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    भारत का नया कीर्तिमान: बिहार के मधेपुरा में बने शक्तिशाली इलेक्ट्रिक रेल इंजन ने विश्वभर में दी नई पहचान, Top-6 एलीट ग्रुप में शामिल

    By Shivam BajpaiEdited By:
    Updated: Sun, 21 Aug 2022 06:43 AM (IST)

    Indian Railways News- भारत को विश्वभर में अब शक्तिशाली इलेक्ट्रिक रेल इंजन निर्माण के लिए भी जाना जाएगा। बिहार के मधेपुरा जिले में स्थापित रेल इंजन कारखाना का बोर्ड के बनाए हुए रेल इंजन ने नया कीर्तिमान स्थापित किया है।

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    Indian Railways News- मधेपुरा रेल कारखाना बोर्ड के तैयार इंजन।

    राकेश रंजन, मधेपुरा: फ्रांस की एल्सटाम कंपनी और भारतीय रेलवे (Indian Railways) की संयुक्त साझेदारी में मधेपुरा विद्युत रेल इंजन कारखाना में बनाए गए इंजन ने देश को विश्व के छह एलीट देशों के ग्रुप में लाकर खड़ा कर दिया है। अब भारत छठा ऐसा देश है, जो 12,000 हार्स पावर के इलेक्ट्रिक इंजन का इस्तेमाल करता है। भारत से पहले रूस, चीन, जर्मनी, स्वीडन व फ्रांस ही इतने शक्तिशाली रेल इंजन का इस्तेमाल कर रहे थे। अगले 13 वर्षों में ऐसे 800 इंजनों का निर्माण किया जाना है। अब तक 250 इंजन तैयार कर भारतीय रेलवे को सौंपे जा चुके हैं। मधेपुरा निर्मित इंजन भारतीय रेलवे के ट्रैक पर लाखों किलोमीटर का सफर भी पूरा कर चुके हैं।

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    10 अप्रैल, 2018 को पीएम ने किया था उद्घाटन

    देश के लिए पहली बार बनाए जा रहे शक्तिशाली रेल इंजन कारखाने की अहमियत को देखते हुए स्वयं पीएम नरेंद्र मोदी ने इसका उद्घाटन किया था। 10 अप्रैल, 2018 को पीएम ने इसे राष्ट्र को समर्पित किया था। पीएम ने ही यहां तैयार पहले इंजन को हरी झंडी भी दिखाई थी। 18 मई, 2020 को भारतीय रेलवे में मधेपुरा निर्मित नए इंजन को शामिल किया गया। इस इंजन का पहला इस्तेमाल मुगलसराय (पंडित दीन दयाल उपाध्याय) जंक्शन से लेकर शिवपुरी तक किया गया। देश और भारतीय रेल के लिए यह इतनी बड़ी उपलब्धि थी कि खुद रेल मंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीट कर व अन्य इंटरनेट मीडिया पर यह जानकारी साझा की थी।

    • - भारत में पहली बार मधेपुरा रेल इंजन कारखाना में बनाया गया शक्तिशाली इलेक्ट्रिक इंजन
    • - 12000 हार्स पावर के विद्युत इंजनों का हो रहा निर्माण, 800 इंजन बनेंगे
    • - इतने शक्तिशाली इंजन का इस्तेमाल करने वाला भारत बना छठा देश

    छह हजार टन ढुलाई की क्षमता

    मधेपुरा निर्मित इंजन से भारी वजनी मालगाडिय़ों को भी चलाया जा रहा है। इससे पहले के इंजन तीन हजार टन के वजनी वैगन को ही खींच पाते थे। ज्यादा वजनी वैगनों को चलाने के लिए दो इंजन लगाने होते थे। मधेपुरा निर्मित 12 हजार हार्स पावर का एक ही इंजन छह हजार टन वजन के वैगनों को लेकर चल सकता है। इस शक्तिशाली इंजन से चलने वाली फ्रेट ट्रेन डेढ़ किलोमीटर लंबी होती है। यह ट्रेन की औसत रफ्तार को भी पहले की ट्रेन से दोगुना कर रहा है। इससे पूर्व मालगाडिय़ों की औसत रफ्तार 25 से 30 किलोमीटर प्रति घंटे की थी। अब इस इंजन के प्रयोग से मालगाडिय़ों की औसत रफ्तार 60 किलोमीटर प्रति घंटा हो गई है। मधेपुरा में बने इंजन की अधिकतम सीमा 120 किलोमीटर प्रति घंटे की है।

    मधेपुरा विद्युत रेल इंजन कारखाना के मुख्य प्रशासनिक पदाधिकारी सीएन सिंह ने कहा, 'मधेपुरा रेल इंजन कारखाना में 12 हजार हार्स पावर के विद्युत रेल इंजन का निर्माण हो रहा है। इससे पहले पांच देश ही इतने शक्तिशाली रेल इंजन का इस्तेमाल कर रहे थे। इतने शक्तिशाली रेल इंजन का इस्तेमाल करने वाले हम छठे देश हैं। इस इंजन की खासियत इसकी लोडिंग कैपिसिटी व स्पीड दोनों है। दोनों ही मामले में यह अब तक इस्तेमाल किए जा रहे रेलवे इंजन से काफी अलग है। मार्च, 2023 तक 50 और इंजन रेलवे को सौंप दिए जाएंगे।'