नमो देव्यै : मिलिए मुंगेर की ब्लैक बेल्ट चैंपियन लवली से, जो हैं महिलाओं और युवतियों की आवाज
नमो देव्यै युवतियों और महिलाओं के साथ हो रहे अत्याचार पर मुंगेर की लवली शक्ति बनकर उभरी है। वे उनकी आवाज उठाती हैं। उन्हें न्याय दिलाने के लिए कदम बढ़ाती हैं। लवली ने अब तक कई महिलाओं की मदद की है। पढ़ें नवरात्रि पर स्पेशल स्टोरी...

केएम राज,जमालपुर (मुंगेर) : स्वतंत्रता का अधिकार हर व्यक्ति को है। सभी अपने हिसाब से जिंदगी जी भी रहे हैं लेकिन समाज में कुछ ऐसे भी हैं, जो दूसरों की आजादी के लिए संघर्ष कर रहे हैं। मुंगेर जिले की जमालपुर की बिटिया लवली कुमारी खुद महिला होने के नाते महिलाओं की पीड़ा बखूबी समझती हैं। इसीलिए युवतियों और महिलाओं के शोषण के विरुद्ध जंग छेड़ रखी है। वह शोषित महिलाओं व युवतियों के हक के लिए आवाज उठाती है। खुद को सुरक्षित रखते हुए पीडि़त महिलाओं की आवाज बन गई है। लवली का मकसद है कि आधी आबादी को सम्मान के साथ पूरी सुरक्षा भी मिले। लवली महिलाओं के अधिकारों को लेकर सजग है। बचपन से युवा होने तक लवली महिलाओं की उत्पीड़न करीब से महसूस किया है। उत्पीड़न के खिलाफ आवाज उठाने के लिए आगे रह रही है।
तीन दर्जन से ज्यादा महिलाओं को दिलाया न्याय
जमालपुर नयागांव के सेवानिवृत्त रेलकर्मी देवनारायण तांती व विजय देवी की छह संतान में सबसे छोटी पुत्री लवली कुमारी की संघर्ष की गाथा अलग है। सात वर्ष की उम्र से आत्म सुरक्षा का गुर सीखने को लेकर घर की दहलीज से बाहर निकल गई। पटना की एक संस्था से जुड़कर मुंगेर ही नहीं बल्कि कई जिले में लगभग 38 पीडि़त महिलाओं को न्याय दिला चुकी है। जूडो कराटे व ताइक्वांडो में ब्लैक बेल्ट में बेहतर प्रदर्शन करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर गोल्ड मेडल भी लवली को मिला है। शिक्षा परियोजना के माध्यम से लगभग पांच हजार छात्राओं को आत्म सुरक्षा को लेकर ताइक्वांडो का गुर बता चुकी है।
केस स्टडी-एक: यूपीएससी की परीक्षा में देश में 25 वां रैंक प्राप्त करने वाले चीफ इंजीनियर पत्नी के साथ मारपीट करते थे। अभी पत्नी को छोड़ चीफ इंजीनियर किसी दूसरे के साथ रह रहे हैं। महिला न्याय के लिए लवली के पास पहुंची है। इस मामले को देख रही है।
केस स्टडी -दो: दो वर्ष पूर्व जमालपुर की महिला नुसरत प्रवीण को घर से निकाल दिया था। पुलिस की कार्यप्रणाली सवाल उठने लगा तो तत्कालीन डीआइजी का वाहन बीच सड़क पर रोककर पीडि़त महिला को न्याय दिलाई।
केस स्टडी-तीन: लवली की सगी बहन को जब ससुराल वालों की ओर से दहेज को लेकर प्रताडि़त करने लगे तो सामाजिक सोच के तहत कानूनी स्तर पर बहन को न्याय दिलाने को लेकर संघर्ष किया। शुरुआत में मानसिक रूप से परेशानी हुई, पर आत्मविश्वास नहीं कम हुआ। मामले को भी पूरी तरह से सुलझा दिया।
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