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    Bihar News: दो साल पहले झारखंड से हुई थी गिरफ्तारी, अब जेल में बंद रूपेश ने हासिल की इतिहास से मास्टर डिग्री

    शहीद जुब्बा सहनी केंद्रीय कारा में बंद रूपेश कुमार ने इंदिरा गांधी ओपन यूनिवर्सिटी से इतिहास विषय में मास्टर की डिग्री हासिल की है। यह उपलब्धि जेल में रहते हुए हासिल की है। इससे पहले रूपेश गांधी विचार विभाग से भी मास्टर की डिग्री हासिल कर चुके हैं। रूपेश को झारखंड के रामगढ़ से माओवादियों से संपर्क को लेकर गिरफ्तार किया गया था।

    By Jagran News Edited By: Mukul Kumar Updated: Wed, 09 Oct 2024 03:20 PM (IST)
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    प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर

    जागरण संवाददाता, भागलपुर। शहीद जुब्बा सहनी केंद्रीय कारा में बंद रूपेश कुमार ने इतिहास विषय से मास्टर की डिग्री हासिल की है। जेल में रहते उन्होंने शासन की अनुमति पर इंदिरा गांधी ओपन यूनिवर्सिटी से यह उपलब्धि हासिल की।

    इसके पूर्व रूपेश गांधी विचार विभाग से भी मास्टर की डिग्री हासिल कर चुके हैं। शहीद जुब्बा सहनी केंद्रीय कारा में रूपेश को 22 जनवरी, 2024 को प्रशासनिक आदेश के बाद लाया गया है। जेल अधीक्षक युसूफ रिजवान ने रूपेश को प्रमाण-पत्र मिलने के बाद मंगलवार को यह जानकारी दी।

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    स्वजन की अर्जी पर कोर्ट ने लिया था संज्ञान

    बिहार-झारखंड के चार जेलों होटवार, सरायकेला, बेऊर और भागलपुर में भेजे जा चुके बंदी रूपेश कुमार की पढ़ाई के प्रति जारी ललक खत्म न हो, इसके लिए स्वजन ने न्यायालय में अर्जी दी थी।

    न्यायालय ने अर्जी पर संज्ञान लेते हुए परीक्षा देने में आने वाली रुकावट को खत्म करते हुए एमए की परीक्षा देने का आदेश दिया था। जेल प्रशासन ने पुस्तकालय और पठन-पाठन से जुड़ी परेशानियों को दूर करते हुए रूपेश की सहायता की।

    झारखंड में गृहनगर रामगढ़ से हुई थी गिरफ्तारी

    झारखंड के रामगढ़ निवासी रूपेश कुमार की 17 जुलाई 2022 को माओवादियों से संपर्क को लेकर गिरफ्तारी हुई थी। इसके पूर्व भी उसे कई बार गिरफ्तार किया जा चुका था।

    रांची के होटवार जेल से फिर उसे एनआइए एक्ट के तहत बिहार के रोहतास जिले में दर्ज एक केस की सुनवाई पूरी करने के लिए पटना के आदर्श केंद्रीय कारा बेऊर लाया गया।

    जेल में मिलने वाली कथित धमकी आदि की शिकायत के बाद उसे प्रशासनिक आदेश पर भागलपुर जेल भेजा गया। तब से रूपेश यहीं बंद है। रोहतास जिले में दर्ज केस को राष्ट्रीय जांच एजेंसी देख रही है।