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    किशनगंज सदर अस्पताल में आक्सीजन प्लांट बनकर तैयार, उद्घाटन के लिए अभी करना होगा इंतजार

    By Abhishek KumarEdited By:
    Updated: Sun, 03 Oct 2021 05:26 PM (IST)

    किशनगंज सदर अस्पताल में आक्सीजन प्लांट बन कर तैयार है। आक्सीजन प्लांट का निर्माण कार्य पूरा हो जाने के बावजूद यह चालू नहीं हो पाया है। इस प्लांट में हवा से मेडिकल आक्सीजन का उत्पादन होगा। पीएसए आक्सीजन प्लांट की स्थापना का कार्यकारी एजेंसी डीआरडीओ है।

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    किशनगंज सदर अस्पताल में आक्सीजन प्लांट बन कर तैयार है।

    संवाद सहयोगी, किशनगंज। आक्सीजन मामले में आत्मनिर्भर बनने के लिए अभी सदर अस्पताल को अभी इंतजार करना पड़ सकता है। सदर अस्पताल में आक्सीजन प्लांट बनकर तैयार है लेकिन उद्घाटन का इंतजार हो रहा है। आक्सीजन प्लांट का निर्माण कार्य पूरा हो जाने के बावजूद यह चालू नहीं हो पाया है।

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    -स्वास्थ्य मंत्री के किशनगंज आने पर लोगों में जगी थी उद्घाटन की उम्मीद

    -मंत्री के कार्यक्रम में उद्घाटन कार्यक्रम नहीं होने के कारण अभी करना पड़ सकता है इंतजार

    पूर्व में जहां स्वतंत्रता दिवस के मौके पर उद्घाटन किये जाने की घोषणा सदर अस्पताल प्रशासन के द्वारा की गई थी। लेकिन निर्माण कार्य पूरा नहीं होने के कारण उद्घाटन नहीं हो सका। फिलहाल राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे के किशनगंज आगमन की सूचना के बाद उद्घाटन का आस फिर से जाग उठी। लेकिन मंत्री के कार्यक्रम की फेहरिस्त में सदर अस्पताल का जिक्र तक नहीं रहने से उद्घाटन के उम्मीद पर पानी फिर गया है। हालांकि जिलेवासियों के साथ-साथ स्थानीय स्वास्थ्य विभाग को भी उम्मीद थी कि स्वास्थ्य मंत्री के करकमलों से आक्सीजन प्लांट का उद्घाटन जरूर किया जाएगा।

    विभाग की ओर से कर ली गई है सारी तैयारी 

    इसे लेकर स्वास्थ्य विभाग के द्वारा सभी तैयारियां भी पूरी कर ली गई। बताते चलें कि कोरोना की संभावित तीसरी लहर के दौरान संक्रमित मरीजों को आक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए सदर अस्पताल में 500 लीटर प्रति मिनट उत्पादन क्षमता वाले आक्सीजन प्लांट स्थापित की गई। इस प्लांट में हवा से मेडिकल आक्सीजन का उत्पादन होगा। पीएसए आक्सीजन प्लांट की स्थापना का कार्यकारी एजेंसी डीआरडीओ है। डीआरडीओ द्वारा प्लांट के लिए मशीन एवं अन्य उपकरण उपलब्ध कराई गई है। जबकि इसका सिविल वर्क एनएचएआई द्वारा किया गया है। प्लांट शुरू होने के बाद सदर अस्पताल आक्सीजन के मामले में आत्मनिर्भर बन जाएगा। जिसका लाभ कोरोना मरीजों के साथ-साथ गंभीर रूप से बीमार मरीजों को मिलने लगेगा।