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    बिहार के इस फोरलेन प्रोजेक्ट पर PMO की नजर, 5474 करोड़ लागत; फिर भी अटका पड़ा है काम

    Updated: Wed, 04 Sep 2024 03:46 PM (IST)

    मुंगेर-मिर्जाचौकी फोरलेन सड़क परियोजना में देरी हो रही है। 5474 करोड़ की लागत वाली यह परियोजना तय समय पर पूरी नहीं हो पाएगी। निर्माण एजेंसी ने एक साल के ...और पढ़ें

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    मुंगर-मिर्जाचौकी फोरलेन रोड प्रोजेक्ट पर पीएमओ की नजर।

    जागरण संवाददाता, भागलपुर। मुंगेर से मिर्जाचौकी के बीच बन रहे फोरलेन सड़क के निर्माण कार्य की मॉनिटरिंग प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) और हाईकोर्ट कर रहा है। इसके बाद भी 5,474 करोड़ की लागत वाली यह परियोजना तय समय पर पूरी नहीं हो पाएगी। अब निर्माण एजेंसी द्वारा टाइम एक्सटेंशन मांगा गया है। एक साल के लिए समय बढ़ाने की मांग की गई है।

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    एनएचएआई के परियोजना निदेशक कार्यालय से 20 दिन पहले टाइम एक्सटेंशन संबंधित फाइल मुख्यालय को भेजी गई है, लेकिन अबतक इसे मंजूरी नहीं मिल सकी है। इसकी वजह से फोरलेन सड़क का निर्माण बंद है। टाइम एक्सटेंशन को स्वीकृति मिलने के बाद भी अब नवंबर से पहले निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाएगा।

    क्यों पूरा नहीं हो रहा निर्माण?

    फोरलेन सड़क बनाने वाली एजेंसी एपको के परियोजना प्रबंधक विमल कुमार ने कहा कि  सड़क के निर्माण के लिए 53 लाख क्युविक फ्लाई ऐश की जरूरत है। प्रतिदिन 1000-1200 गाड़ी फ्लाई ऐश चाहिए, लेकिन 50 गाड़ियां ही आपूर्ति की जाती रही है। वह भी नियमित नहीं। इकरारनामा के अनुसार, दो साल में ही काम पूरा कर दिया जाता, लेकिन फ्लाईऐश की नियमित आपूर्ति नहीं होने के साथ ही भू-अर्जन की भी समस्या रही है।

    उन्होंने बताया कि अभी भी कुछ जगहों पर जमीन का अधिग्रहण नहीं हो पाया है। विभाग का सहयोग भी नहीं मिल रहा है। जिसके कारण निर्माण में देरी हो रही है। अबतक महज 20-21 लाख क्युविक फ्लाईऐश व मिट्टी की आपूर्ति हो पाई है। 37 किलोमीटर में 24 किलोमीटर सड़क बन चुका है। एक साल एक्सटेंशन मिलने के साथ यदि नियमित फ्लाईऐश की आपूर्ति होती रही, तो छह-सात माह में ही काम पूरा कर लिया जाएगा।

    साथ ही उन्होंने बताया कि इस परियोजना की मॉनिटरिंग पीएमओ और हाइकोर्ट कर रहा है। समस्या के बारे में पीएमओ सहित हाईकोर्ट को भी जानकारी दी जाती है। नियमित फ्लाई एश  आपूर्ति के लिए जिलाधिकारी और एनएचएआई को कई बार पत्र भी लिखा गया।

    वहीं, इस सड़क को बना रही दूसरी एजेंसी मोंटो कार्लो के परियोजना प्रबंधक धमानंदा ने कहा कि पहले तो मुआवजा की मांग को लेकर घोघा के पास रैयतों ने एक महीने तक काम करने नहीं दिया था। भू-अर्जन नहीं होने के कारण सड़क निर्माण में बार-बार बाधा उत्पन्न हो रही थी। इसके साथ ही नियमित फ्लाई ऐश की आपूर्ति की समस्या रही है। 20-25 किलोमीटर और सड़क का निर्माण होना है। एक साल का एक्सटेंशन मिलने पर यदि किसी तरह की बाधाएं खड़ी नहीं हुई, तो तय तिथि से पहले ही काम पूरा कर लिया जाएगा। बता दें कि चार हिस्सों में बांटकर दो एजेंसी मिलकर सड़क का काम करा रही है।