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भागलपुर: मौसी को मुखाग्नि देने के लिए जमुई से आए भतीजे ने जमकर काटा बवाल, चार घंटे तक गंगा किनारे पड़ा रहा शव

मुखाग्नि के लिए आपस में भिड़े दो रिश्तेदार भांजे ने दी मौसी को मुखाग्नि। मुखाग्नि देने के भतीजे ने किया जमकर बवाल चार घंटे तक गंगा किनारे पड़ा रहा शव। जमुई से दाह संस्कार के लिए मुक्तिधाम पहुंचे थे सगे-संबंधी।

By Edited By: Yogesh SahuPublished: Sun, 26 Mar 2023 12:33 AM (IST)Updated: Sun, 26 Mar 2023 04:28 AM (IST)
भागलपुर: मौसी को मुखाग्नि देने के लिए जमुई से आए भतीजे ने जमकर काटा बवाल, चार घंटे तक गंगा किनारे पड़ा रहा शव
जमुई: मौसी को मुखाग्नि देने के लिए भतीजे ने जमकर काटा बवाल, चार घंटे गंगा के किनारे पड़ा रहा शव

संसू, सुल्तानगंज। मुक्तिधाम में शनिवार को एक अजीबोगरीब मामला सामने आया, जहां अंतिम संस्कार के लिए घंटों तक रिश्तेदारों में विवाद होता रहा।

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बताया गया कि जमुई जिला अंतर्गत खिलाफत खैरा थाना क्षेत्र के केदूवा निवासी महादेव सिंह की धर्मपत्नी शैल देवी की मौत शुक्रवार की देर रात हो गई थी।

महिला की मौत के बाद शनिवार को महादेव सिंह अपनी पत्नी शैल देवी का शव लेकर दाहसंस्कार करने के लिए कुछ लोगों के साथ सुल्तानगंज पहुंचे थे।

गंगा घाट पर दाह संस्कार की तैयारियां चल रही थीं कि तभी महादेव सिंह का भतीजा पंकज सिंह गंगा घाट पहुंच गया।

घाट पर पहुंचते ही पंकज ने दाह संस्कार रुकवा दिया। महादेव सिंह ने पंकज को समझाते हुए अंतिम संस्कार की प्रक्रिया पूरी करने की गुहार लगाई। लेकिन वह नहीं माना।

बस यहीं से रिश्तेदार आपस में भिड़ गए। रिश्तेदारों में विवाद बढ़ता देख स्थानीय लोगों ने इसकी सूचना पुलिस को दे दी।

सूचना मिलते ही स्थानीय थाना पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों पक्षों को समझाने का अथक प्रयास किया, लेकिन विफल रही।

अंत में दोनों पक्ष थाने पहुंचे और मुखाग्नि देने को लेकर अपनी-अपनी बातें थाना अध्यक्ष प्रिय रंजन के सामने रखीं। थाना प्रभारी ने मृतका के पति महादेव सिंह से मामले की पूरी जानकारी ली।

यह था मामला

महादेव सिंह ने बताया कि मेरी कोई संतान नहीं है और मैं कई वर्षों से अपने छोटे साढ़ू के पुत्र संग्रामपुर थाना क्षेत्र के राणाडीह निवासी अखिलेश शर्मा के यहां रह रहा हूं।

मेरी पत्नी लंबे समय से बीमार चल रही थी, जिनकी मृत्यु शुक्रवार की रात हो गई। मृत्यु की जानकारी सभी सगे संबंधी और रिश्तेदार को दी गई।

मौत की सूचना पाकर मेरे छोटे भाई स्वर्गीय सीताराम सिंह का बेटा पंकज कुमार सिंह सुल्तानगंज पहुंचा और मुखाग्नि देने की बात करने लगा।

जब उसे मना किया गया तो उसने बवाल कर दिया। करीब चार घंटे तक पत्नी का शव मुक्तिधाम के गंगा किनारे पड़ा रहा।

थानाध्यक्ष ने दोनों के बीच विवाद को सुलझाया। इसके बाद पुलिस ने महादेव सिंह के द्वारा अधिकृत युवक से महिला को मुखाग्नि दिलाने की इजाजत दी।

इसके बाद अखिलेश शर्मा ने अपनी मौसी शैल देवी के शव को मुखाग्नि देकर अंतिम संस्कार किया।

ग्रामीणों ने दबे मुंह खोला राज

वहीं, दाह संस्कार में आए ग्रामीणों ने बताया कि महादेव सिंह के पास 60 लाख से अधिक की चल-अचल संपत्ति है।

महादेव सिंह को कोई संतान नहीं होने के कारण उनकी संपत्ति पर पंकज सिंह कब्जा कर मालिकाना हक जमाना चाहता है।

भतीजे के इसी रवैया के कारण वह घर छोड़कर कई वर्षों से अपने साढ़ू के यहां रह रहा है।


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