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    Mustard Oil Price: सरसों का तेल महंगा... 30 रुपये लीटर तक बढ़ी कीमतें, झांस के साथ घटा वजन; जानें ताजा बाजार भाव

    Updated: Fri, 25 Jul 2025 10:47 PM (IST)

    Mustard Oil Price सरसों का तेल महंगा हो गया है। पैकिंग वाले तेल की मात्रा भी पहले के मुकाबले घटा दी गई है। पहले जहां एक लीटर सरसों तेल का मतलब 910 ग्राम होता था अब बाजार में अधिकांश कंपनियां 810 से 840 ग्राम का पैकेट एक लीटर के रूप में बेच रही हैं। कीमत 170 से 180 रुपये प्रति पैकेट तक पहुंच गई हैं।

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    Mustard Oil Price: सरसों तेल की कीमत में 30 रुपये प्रति लीटर तक की वृद्धि हुई है।

    परिमल सिंह, भागलपुर।  Mustard Oil Price यदि आप बाजार से सरसों तेल खरीद रहे हैं तो सावधान हो जाएं। पैकेट पर लिखे वजन को ध्यान से पढ़िए, वरना कम तेल के लिए ज्यादा पैसे चुकाने पड़ सकते हैं। बीते एक माह में सरसों तेल की थोक कीमत में 30 रुपये प्रति किलो तक की वृद्धि हुई है, लेकिन सिर्फ कीमत ही नहीं बढ़ी, पैकेट में तेल की मात्रा भी घटा दी गई है।

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    पहले जहां एक लीटर सरसों तेल का मतलब 910 ग्राम होता था, अब बाजार में अधिकांश कंपनियां 810 से 840 ग्राम का पैकेट एक लीटर के रूप में बेच रही हैं। वहीं कीमतें 170 से 180 रुपये प्रति पैकेट तक पहुंच गई हैं। ऐसे में ग्राहक लगभग 70 से 100 ग्राम तक कम तेल लेकर भी पहले से अधिक पैसा चुका रहे हैं।

    कंपनियों ने घटाया वजन

    हड़िया पट्टी के किराना दुकानदार कुमार गौरव बताते हैं, अब एक लीटर तेल में असल में 810-840 ग्राम ही होता है। ग्राहक सोचते हैं कि वे एक लीटर खरीद रहे हैं, लेकिन उन्हें वास्तविकता में कम तेल मिल रहा है। कुछ ब्रांडेड कंपनियां अब भी 910 ग्राम का तेल दे रही हैं, लेकिन उनकी कीमतें 210 रुपये प्रति लीटर तक पहुंच गई हैं। वहीं दुकानदार सुमित कहते हैं, तेल की मात्रा में कटौती और कीमत में बढ़ोतरी से ग्राहक भ्रमित हैं। उन्हें यह पता ही नहीं होता कि वे कम लेकर ज्यादा दे रहे हैं।

    बिक्री में हुई गिरावट

    वजन में कटौती और सावन के दौरान आयोजनों की कमी के कारण तेल की बिक्री भी प्रभावित हुई है। गौरव के अनुसार, बिक्री में लगभग 40 प्रतिशत तक गिरावट आई है। कलाली गली के थोक विक्रेता राहुल जैन ने बताया कि एक माह पहले तक सरसों तेल की थोक कीमत 150 रुपये किलो थी, जो अब बढ़कर 180 रुपये हो गई है।

    रसोई का बिगड़ता बजट

    तेल की कीमतों और मात्रा में हो रही इस हेरफेर से आम गृहिणियों की रसोई बुरी तरह प्रभावित हो रही है। तिलकामांझी की रेखा देवी कहती हैं, पहले पांच लीटर तेल महीने भर चल जाता था, अब तेल का खर्च बढ़ गया है। नतीजा, दाम भी ज्यादा देने पड़ते हैं यह नहीं देखा कि पैकेट जो खरीद रहे हैं उसमें मात्रा कम हो गई है। मुंदीचक की सुनीता देवी कहती हैं, अब हमें खाने में तेल की मात्रा कम करनी पड़ रही है।

    अधिनियम की अनदेखी

    सीए प्रदीप कुमार झुनझुनवाला कहते हैं कि भारतीय वजन अधिनियम के अनुसार, तरल रूप में एक लीटर का वजन 910 ग्राम होना चाहिए। कंपनियां दाम बढ़ाने के बजाय अब वजन घटा रही हैं, जो उपभोक्ता हित के खिलाफ है। पैकेट पर शुद्ध वजन लिखना अनिवार्य है, लेकिन कई कंपनियां इसका पालन नहीं कर रही हैं। सरकार को इस पर सख्त जांच करनी चाहिए।