बिहार में चला गजब खेला: 100 से ज्यादा मुर्दों ने बहाया जमकर पसीना, ले ली सरकारी मजदूरी
बिहार में चला गजब का खेला- मामला भागलपुर के गोराडीह प्रखंड का है। यहां जमीन पंचायत में सौ से अधिक मृतकों ने किया है। इतना ही नहीं कइयों को उनकी मजदूरी का भुगतान भी किया गया है। कई ऐसे हैं जिनकी मौत 10 से 20 साल पहले हो चुकी है।

जागरण संवाददाता, भागलपुर : बिहार में गजब का खेला चल रहा है। मनरेगा में जमकर लूट हो रही है। जाब कार्ड के नामों को खंगालने पर सच्चाई सामने आई है। भागलपुर के गोराडीह प्रखंड की ग्राम पंचायत मुरहन जमीन में सौ से अधिक मृतकों से मजदूरी कराई गई है। इस पंचायत के एक गांव के एक टोला के 17 मृतक ऐसे हैं, जिन्हें मजदूरी का भी भुगतान कर दिया गया है। इस पंचायत में चार राजस्व ग्राम हैं और यह गांव सात टोले में विभक्त है। एक गांव की बात करें तो 40 से 50 मृत लोगों को मनरेगा में काम दिया गया है।
हर टोला में 10 से 15 लोग ऐसे हैं, जिनकी मृत्यु दस से 20 साल पहले हो चुकी है, लेकिन रिकार्ड में उन्हें न सिर्फ काम मिला, बल्कि इसकी एवज में मजदूरी भी दी गई। ऐसे मजदूरों को पिछले साल तक काम दिया गया है। यही कारण है कि कई योजनाएं अभी तक जमीन पर नहीं उतर सकी हैं। कई योजनाएं कागज पर ही पूरी कर ली गई हैं। इस मामले में डीआरडीए निदेशक प्रमोद कुमार पांडेय ने मनरेगा के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी को कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
जमीन टोला के मृत मजदूर
क्रम से मृत मजदूर का नाम-मस्टर रोल-कार्य अवधि
- -चमक लाल गोस्वामी-6457-4.6.21 से 16.6.21 तक
- -सुमन सिंह-10646-15.9.21 से 29.9.21 तक
- -स्व. भिसूर सिंह-10519-8.9.21 से 22.9.21 तक
- -स्व. जगरनाथ सिंह-10516-8.9.21 से 22.9.21 तक
- -चमक लाल गोस्वामी-10867-18.9.21 से 22.9.21 तक
- -चमक लाल गोस्वामी-5325-26.5.21 से 9.6.21 तक
- -रामेश्वर यादव-26509-8.3.21 से 21.3.21 तक
- -स्व. छेदी मंडल-24458-8.2.21 से 23.2.21 तक
- -स्व. वैद्यनाथ सिंह-9471-9.8.21 से23.8.21 तक
- -चुरामन साह-21594-25.12.20 से 8.1.21 तक
- -भगीरथ ठाकुर-242-6.4.21 से 18.4.21 तक
- -सरयुग सिंह-8903-29.7.21 से 11.8.21 तक
- -चुरामन सिंह-9473-9.8.21 से23.8.21 तक
- -स्व. सुमन सिंह-9970-24.8.21 से 6.9.21 तक
- -स्व. जगदीश मंडल-21638-26.12.20 से 9.1.21 तक
पहला मामला: मुरहन जमीन पंचायत के जमीन गांव के स्व. चमकलाल गोस्वामी के पुत्र पवन कुमार गोस्वामी का 21 अगस्त 2006 को मनरेगा से जाब कार्ड बनाया गया है। पवन कुमार गोस्वामी के पिता चमकलाल गोस्वामी की मृत्यु 1998 के आसपास हो चुकी है। पवन कुमार गोस्वामी के जाब कार्ड में मृत चमकलाल गोस्वामी को जीवित दिखाते हुए एक मजदूर के रूप में अंकित किया गया है। पुत्र की उम्र 26 वर्ष है और पिता की उम्र 30 वर्ष अंकित है। पिता पुत्र से केवल चार वर्ष बड़ा है। मृत चमकलाल गोस्वामी को मनरेगा के मस्टर रोल संख्या 6457 पर चार जून 21 से 16 जून 21 तक उपस्थित दिखाकर मजदूरी दी गई है। पुन: मस्टर रोल संख्या 9720 पर 12 अगस्त 21 से 26 अगस्त 21 तक उपस्थित दिखाकर मजदूरी दी गई है।
दूसरा मामला: जमीन गांव के ही स्व. सुमन सिंह के पुत्र जयप्रकाश सिंह का 21 अगस्त 2006 को जाब कार्ड बनाया गया है। जयप्रकाश सिंह के पिता सुमन सिंह की मृत्यु 2001 के आसपास हो चुकी है। जयप्रकाश सिंह के जाब कार्ड में सुमन सिंह को जीवित दिखाते हुए एक मजदूर के रूप में अंकित किया गया है। जाब कार्ड में पिता-पुत्र दोनों की उम्र 44 साल है। मृत सुमन सिंह को मनरेगा के मस्टर रोल संख्या 10646 पर 15 सितंबर 21 से 29 सितंबर 21 तक उपस्थित दिखाकर मजदूरी का भुगतान किया गया है।
तीसरा मामला : जमीन गांव के ही स्व. भिसूर सिंह के पुत्र नारायण प्रसाद सिंह का जाब कार्ड 21 अगस्त 2006 को बनाया गया है। भिसूर सिंह की मृत्यु 1995 के आसपास हुई थी। नारायण प्रसाद सिंह के जाब कार्ड में मृत भिसूर सिंह को जीवित दिखाते हुए एक मजदूर के रूप में अंकित किया गया है। जाब कार्ड में पिता-पुत्र दोनों की उम्र 40 साल है। मृत भिसूर सिंह को मनरेगा कर्मी द्वारा मस्टर रोल संख्या 10519 पर आठ सितंबर 21 से 22 सितंबर 21 तक उपस्थित दिखाकर भुगतान किया गया है।
चौथा मामला: जमीन गांव के ही स्व. जगरनाथ सिंह के पुत्र धर्मवीर सिंह का जाब कार्ड 10 अप्रैल 2008 को बना है। जगरनाथ सिंह की मृत्यु 2005 के आसपास हुई थी, लेकिन जगरनाथ सिंह को जीवित दिखाते हुए एक मजदूर के रूप में अंकित किया गया है। पिता-पुत्र दोनों की उम्र 24 साल है। मृत जगरनाथ सिंह को मस्टर रोल संख्या 10516 पर आठ सितंबर 21 से 22 सितंबर 21 तक उपस्थित दिखाकर मजदूरी का भुगतान किया गया है।
इस बाबत डीआरडीए निदेशक प्रमोद कुमार पांडेय ने कहा कि दोषियों पर रिपोर्ट दर्ज कराई जाएगी। मृतकों के नाम पर मजदूरी का भुगतान करना अपराध है। ऐसे लोगों पर कार्रवाई की जाएगी।
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