स्ट्राबेरी की खेती के लिए सरकार देगी 3 लाख... लहसुन, टमाटर व मिर्च उपजाने पर 50 हजार/हेक्टेयर; इस तरह करें रजिस्ट्रेशन
DBT Agriculture Registration अब स्ट्राबेरी की खेती के लिए सरकार 3 लाख रुपये अनुदान देगी। इसके साथ ही टमाटर लहसुन व मिर्च की खेती के लिए किसानों को प्रति हेक्टेयर 50 हजार रुपये तक अनुदान मिलेगा। सब्जी-मसाला योजना अंतर्गत कलस्टर में किसान खेती करेंगे तो प्रति कृषक परिवार को अधिकतम दो हेक्टेयर का लाभ मिलेगा। यहां देखें रजिस्ट्रेशन का आसान तरीका

नवनीत मिश्र, भागलपुर। DBT Agriculture Registration अब किसानों को टमाटर, लहसुन और मिर्च की खेती के लिए अनुदान मिलेगा। सब्जी-मसाला योजना के अंतर्गत किसान समूह में इसकी खेती कर सकेंगे। प्रत्येक समूह में छह हेक्टेयर के लिए योजना स्वीकृत है। इसमें न्यूनतम तीन कृषक सदस्य होंगे। इस योजना का उद्देश्य टमाटर, मिर्च, लहसुन का क्षेत्र विस्तार कराकर उत्पादन व उत्पादकता में वृद्धि व उचित बाजार मूल्य से कृषक की कृषक की आय में वृद्धि कराना है। यह केंद्र प्रायोजित योजना है।
टमाटर व मिर्च की खेती के लिए प्रति हेक्टेयर 60 हजार रुपये लागत आएगी। इसमें 50 प्रतिशत अनुदान मिलेगा। लहसुन की खेती के लिए प्रति हेक्टेयर एक लाख रुपये लागत आएगी। किसानों को प्रति हेक्टेयर 50 प्रतिशत का अनुदान मिलेगा। अनुदान 60-40 के अनुपात में दो किस्तों में मिलेगा। प्रति कृषक परिवार को अधिकतम दो हेक्टेयर का लाभ दिया जाएगा।
रबी मौसम में टमाटर व मिर्च की खेती के लिए अनुशंसित प्रभेद का गुणवत्तायुक्त हाइब्रिड बीज किसानों को जिला उद्यान पदाधिकारी के द्वारा बिहार राज्य बीज निगम पटना के माध्यम से उपलब्ध कराया जाएगा। इस योजना का लाभ लेने के लिए किसानों का डीबीटी पोर्टल पर पंजीकरण आवश्यक है। टमाटर, मिर्च व लहसुन की खेती मुख्य रूप से लघु व सीमांत कृषकों के साथ-साथ वैसे कृषक, जिनके पास जमीन नहीं है, पट्टे व बटाई की जमीन पर खेती करने वालों को भी योजना का लाभ मिलेगा।
स्ट्राबेरी की खेती के लिए पौधा सहित 3 लाख मिलेंगे
जिले में स्ट्राबेरी की खेती का क्षेत्र विस्तार होगा। स्ट्राबेरी की खेती पर सात लाख 56 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर लागत आएगी। प्रति हेक्टेयर 40 प्रतिशत यानी तीन लाख दो हजार चार सौ रुपये का अनुदान पौधा सहित एक मुश्त मिलेगा। स्ट्राबेरी की खेती के लिए 0.4 गुणा 0.4 मीटर पौधा से पौधा की दूरी के अनुसार प्रति हेक्टेयर की आवश्यकता होगी। प्रति पौधा 12.50 रुपये में मिलेगा।
स्ट्राबेरी के पैकेजिंग के लिए कूट के डिब्बा के लिए भी इस बार अनुदान मिलेगा। 14.50 रुपये प्रति पीस पर 40 प्रतिशत यानी 5.80 रुपये प्रति पीस अनुदान मिलेगा। स्ट्राबेरी के पैकेजिंग के लिए प्लास्टिक का छोटा डिब्बा 2.90 रुपये प्रति पीस पर 40 प्रतिशत यानी 1.16 रुपये प्रति पीस की दर से अनुदान मिलेगा।
स्ट्राबेरी के खेती के अंतर्गत प्रति हेक्टेयर उपज 20 से 25 टन होता है। जिसके मार्केटिंग के लिए 12500 कूट का डिब्बा व एक लाख प्लास्टिक के डिब्बा की आवश्यकता होगी। एक प्लास्टिक के डिब्ब में दो सौ ग्राम स्ट्राबेरी रखा जाता है। एक कूट के डिब्बा में आठ प्लास्टिक का डिब्बा रखा जाता है।
इस योजना का लाभ न्यूनतम 0.1 हेक्टेयर व अधिकतम दो हेक्टेयर का मिलेगा। अनुदान प्राप्त करने वाले व खुद की लागत से स्ट्राबेरी की खेती करने वाले किसानों को भी कूट का डिब्बा व प्लास्टिक का छोटा डिब्बा का लाभ दिया जाएगा। योजना का लाभ देने के लिए कृषकों का चयन लाटरी के आधार पर किया जाएगा।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।