लिम्का बुक में दर्ज होगा सहरसा के इस बेटा का नाम, एक दिन में सात लोगों का घुटना व कूल्हे का किया प्रत्यारोपण
सहरसा के डॉ आशीष कुमार सिंह ने एक दिन में सात लोगों का घुटना व कूल्हे का प्रत्यारोपण किया। उनका नाम लिम्का बुक में दर्ज किया जाएगा। वे विहिप के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद्मश्री डा. आरएन सिंह (डा रविंद्र नारायण सिंह) के पुत्र हैं।

संवाद सूत्र, सहरसा। बिहार के सहरसा जिले के गोलमा निवासी डा.आशीष कुमार सिंह का नाम लिम्का बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड के लिए प्रस्तावित किया गया है। डॉ आशीष कुमार सिंह सरहरा के जिला एवं सत्र न्यायाधीश स्व. राधाबल्लभ सिंह के पौत्र व विहिप के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद्मश्री डा. आरएन सिंह (डा रविंद्र नारायण सिंह) के पुत्र हैं। डॉ आशीष को यह सम्मान उन्हें रोबोटिक विधि से कूल्हे और घुटने का प्रत्यारोपण के लिए मिलेगा। उन्होंने एक दिन में सात मरीजों का प्रत्यारोपण किया है।
उनके पिता भी प्रसिद्ध अस्थि शल्य चिकित्सक हैं। डा. आरएन सिंह ने पुत्र डा. आशीष कुमार सिंह ने शुक्रवार को सात कूल्हे व घुटने का प्रत्यारोपण किया है। चिकित्सा जगत की यह उनकी बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। अभी यह यह रिकार्ड मेदांता हास्पीटल गुरुग्राम के चिकित्सक के नाम है। इन्होंने एक दिन में तीन प्रत्यारोपण किया था।
डा. आशीष ने कहा कि यह देश में दूसरा मेडिकल रोबोट है। यह विश्व का सबसे आधुनिकतम व नवीन तकनीक है। अन्य देशों में इसका प्रयोग पिछले दस वर्षो से हो रहा है। अब हमारे देश में इसका खूब इस्तेमाल हो रहा है। उन्होंने कहा कि गरीब तबके के लोगों के लिए घुटना और कूल्हा बदलना आसान हो जाएगा। कम खर्च से प्रत्यारोपण किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि विदेशों में हासिल की गई सभी सुविधाएं यहां के लोगों को उपलब्ध कराना उनके पिताजी का संकल्प है। इसलिए उनके संकल्प को वे भी पूरा कर रहे हैं।
यहां बता दें कि डॉ आशीष कुमार सिंह के पिता डॉ आरएन सिंह हाल में ही विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए गए हैं। उनकी पहचान भारत में ही बिल्क कई अन्य देशों में भी है। डॉ आशीष को सहरसा में लोगों ने इस उपलब्धि पर काफी बधाई दी है। लोगों ने कहा कि इस परिवार ने हमेशा देश का नाम रोशन किया है। सहरसा के लोगों को इनपर गर्व है।
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