दूध से तुरंत बना लें दूरी, नहीं तो हो जाएगा किडनी फेल... पेन किलर के साथ आपकी किडनी को बीमार बना रहीं ये आदतें
Kidney Disease हमारी रोज की आदतें किडनी को बीमार कर रही हैं। किडनी को स्वस्थ रखना है तो साल में तीन बार यूरीन कल्चर जांच जरूर कराएं। भागलपुर पहुंचे पद्मश्री डा. हेमंत ने कहा कि संयमित तनाव-मुक्त जीवन और जीवनशैली में परिवर्तन करके आप हेल्दी रह सकते हैं। दूध और उसके उत्पाद से दूरी बनाना जरूरी है।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। News About Kidney Disease यदि आप अपने किडनी को स्वस्थ रखना चाहते हैं, तो साल में कम से कम तीन बार यूरीन कल्चर जांच कराएं। यह जांच आपके किडनी में किसी भी बीमारी का तुरंत पता लगा सकती है। प्रारंभिक अवस्था में रोग का पता चलने पर इसका इलाज करना आसान होता है। संयमित, तनाव-मुक्त जीवन और जीवनशैली में परिवर्तन करके आप अपने किडनी को स्वस्थ रख सकते हैं। ये बातें मुख्य अतिथि पद्मश्री डा. हेमंत कुमार ने कहीं। वे शनिवार को सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में नेफ्रोलाजी पर आयोजित सेमिनार को संबोधित कर रहे थे। एक दिवसीय कार्यक्रम इंडियन सोसाइटी आफ नेफ्रोलाजी ईस्टर्न जोन एवं एपीआई के सहयोग से आयोजित किया गया था।
जुटे देश के नामी -गिरामी चिकित्सक
- सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में नेफ्रोलाजी पर सेमिनार आयोजित
- किडनी में प्रोटीन आने लगे तो समझिए हो चु्की है रोग की शुरूआत
- अस्सी प्रतिशत किडनी रोगियों की मौत का कारण होता है हार्ट अटैक
- इससे बचने के लिए फोलिक एसीड की गोली का करना चाहिए सेवन
- 2.25 लाख लोग हर साल किडनी रोग की चपेट में आते हैं देश में
- 100 लोगों की किडनी जांच में लगभग 10 प्रतिशत में रोग का चलता है पता
नई दवाएं काफी कारगर
डा. हेमंत ने बताया कि हमारे देश में हर साल सवा दो लाख किडनी के नए मरीजों को किडनी बदलने की आवश्यकता होती है। यदि 100 लोगों की किडनी की जांच की जाए, तो लगभग 10 प्रतिशत में किसी न किसी तरह के किडनी रोग का पता चलता है। किडनी रोग से बचने के लिए यूरीन की जांच समय-समय पर कराना आवश्यक है। किडनी में प्रोटीन का आना सबसे पहले होता है, और यहीं से रोग की शुरुआत होती है। प्रोटीन को ठीक करने में अधिक परेशानी नहीं होती है। उन्होंने यह भी कहा कि अस्सी प्रतिशत किडनी रोगियों की मौत का कारण हार्ट अटैक होता है। इससे बचने के लिए डाक्टर को फोलिक एसीड की गोली मरीज को देनी चाहिए, जो हार्ट की समस्याओं को दूर करती है। इसके अलावा, नई दवाएं भी आई हैं जो रोग की गति को काफी कम कर देती हैं।
दूध और इससे बने उत्पादों से करें परहेज
डा. हेमंत ने दूध के सेवन को लेकर भी सावधानी बरतने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि यदि आप दूध का सेवन करते हैं, तो यह जानना आवश्यक है कि क्या यह आपके शरीर के लिए आवश्यक है। यदि आप पुरुष हैं और आपकी उम्र 24 से 60 साल है, तो आपको दूध और इससे बने उत्पादों से परहेज करना चाहिए। वहीं, महिलाओं के लिए 24 से 50 साल तक दूध की आवश्यकता नहीं है, लेकिन मेनोपाज के बाद यह आवश्यक हो जाता है।
किडनी प्रत्यारोपण के 90 प्रतिशत मामले होते हैं सफल
कोलकाता से आए डा. प्रतीक दास ने बताया कि इस प्रकार के कार्यक्रम में फिजिशियन और नेफ्रोलॉजिस्ट के बीच संवाद किया जाता है, तकि सभी मिलकर लोगों को किडनी रोग के प्रति जागरूक कर सकें। उन्होंने कहा कि यदि किसी की किडनी पूरी तरह से फेल हो चुकी है, तो उसे बदलने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं होता। यदि किसी दूसरे व्यक्ति की किडनी लगाई जाती है, तो नब्बे प्रतिशत मामलों में यह सफल होती है, जिससे मरीज की उम्र भी बढ़ जाती है।
बीपी व मधुमेह के रोगी रहें अधिक सचेत
चिकित्सकों की सलाह है कि यदि आप बीपी या मधुमेह के रोगी हैं, तो आपको सचेत रहने की आवश्यकता है। शरीर के किसी अंग में दर्द होने पर पेन किलर का सेवन किडनी के लिए हानिकारक हो सकता है। स्वस्थ किडनी के लिए जीवनशैली को हेल्दी बनाना आवश्यक है। धूम्रपान और शराब से दूर रहना चाहिए और समय-समय पर किडनी की जांच करानी चाहिए।
इलाज में काफी कारगर साबित होगा यह सेमिनार
कार्यक्रम का उद्घाटन पद्मश्री डा. हेमंत कुमार, मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डा. हेमशंकर शर्मा, डा. प्रतीक दास, डा. डीपी सिंह समेत अन्य ने संयुक्त रूप से किया। प्राचार्य डा. हेमशंकर शर्मा ने बताया कि नेफ्रोलाजी के इलाज में यह सेमिनार कारगर साबित होगा और किडनी रोग में नई तकनीकों की जानकारी साझा की जाएगी, जिसका सीधा लाभ मरीजों को होगा।
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