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    माओवादी भोला पर बिहार-झारखंड में दर्ज हैं आठ केस... कई बड़े वारदातों को दिया अंजाम, बोकारो Police Encounter में रहा शामिल

    Updated: Mon, 28 Jul 2025 09:08 PM (IST)

    Munger Bihar News मुंगेर जिले के लड़ैयाटांड थाना क्षेत्र के पैसरा गांव का रहने वाला इनामी माओवादी भोला कोड़ा पर जमुई लखीसराय मुंगेर और बोकारो में आठ केस दर्ज हैं। उसने सोमवार को मां-पिता भाई-बहन के साथ आकर पुलिस के सामने सरेंडर किया। माओवादी ने कहा-कि अब हथियार नहीं उठाएंगे समाज की मुख्य धारा में रहेंगे।

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    Munger Bihar News: मुंगेर के पैसरा गांव का रहने वाला इनामी माओवादी भोला कोड़ा पर आठ केस दर्ज हैं।

    संवाद सहयोगी, मुंगेर। Munger Bihar News पुलिस अधीक्षक सैयद इमरान मसूद ने बताया कि जिले से माओवादियों का करीब-करीब सफाया हो गया है। कुछ फरार चल रहे हैं वह सीधा सरेंडर कर मुख्य धारा से जुड़ जाएं। सरकार की ओर से ऐसे लोगों के लिए राहत पुनर्वास के तहत पूरे परिवार को सहायता दी जाती है। एसपी ने फरार चल रहे माओवादियों को चेतावनी देते हुए कहा केंद्र सरकार की ओर से तय किए गए समय सीमा तथा राज्य सरकार के आत्मसमर्पण व पुनार्वास के सम्मानजनक नीति के तहत उन्हें आत्मसमर्पण कर समाज के मुख्य धारा में आना ही होगा। नहीं तो सुरक्षा बल के भीषण कार्रवाई का सामना करना होगा। एसपी ने बताया भोला कोड़ा अपने पिता मनोज कोड़ा सहित मां बहन के साथ आत्मसमर्पण के लिए पुलिस कार्यालय पहुंचा था। भोला कोड़ा ने मुख्य धारा में जुड़ने की बात कहीं।

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    भोला का आपराधिक इतिहास

    • वर्ष 2021 में लखीसराय जिला के कजरा थाना क्षेत्र में इमलिया कोल में लेवी नहीं देने पर सड़क निर्माण कार्य में लगे मजदूर को मार भगाने व उनके वाहनों में आग लगा देने की घटना को अंजाम दिया था।
    • इसके दस्ता ने 2022 में कुरवा पहाड़ी पर नक्सली अभियान में लगे सुरक्षा बलों पर गोलीबारी करने व अंबुश मेंं फंसाकर जानलेवा हमला किया था।
    • 21 अप्रैल 2025 को बोकारो के महुआटाड़ थाना क्षेत्र में लुगु पहाड़ के चोरगामा मुरपा में हुए पुलिस माओवादी मुठभेड़ में बिहार राज्य के जमूुई जिला के अरविंद यादव उर्फ अविनाश उर्फ नेताजी, लखीसराय जिला के टुन्नीलाल कोड़ा एव झारखंड के प्रयाग मांझी उर्फ विवेक व साहेब राम मांझी सहित अन्य चार नक्सली मारे गए थे। इस दौरान भोला कोड़ा भी था।
    • 23 जनवरी 2025 को पूर्वी बिहार व पूर्वोत्तर झारखंड स्पेशल एरिया कमेटी का हार्डकोर नक्सली सूरज मुर्मू ने हथियार के साथ आत्मसमर्पण किया था। सूरज मुर्मू मुंगेर जिले के खड़गपुर थाना क्षेत्र स्थित रारोडीह का रहने वाला था। नक्सल सेल, जिला पुलिस व खड़गपुर पुलिस की प्रयास से पुलिस लाइन में प्रमंडलीय आयुक्त संजय कुमार, डीआइजी, डीएम, एसपी और सीआरपीएफ के समादेष्टा के समक्ष सरेंडर किया था। सूरज मुर्मू पर मुंगेर के अलावा लखीसराय और जमुई जिले में केस दर्ज था।

    दो लाख का इनामी है माओवादी भोला कोड़ा 

    पूर्वी बिहार व पूर्वोत्तर झारखंड में माओवादी संगठन को लीड करने वाला हार्डकोर माओवादी भोला कोड़ा उर्फ विकास दा उर्फ रोहित कोड़ा ने सोमवार को आत्मसमर्पण किया। भोला कोड़ा जिले के लड़ैयाटाड़ स्थित पैसरा गांव का रहने वाला है। नक्सल सेल मुंगेर पुलिस व एसटीएफ के प्रयास से सोमवार को पुलिस कार्यालय में एसपी सैयद इमरान मसूद व एसटीएफ डीएसपी सुनील कुमार, मुख्यालय एएसपी पकंज कुमार के समक्ष सरेंडर करते हुए मुख्य धारा से जुड़ने की बात कहीं।

    भोला कोड़ा पर मुंगेर के अलावा लखीसराय, जमुई और बोकारो में आठ केस दर्ज है। दो लाख का इनामी भोला कोड़ा का आत्मसमर्पण को पुलिस महकमा बड़ी उपलब्धि मान रही है। मुंगेर, जमुई, लखीसराय के अलावा झारखंड के बोकारो में इसकी गतिविधि ज्यादा रहती थी। इसने जमुई के अरविंद यादव व प्रवेश के नेतृत्व में कई बड़ी वारदातों को भी अंजाम दिया है। इसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस व एसटीएफ लगातार कार्रवाई कर रही थी, लेकिन यह पकड़ में नहीं आ रहा था।

    बिहार-झारखंड में दर्ज हैं आठ केस

    एसपी ने बताया कि दो लाख का इनामी माओवादी भोला कोड़ा मुंगेर, जमुई, लखीसराय और बोकारो के थानों में आठ केस दर्ज है। उन्होंने कहा कि लगातार पुलिस-एसटीएफ की दबिश व गांव में सहयोग नहीं मिलने के कारण एक-एक दिन समय गुजरना मुश्किल हो गया था। अभी हाल में ही पांच जुलाई को एसटीएफ ने आपरेशन चलाया गया। इसमें यह बच निकला था। आत्मसमर्पण के बाद भोला कोड़ा की निशानदेही पर सवासीन पहाड़ी पर छापेमारी की गई।

    इसमें एसटीएफ को एक पिस्टल, सर्चलाइट, कैमरा व पेन ड्राइव सहित कई सामान मिले। एसपी ने कहा समर्पण सह पुर्नवासन नीति के तहत अन्य सुविधाओं के अतिरिक्त इन्हें 2.5 लाख खाते में दिए जाएंगे। भोला कोड़ा पर घोषित इनाम की राशि दो लाख रुपये व रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण के लिए दिए जाएंगे। भत्ता अधिकतम 36 माह तक प्रत्येक माह 10 हजार रुपये मिलेंगे। कुल तीन लाख 60 हजार रुपये सहायत के रूप में दी जाएगी।