थान मिला हुआ है। यहां तक कि रामनवमी के लिए महवीरी ध्वजा लहराया जाता है। इसे विजय पताका के रूप में देखा जाता है। हनुमान की विशेष पूजा होती है। राम की कृपा पाने के लिए हनुमान की कृपा जरुरी है। इसलिए अगर आप राम को प्रसन्न करना चाहते हैं हनुमान की विशेष पूजा करें। हनुमान के हृदय में हमेशा राम और सीता विराजमान रहते हैं। एक बार राम ने खुद हनुमान से कहा था कि हमारे जन्म के दिन तुम्हारी ही पूजा होगी।
रामनवमी के दिन कन्या पूजन भी करें
इस दौरान चैत्री नवरात्र रहता है। मां दुर्गा की आराधना होती है। नवमी तिथि पर कुंवारी कन्या का पूजन जरुर करें। संभव तो पहले पूजा के दिन एक कन्या, दूसरे पूजा के दिन दो कन्या, तीसरे पूजा के दिन तीन कन्या, इसी प्रकार नवमी के दिन नौ कन्याओं का पूजन करें। कन्या को दुर्गा के रूप में देखा जाता है।
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