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    निर्भया योजना : भागलपुर जं. सहित साहिबगंज-किउल व भागलपुर-मंदार सेक्शन के स्टेशनों पर वीडियो सर्विलांस सिस्टम

    By Alok Kumar MishraEdited By: Dilip Kumar shukla
    Updated: Mon, 21 Nov 2022 11:09 AM (IST)

    निर्भया योजना के तहत स्टेशनों पर वीडियो सर्विलांस सिस्टम का जल्द शुरू होगा काम। दो स्टेशनों पूरा हो चुका है सर्वे भागलपुर स्टेशन भवन के ऊपरी तल पर बनेगा कंट्रोल रूम। इसके अलावा भागलपुर-मंदारहील सेक्शन में रेल सेवा बहाल कर दी गई है।

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    निर्भया योजना : वीडियो सर्विलांस सिस्टम लगाने की योजना।

    जागरण संवाददाता, भागलपुर। भाररतीय रेल : साहिबगंज-भागलपुर-किउल और भागलपुर-मंदारहिल सेक्शन के छोटे स्टेशनों पर निर्भया योजना के तहत भागलपुर सहित हर छोटे स्टेशनों पर वीडियो सर्विलांस सिस्टम लगेगा। भागलपुर स्टेशन के अलावा नाथनगर, टिकानी, बांका और मंदारहिल जैसे छोटे स्टेशन पर भी वीडियो सर्विलांस सिस्टम लगेगा। इसको लेकर नाथनगर और टिकानी स्टेशन का सर्वे का काम पूरा हो गया है। वहीं, इस सप्ताह बांका और मंदारहिल स्टेशन का सर्वे का काम होगा। पूर्व रेलवे के अधिकारियों के अनुसार इन स्टेशनों पर 10-10 सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। साथ ही इन स्टेशनों पर लगने वाले वीडियो सर्विलांस सिस्टम की मानिटरिंग भागलपुर रेलवे स्टेशन पर बनने वाले सर्वर रूम से होगा। वहीं, भागलपुर रेलवे स्टेशन पर लगने वाले वीडियो सर्विलांस सिस्टम के लिए बनने वाले सर्वर कंट्रोल रूम बनाने की मंजूरी मिल चुकी है। इसके लिए स्टेशन के मुख्य भवन के ऊपरी तल स्थित जीआरपी कस्टडी रूम को चिन्हित किया गया है। विकास की दिशा में पहल तेज कर दी गई है। उन्होंने बताया कि जल्द ही इसको नए सिरे से तैयार कर मालदा मंडल को सौंप दिया जाएगा।

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    रेल ब्रिज का काम पूरा, मंदारहिल सेक्शन में ट्रेन परिचालन शुरू

    मंदारहिल सेक्शन पर गोनूधाम के पास रेल ब्रिज का काम पूरा होने पर रविवार से ट्रेन परिचालन भी शुरू हो गया है। बता दें कि शनिवार को भागलपुर-मंदारहील सेक्शन में गोनूधाम और पुरैनी के बीच शनिवार को अचानक धंसना गिरने से ट्रैक का जायजा लेने पहुंचे दो रेलवे आफिसर गर्दन तक धंस गए थे। वहां काम कर रहे मजदूरों ने दोनों की जान बचाई। इस हादसे में आइओडब्ल्यू ललन कुमार की की पसली टूटी गई थी और पीडब्ल्यूआइ केके राय के हाथ में चोट आई थी। यह हादसा तब हुआ जब भागलपुर-मंदारहिल सेक्शन में ट्रेनों की गति प्रतिघंटा 50 से बढ़ाकर 110 किलोमीटर प्रतिघंटा करने की योजना को लेकर गोनूधाम और पुरैनी के बीच स्टोन स्लैब (ब्रिज) की जगह बाक्स स्लैब बदलने का काम चल रहा था। इसके लिए पटरी और स्लीपर को हटाकर करीब 10 फीट गहरे गड्ढे खोदने का भी काम चल रहा था।

    कार्य के निरीक्षण के दौरान आइओडब्ल्यू ललन कुमार और एसएससी पीडब्ल्यूआइ वन केके राय दोनों एक दूसरे को पकड़कर कार्यस्थल पर मौजूद थे। इसी दौरान अचानक धंसना गिरने से दोनों अधिकारी मिट्टी में धंस गए थे। वहां काम कर रहे मजदूरों ने मिट्टी हटाकर दोनों को बाहर निकाला था। इस हादसे में आइसीओडब्ल्यू के सीने की हड्डियां टूट गई थीं और पीडब्ल्यूआइ का हाथ जख्मी हुआ था। हालांकि दोनों खतरे से बाहर हैं। मालदा रेल मंडल के सीनियर डीएमइ एसके तिवारी ने बताया कि इस दुर्घटना में कोई सुरक्षा विफलता नहीं रही है। मौके पर इंजीनियर और कर्मचारियों को स्वयं अपनी सुरक्षा का ध्यान रखना होता है। संभव है कि जहां मिट्टी कटिंग हो रही थी उसके किनारे आ गए हों, इसलिए उनके वजन से मिट्टी धंस गई। सामान्य तौर पर जहां कटिंग होती है सात-आठ मीटर की दूरी पर लोगों को खड़ा होना होता है। व्यक्तिगत स्तर पर थोड़ी लापरवाही हो सकती है।