Srijan Scam: पूर्व जिला भू-अर्जन पदाधिकारी की PF भुगतान संबंधी रिपोर्ट तलब, 8 सितंबर को होगी अगली सुनवाई
पूर्व जिला भू-अर्जन पदाधिकारी राजीव रंजन सिंह की भविष्य निधि के भुगतान के संबंध में रिपोर्ट तलब की गई है। सामान्य प्रशासन विभाग ने उनकी भविष्य निधि के संबंध में पूरी जानकारी मांगी है।विभाग को सोमवार तक रिपोर्ट भेज दिए जाने की संभावना है। विभाग की ओर से जानकारी मांगी गई है कि राजीव रंजन सिंह के भविष्य निधि खाते की क्या स्थिति है।

जागरण संवाददाता, भागलपुर: पूर्व जिला भू-अर्जन पदाधिकारी राजीव रंजन सिंह की भविष्य निधि के भुगतान के संबंध में रिपोर्ट तलब की गई है। सामान्य प्रशासन विभाग ने उनकी भविष्य निधि के संबंध में पूरी जानकारी मांगी है।
विभाग को सोमवार तक रिपोर्ट भेज दिए जाने की संभावना है। विभाग की ओर से जानकारी मांगी गई है कि राजीव रंजन सिंह के भविष्य निधि खाते की क्या स्थिति है। भुगतान कब होना था। किस कारण से भुगतान रुका हुआ है।
क्या बोले जांच आयुक्त?
दरअसल, राजीव रंजन सिंह पर सृजन घोटाला मामले में विभागीय कार्यवाही चल रही है। विभागीय कार्यवाही की सुनवाई पूरी होने और फैसला आने के बाद ही उनकी भविष्य निधि के संबंध में कोई निर्णय लिया जा सकता है।
इधर, सृजन घोटाला मामले में आरोपित पूर्व जिला भू-अर्जन पदाधिकारी राजीव रंजन सिंह को प्रस्तुतिकरण पदाधिकारी ने बैंक स्टेटमेंट समेत सभी कागजात उपलब्ध करा दिए हैं, लेकिन सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव सह विभागीय कार्यवाही के जांच आयुक्त प्रेम सिंह मीणा को राजीव रंजन सिंह ने कहा कि जो बैंक स्टेटमेंट मिला है, वह पुराना है।
उन्होंने जो बैंक स्टेटमेंट मांगा है, वह नहीं मिला है। इस पर प्रस्तुतिकरण पदाधिकारी ने कहा कि कार्यालय में जो बैंक स्टेटमेंट उपलब्ध था, वह दे दिया गया है।
कागजात की मांग की
पूर्व जिला भू-अर्जन पदाधिकारी पर चल रही विभागीय कार्यवाही की पटना में हुई सुनवाई के दौरान जांच आयुक्त ने दोनों पक्षों की बातें सुनने के बाद सुनवाई की अगली तिथि आठ सितंबर निर्धारित कर दी है।
पूर्व जिला भू-अर्जन पदाधिकारी राजीव रंजन सिंह ने जांच आयुक्त को पिछली सुनवाई के दौरान कहा था कि उनके द्वारा पूर्व में कागजात की मांग की गई थी, उनमें से कुछ ही कागजात प्रस्तुतिकरण पदाधिकारी द्वारा उपलब्ध कराए गए हैं। उनके द्वारा आवेदन देकर कुछ और कागजात की मांग की गई है।
इसकी एक प्रति प्रस्तुतिकरण पदाधिकारी को उपलब्ध करा दी गई है। इस पर आरोपित पदाधिकारी को निर्देश दिया गया था कि उन्हें जो भी कागजात चाहिए, उसकी एक ही बार में मांग करें।
प्रस्तुतिकरण पदाधिकारी को निर्देश दिया गया है कि अगली तिथि के पूर्व आरोपित पदाधिकारी द्वारा मांगे गए सभी कागजात उपलब्ध करा दें। साथ ही जो कागताज उपलब्ध नहीं करा सकते हैं, उनके संबंध में भी अपना स्पष्ट निर्णय दें।

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