बिहार की बेटी ने यूरोप की पर्वत चोटी Mount Elbrus पर फहराया तिरंगा... भागलपुर की नमिता ने बनाया कीर्तिमान; पटना के बैंक में है मैनेजर
Bihar News बिहार के भागलपुर की बेटी ने यूरोप की पर्वत चोटी ‘माउंट एल्ब्रस’ पर तिरंगा फहराकर नया कीर्तिमान रचा है। बिहार ग्रामीण बैंक करबिगहिया शाखा पटना की सहायक प्रबंधक नमिता ने बीते 16 अगस्त को सुबह 5.20 बजे ‘माउंट एल्ब्रस’ पर सफलतापूर्वक चढ़ाई की और वहां भारत की शान तिरंगा फहराया। उसने कहा मेरे लिए यह भावुक और गर्व का पल है जिसे शब्दों में बयां करना कठिन है।

मिथिलेश कुमार, बिहपुर। Bihar News भागलपुर के इशाकचक निवासी त्रिभुवन पांडेय और चिंता देवी की सबसे छोटी बेटी नमिता कुमारी ने साहस और दृढ़ संकल्प के साथ न केवल अपने परिवार और राज्य को गौरवान्वित किया है, बल्कि एक अद्भुत कीर्तिमान भी स्थापित किया है। पटना के बिहार ग्रामीण बैंक करबिगहिया शाखा की सहायक प्रबंधक नमिता ने 16 अगस्त को सुबह 5.20 बजे ‘माउंट एल्ब्रस’ पर सफलतापूर्वक चढ़ाई की और वहां देश की शान तिरंगा फहराया। उसने कहा, मेरे लिए यह भावुक और गर्व का पल है, जिसे शब्दों में बयां करना कठिन है।
नमिता ने बताया कि यह चोटी दक्षिण-पश्चिमी रूस के काकेशस पर्वत श्रृंखला में स्थित एक सुप्त ज्वालामुखी है। नमिता ने अब तक कई प्रतिष्ठित पर्वतारोहण अभियानों में भाग लिया है, जिनमें युनम पीक (6,100 मीटर), एवरेस्ट बेस कैंप (5,364 मीटर), अन्नपूर्णा बेस कैंप (4,130 मीटर), फ्रेंडशिप पीक (5,287 मीटर), रेनोक पीक (5,025 मीटर), चादर ट्रेक, केदारकंठा ट्रैक आदि शामिल हैं। इन अभियानों के लिए उन्होंने हिमालयन माउंटेनियरिंग इंस्टीट्यूट (एचएमआई), दार्जिलिंग से 2022 में पर्वतारोहण प्रशिक्षण प्राप्त किया है, जिससे उन्हें उच्च पर्वतीय चढ़ाई के तकनीकी और शारीरिक कौशल में दक्षता मिली।
नमिता ने कहा कि वह अपने अब तक के सबसे बड़े लक्ष्य के लिए तैयारी कर रही हैं। माउंट एल्ब्रस पर भारत का ध्वज फहराना केवल उनकी व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है, बल्कि यह बिहार की उन अनगिनत बेटियों के लिए भी प्रेरणा बनेगा, जो समाज की सीमाओं से परे जाकर कुछ बड़ा करने का सपना देखती हैं।
उसने कहा कि जब देश के अन्य राज्यों की महिलाएं एवरेस्ट और अन्य अंतरराष्ट्रीय चोटियों पर चढ़कर अपने राज्यों का नाम रोशन कर रही हैं, तो बिहार की बेटियां भी इस क्षेत्र में पीछे नहीं रहनी चाहिए। नमिता अपने दो भाइयों और चार बहनों में सबसे छोटी हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यदि सरकार का सहयोग मिले, तो बिहार की महिलाएं हर क्षेत्र में अपनी पहचान और भी विस्तृत कर सकती हैं।
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