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    Nitish Kumar के राज में बाबुओं ने कर दिया 'खेला', 21 लाख रुपये में बेचा सरकारी तालाब; जब पता चला तो...

    Updated: Thu, 13 Jun 2024 03:09 PM (IST)

    पदाधिकारियों और बाबुओं के घालमेल में सरकारी जमीन बेचने के इस खेल की जानकारी तब हुई जब खरीदने वाले उस जमीन की जमाबंदी कराने सुल्तानगंज अंचल कार्यालय पहुंचे। वहां उन्हें जानकारी दी गई कि वह जमीन तो सरकारी है उसकी जमाबंदी पर प्रमंडलीय आयुक्त और जिलाधिकारी ने रोक लगा रखी है। यह सुनते ही गौरीशंकर चौधरी को जोर का झटका लगा।

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    CM नीतीश कुमार के राज में ये कैसा 'खेल', 21 लाख रुपये में बेच दिया सरकारी तालाब

    जागरण संवाददाता, भागलपुर। सुल्तानगंज में सरकारी तालाब की जमीन को निजी बता लाखों में बेच देने का मामला प्रकाश में आया है। महेशी गांव निवासी गौरी शंकर चौधरी को बाथ थानाक्षेत्र के कुमैठा गांव निवासी दिनेश प्रसाद सिंह एवं अन्य ने 21 लाख रुपये में जमीन बेच दी। जबकि उक्त जमीन की खरीद-बिक्री, जमाबंदी और रसीद काटने पर पहले प्रमंडलीय आयुक्त फिर 23 मार्च 2023 को जिलाधिकारी ने रोक लगा दी थी।

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    आदेश की कॉपी सुल्तानगंज के अंचल अधिकारी और जिला अवर निबंधक समेत अन्य सक्षम प्राधिकार को भी भेजी गई थी। इसके बावजूद सरकारी तालाब की जमीन की रसीद अंचल से फर्जी तरीके से दिनेश प्रसाद सिंह ने कटा ली। यही नहीं, उसे निजी बताते हुए महेशी निवासी गौरीशंकर चौधरी को 21 लाख रुपये में बेच दी।

    लगा जोर का झटका!

    पदाधिकारियों और बाबुओं के घालमेल में सरकारी जमीन बेचने के इस खेल की जानकारी तब हुई जब खरीदने वाले उस जमीन की जमाबंदी कराने सुल्तानगंज अंचल कार्यालय पहुंचे। वहां उन्हें जानकारी दी गई कि वह जमीन तो सरकारी है, उसकी जमाबंदी पर प्रमंडलीय आयुक्त और जिलाधिकारी ने रोक लगा रखी है। यह सुनते ही गौरीशंकर चौधरी को जोर का झटका लगा।

    उन्होंने सक्षम अधिकारियों को आवेदन देकर घटनाक्रम की जानकारी दे न्याय की गुहार लगाई, लेकिन खेल में तो कई घाघ शामिल रहे होंगे, इसलिए उनके आवेदन सरकारी फाइलों में दबते चले गए।

    पीड़ित पहुंचा मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के पास

    थक-हारकर पीड़ित ने मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत का दरवाजा खटखटाया। जहां पीड़ित ने जानकारी दी कि किस तरह निजी जमीन बता सरकारी तालाब की जमीन उसे बेच दी गई। पीड़ित ने समाहर्ता के 23 मार्च 2023 के आदेश की कापी भी केस रिकार्ड में लगा रखी थी।

    मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी मुहम्मद फिरोज अकरम ने मामले का संज्ञान लिया और केस रिकॉर्ड में आगे की कार्रवाई के लिए एसीजेएम ज्योत्सना कुमारी की अदालत में भेज दिया। जहां पीड़ित गौरीशंकर चौधरी ने अपनी गवाही दी।

    बताया कि उक्त जमीन की खरीद-बिक्री पर रोक के आदेश के बाद भी जमीन की रजिस्ट्री हो गई। कैसे छह लाख रुपये दिनेश प्रसाद सिंह को नकद और 15 लाख रुपये आरटीजीएस के माध्यम से दिया। दर्ज केस में दिनेश प्रसाद सिंह के अलावा कुमैठा निवासी सुनील कुमार, अनुष्का देवी, महेशी गांव निवासी दिनेश प्रसाद सिंह, भूषण मिश्र को भी आरोपित बनाया गया है।

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