अब जीविका दीदी बनेगी पशु सखी, करेंगी बीमार पशुओं की देखभाल
जिले में जीविका दीदियों की अब दायित्व बढ़ती जा रही है। उन्हें सरकार के विभिन्न योजनाओं से जोड़ा रहा है। उन्हें हुनरमंद बनाकर उनके आर्थिक उन्नति का मार्ग भी प्रशस्त किया जा रहा है। इसकी कड़ी में प्रशिक्षण देकर पशुओं के छोटे-मोटे बीमारियों का इलाज कराया जाएगा।
जागरण संवाददाता, बांका । पशुपालन से संबंधित छोटी-मोटी बीमारियों का निस्तारण करने एवं डेयरी उद्योग को बढ़ावा देने के लिए अब जीविका की दीदियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। पशु सखी को प्रशिक्षण देने के लिए बौंसी के गुरुधाम में पांच दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण शुरु किया गया है। इसका उद्धाटन जीवका के परियोजना प्रबंधक संजय कुमार, लाइवस्टॅाक मैनेजर अभिषेक कुमार एवं आगॉं खान फाउंडेशन के प्रशिक्षक डॉ. प्रभात कुमार ने संयुक्त रूप से दीप जलाकर किया
जीविका की दीदियां अब बकरियों को बीमारियों से बचाएगी
इस दौरान डीपीएम ने कहा कि ग्रामीण स्तर पर पशुपालन लोगों के लिए रोजगार का एक अच्छा साधन है। पशुपालन को बढ़ावा देन के लिए जीविका की दीदियों को बकरियों को विभिन्न तरह के बीमारियों से बचाने के लिए इन्हें वैक्सीन देने, उसका डिबेर्मिंग एवं बधियाकरण करने का काम के बारे में जानकारी दी जाएगी। ताकि वे अपने स्तर से छोटे स्तर पर बीमार पशुओं का इलाज कर सके। पशुपालन को बढ़ावा देने से लाेगों की आमदनी बढ़ेगी। गरीबों के लिए बकरी पालन कम पूजी में यह व्यवसाय एटीएम का काम करेगा। गरीब से गरीब लोग भी सहजता से बकरी पालन का काम कर सकते हैं। जब जीविका दीदी पशु सखी बन छोटे मोटे बीमारियों के इलाज में दक्ष हो जाएंगे तो पशुपालकों को भी इसका लाभ मिलेगा।
आठ प्रखंडों में किया गया है पशु सखी का चयन
वहीं, जिला पशुधन प्रबंधक अभिषेक कुमार ने बताया कि दीदियों को प्रशिक्षण देने के लिए पहले चरण आठ प्रखंडों में पशु सखी का चयन किया गया है। अभी शेष बचे सभी प्रखंडों में इसका चयन किया जाना है। जीविका द्वारा चयनित पशु सखी को प्रशिक्षण के बाद उन्हें एक निश्चित मानदेय भी दिया जाएगा। ताकि उन्हें इस सेवा कार्य में कोई आर्थिक परेशानी न हो। प्रशिक्षण के दौरान बौंसी प्रखंड के बीपीएम बेंकटैश कुमार सहित अन्य सहकर्मी उपस्थित थे।