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    Nathnagar Vidhan Sabha: साइलेंट वोटरों को साधने वाला ही बनेगा नाथनगर का ‘नाथ’, पढ़िए ग्राउंड रिपोर्ट

    By Rajnish KumarEdited By: Krishna Bahadur Singh Parihar
    Updated: Sun, 09 Nov 2025 01:16 PM (IST)

    विक्रमशिला सेतु पार करते ही भागलपुर सदर विधानसभा क्षेत्र शुरू होता है। यहां कांग्रेस के अजीत शर्मा लगातार तीन बार से जीतते आ रहे हैं। भाजपा ने रोहित पांडे को मैदान में उतारा है। शहर में बदलाव की हवा है, जहाँ युवा रोजगार को मुद्दा बना रहे हैं, वहीं बुजुर्ग विकास को प्राथमिकता दे रहे हैं। नीतीश सरकार के कार्यों की भी चर्चा है, और लोग विकास करने वाली सरकार की तलाश में हैं।

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    नाथनगर से ग्राउंड रिपोर्ट। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, भागलपुर। विक्रमशिला सेतु पार करते ही भागलपुर सदर विधानसभा क्षेत्र शुरू हो जाता है। लगभग पांच किलोमीटर के दायरे में इस क्षेत्र का बड़ा हिस्सा शहरी है। यहां कांग्रेस के अजीत शर्मा लगातार तीन बार से जीतते आ रहे हैं। यहां भाजपा ने लागातार दूसरी बार रोहित पांडे को मैदान में उतारा है।

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    कांग्रेस को यहां लंबा अनुभव है, जबकि भाजपा पिछली हार का विश्लेषण कर सारी ताकत झोंक रही है। ग्रामीण इलाकों में दोनों दलों के कोर वोटर पहले की तरह स्थिर हैं, लेकिन शहर में हवा बदलने लगी है। विधानसभा क्षेत्र की शुरुआत बरारी से होती है।

    यहां घर के बाहर चार-पांच महिलाएं खड़ी थीं। उनमें से एक सुनीता देवी से जब पूछा कि इस बार कौन-कौन चुनाव लड़ रहा है तो उनका जवाब था अजीत शर्मा और मोदी सरकार। बरारी का यह टोला यादव बहुल है, इसके और आगे मुस्लिम बस्ती है। पास के जनरल स्टोर पर कुछ युवक बातें कर रहे थे।

    बदलाव या विकास?

    वहीं खड़े लक्ष्मण कुमार यादव ने कहा कि सरकार चाहे जितना अच्छा काम करे, 10 साल में बदल देना चाहिए। साथ खड़े आलोक ने कहा कि बेरोजगारी और महंगाई से राहत के लिए वे तेजस्वी यादव की सरकार चाहते हैं। बरारी से आगे तिलकामांझी चौक से शहर की घनी आबादी शुरू हो जाती है।

    यहां से थोड़ी दूरी पर ही सैंडिस कंपाउंड है। जयप्रकाश उद्यान में बैठने के तीन घेरे बने हैं। एक घेरे में लोहे की पटरी की डेस्क लगी है, जहां 40 से 60 वर्ष उम्र के लोग बैठे मिले, दूसरा घेरा सीमेंट के सोफों का है, जिस पर 60 से ऊपर के बुजुर्ग बैठे थे, जबकि तीसरा पड़ाव छत का है, जिसमें जेन-जी यानी किशोरों और नवयुवकों की पीढ़ी बैठी थी।

    एक लड़का अपने मोबाइल में तेजस्वी यादव के भाषण की रील देख रहा था, जिसमें रोजगार की बात थी। आदित्य राज नाम के इस किशोर से जब पूछा कि क्या उसे तेजस्वी का भाषण पसंद है। उसने कहा कि तेजस्वी हर घर से एक व्यक्ति को नौकरी देने की बात कर रहे हैं, जो संभव ही नहीं। भाजपा ही सबसे अच्छा विकल्प है।

    नए को मौका या पुराने पर भरोसा?

    उधर, बुजुर्गों के घेरे में राजनीति पर चर्चा जारी थी। एक दिन पहले ही हवाई अड्डा मैदान में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सभा हुई थी। वहां की भीड़ और उसके असर पर बात हो रही थी। एक बुजुर्ग का कहना था, शहर के लोगों ने तय कर लिया है, किसे जिताना है। नए को मौका देंगे तो वह अच्छा काम करेगा।

    लोहे की पटरी पर बैठे लोग शहर में बदलाव को लेकर ज्यादा आक्रामक दिखे। यहां एक दिन पहले हुए मतदान का विश्लेषण चल रहा था। एनडीए समर्थक जहां भाजपा प्रत्याशी के लिए आक्रमक थे, वहीं महागठबंधन समर्थक के पास बरोजगारी और महंगाई का मुद्दा था। रोजगार पर एक युवक ने तंज कसा, नौकरी के लिए जमीन है न!

    सरकार की मदद का प्रभाव

    यहां कुछ देर बाद ही राहुल गांधी की सभा तय थी। सभा का समय पार्टी ने 12:30 बजे तय किया था, लेकिन कई लोग 12 बजे ही आकर बैठ गए। हमारी बात वहां बैठे मायगांज क्षेत्र के खुर्शीद आलम और छन्नू हुई। दोनों ने कहा कि वे चाहकर भी नीतीश सरकार की आलोचना नहीं कर सकते।

    सरकार ने सड़क, बिजली, सुरक्षा जैसे हर क्षेत्र में काम किया है। महिलाओं के खातों में पैसे भी आए हैं। वे महागठबंधन को ही वोट देंगे, लेकिन यह नहीं कह सकते कि पूरा मुस्लिम समुदाय भी ऐसा ही करेगा, खासकर महिलाएं। भागलपुर विधानसभा क्षेत्र बरारी से शुरू होकर नाथनगर तक जाता है। परबत्ती के पास कुछ स्थानीय मजदूर खड़े थे। चुनाव की बात आते ही कहा, सरकार तो वही चाहिए, जो हमारा विकास करे।