Raksha Bandhan 2025: इस समय गलती से भी ना बांधें राखी, एक क्लिक में जान लीजिए शुभ मुहूर्त
रक्षाबंधन 9 अगस्त को मनाया जाएगा। पूर्णिमा तिथि 8 अगस्त को शुरू होकर 9 अगस्त को दोपहर 133 तक रहेगी। इस बार भद्राकाल नहीं है और श्रवण नक्षत्र व आयुष्मान योग का संयोग बन रहा है। बाजार में राखी की खूब बिक्री हो रही है खासकर कार्टून करेक्टर वाली राखियों की मांग ज्यादा है।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। रक्षाबंधन नौ अगस्त को है। हालांकि, पूर्णिमा का प्रवेश आठ अगस्त शुक्रवार को ही हो जाएगा। इस बार रक्षा बंधन पर भद्राकाल नहीं है। साथ ही इस दिन श्रवण नक्षत्र व आयुष्मान योग का संयोग बन रहा है।
जगन्नाथ मंदिर के पंडित सौरभ कुमार मिश्रा ने बताया कि मिथिला पंचांग के अनुसार, सावन पूर्णिमा की तिथि की शुरुआत आठ अगस्त को दोपहर 1:49 मिनट से होगी। इस तिथि का समापन अगले दिन नौ अगस्त को दोपहर 1:33 मिनट पर होगा। ऐसी स्थिति में नौ अगस्त को ही रक्षाबंधन मनाया जाएगा।
उन्होंने बताया कि सावन की पूर्णिमा तिथि एक दिन पहले ही शुरू हो जाएगी, लेकिन रक्षाबंधन नौ अगस्त को राखी बांधने का समय 1.33 मिनट तक ही है, क्योंकि इस दिन पूर्णिमा तिथि 1.33 बजे तक ही है। इसके बाद प्रतिपदा तिथि यानी पड़वा लग जाएगी। पड़वा में भी राखी बांधना शुभ नहीं कहा गया है।
उन्होंने बताया कि इस बार किसी प्रकार का भद्रा का साया नहीं है। उदयातिथि होने के कारण रक्षाबंधन का पर्व नौ अगस्त को मनाया जाएगा। राखी बंधवाने का शुभ समय सुबह 5:35 बजे से लेकर दोपहर 1:24 बजे तक व विशेष शुभ मुहूर्त अभिजीत मुहूर्त 11:25 से 12:30 तक है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, राखी बंधवाते समय भाई का मुख पूरब दिशा में और बहन का पश्चिम दिशा में होना चाहिए। भाई के मस्तक पर तिलक जरूर लगाएं। इस बार 95 वर्षों के बाद शनि पूर्णिमा का योग भी रक्षाबंधन पर बन रहा है। इन योग में लक्ष्मी नारायण जी की पूजा करने और राखी बांधने से दोगुना फल मिलेगा।
बाजार में राखी की खूब हुई बिक्री:
बाजार व गली-मोहल्ले की दुकानें में गुरुवार को राखी की खूब बिक्री हुई। राखी विक्रेता मनीष सिघानिया ने बताया कि बाजार में ब्रो लिखा राखी, ओम, श्री, स्वास्तिक के अलावा बच्चों की राखी में बाहुबली, छोटा भीम, मोटू-पतलू, डोरेमान आदि राखी खूब बिकी।
अधिकांश ग्राहकों ने 20 रुपये से लेकर 150 रुपये तक की राखी खरीदी। काटूर्न के पसंदीदा करेक्टर वाली राखियों की डिमांड सबसे अधिक रहीं।
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