बिहार के इस जंगल में नक्सली बनवा रहे अत्याधुनिक हथियार
बिहार में एक बार फिर नक्सल गतिविधियां काफी बढ़ गई है। इन दिनों जंगल में नक्सली अत्याधुनिक हथियार बना रहे हैं। कैडरों के बीच हथियार बांटकर बढ़ाया जा रहा उत्साह। बाजार में हथियार बेचकर की जा रही है कमाई।

भागलपुर [संजय सिंह]। नक्सलियों ने अपने संगठन को मजबूत करने के लिए मुंगेर के भेलवा जंगल में हथियार बनवाना शुरू कर दिया है। प्रतिदिन 200 से अधिक हथियार यहां तैयार किए जा रहे हैं। मुंगेर और भागलपुर के 20 कारीगरों को इस काम में लगाया गया है। बजाप्ते हथियार निर्माण के लिए टेंट और शामियाना भी लगाया गया है। जंगली क्षेत्र होने के कारण पुलिस ने एक बार तो हिम्मत जुटाकर अवैध हथियार निर्माण के ठिकाने पर छापेमारी की, लेकिन दोबारा जंगली क्षेत्र होने के कारण छापेमारी करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रही है। यद्यपि, एसटीएफ भी इस मामले पर नजर रख रही है।
बेरोजगार युवाओं के माध्यम से नक्सली इन हथियारों को कैडरों को बंटवाने के साथ दूसरी जगहों पर भी इनकी बिक्री कर रहे हैं। दूसरे राज्यों तक में ये हथियार बेचे जाते हैं। भेलवा जंगल में पुलिस की छापेमारी के बाद अब यह काम ऋषिकुंड के जंगल में किया जा रहा है। हैरानी तो इस बात की है कि इस अवैध निर्माण में लगे एक भी कारीगर पुलिस की पकड़ में नहीं आ सका है। पुलिस के अनुसार मुंगेर जिले के नौवागढ़ी के शाहिद उर्फ गुड्डू, मु. अहमद, अफरोज, शामपुर के पतलू मांझी, पूरबसराय के मु. जाम और मु. असलम, बड़ी बाजार के मु. परवेज, बरधै के मु. शौकत के अलावा भागलपुर जिले के मु. सोहन समेत 20 लोग इस काम में जुटे हैं।
जानकार बताते हैं कि सरकारी योजनाओं से नक्सलियों को नहीं के बराबर लेवी मिल रही है। इस कारण संगठन चलाने के लिए ये हथियारों का निर्माण करवा रहे हैं। दूसरा अहम कारण यह है कि नक्सलियों के साथ जुडऩे वाले लोगों की संख्या कम होती जा रही है। नक्सली संगठन के सदस्य इस बात से भयभीत रहते हैं कि मुठभेड़ में वे पुलिस का सामना कैसे करेंगे! बड़े हथियार लेकर साथ चलने में पकड़े जाने का खतरा भी रहता है। इस कारण छोटे और आधुनिक हथियारों का प्रलोभन देकर नक्सली लोगों को संगठन के साथ जोड़ रहे हैं। इन्हीं जोड़े गए लोगों के हाथों से हथियारों की बिक्री करवाकर नक्सली मुनाफा भी कमा रहे हैं। 21 फरवरी को मुंगेर जिले के शामपुर ओपी के प्रभारी पप्पन कुमार ने छापेमारी कर नक्सलियों के हथियार निर्माण वाली जगह का उद्भेदन किया था। इस दौरान पहाड़पुर का चूल्हो सिंह पकड़ा गया था। बाकी लोग भागने में सफल रहे थे। अब इन लोगों ने अपना हथियार निर्माण का ठिकाना बदलकर ऋषिकुंड के जंगल में स्थापित कर दिया है। इसकी जानकारी मुंगेर जिले के वरीय पुलिस पदाधिकारियों को भी है। दुर्गम क्षेत्र और लैंड माइंस के भय से पुलिस छापेमारी करने से कतराती है।
इतने बड़े पैमाने पर हथियार निर्माण कार्य के पीछे नक्सलियों की मंशा कुछ और ही है। पुलिस को इनकी हर गतिविधि की जानकारी मिल रही है। समय पर उचित कार्रवाई की जाएगी। इतने बड़े पैमाने पर हथियार बनवाने के पीछे नक्सलियों का ही हाथ है। - संजय पांडेय, डीएसपी, हवेली खडग़पुर, मुंगेर
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