Bhagalpur News: भागलपुर मेडिकल कॉलेज में अब तक नहीं शुरू हुई हिंदी में पढ़ाई, नवंबर में परीक्षा की तैयारी
भागलपुर के जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के एमबीबीएस छात्र नवंबर में पहली बार हिंदी में परीक्षा देंगे। प्रोफेसर हिंदी में पढ़ाने की तैयारी कर रहे हैं लेकिन अभी तक सभी पुस्तकें उपलब्ध नहीं हैं। शिक्षकों को हिंदी में पढ़ाने और छात्रों को मेडिकल शब्दावली समझने में कठिनाई हो सकती है। इस बार छात्रों को हिंदी और अंग्रेजी दोनों में परीक्षा देने का विकल्प मिलेगा।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज (जेएलएनएमसीएच) के एमबीबीएस छात्र इस साल नवंबर माह में पहली बार हिंदी में परीक्षा देंगे। हिंदी में पढ़ाने को लेकर मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर ने भी अपनी तैयारी शुरू कर दी है। हालांकि, कोर्स की सभी पुस्तक मेडिकल कॉलेज को नहीं मिली है। इस वजह से हिंदी में कक्षा में आरंभ नहीं हो पाई है।
कॉलेज को सभी छात्रों के लिए हिंदी में मेडिकल की पुस्तक नहीं मिली है। अभी तक मात्र 121 सेट पुस्तक आई है। कई विधा की पुस्तक अभी मिली भी नहीं है। इस वजह से हिंदी में एमबीबीएस कोर्स करने वाले छात्र को इंतजार करना होगा।
नेशनल मेडिकल काउंसिल के आदेश पर इस बार से छात्रों को हिंदी एवं अंग्रेजी में कोर्स करने की व्यवस्था हो रही है। काउंसिल ही छात्रों के लिए पुस्तक उपलब्ध कराएगी।
प्रोफेसर को भी हिंदी में पढ़ाने में हो सकती है परेशानी
मेडिकल कॉलेज में सभी प्रोफेसर अब तक छात्रों की कक्षा अंग्रेजी में ले रहे हैं। कक्षा, पुस्तक एवं परीक्षा का उत्तर छात्र और शिक्षक अंग्रेजी में ही पूरा करते थे। अब जब हिंदी में कक्षा लेनी होगी तो सबसे पहले शिक्षक को ही परेशानी होगी। वजह जिस चीज को वह अब तक अंग्रेजी में पढ़ाते थे उनको अब हिंदी में पढ़ाना होगा।
मेडिकल शब्दावली का हिंदी क्या होगा इसको समझने के लिए उनको हिंदी की किताब चाहिए होगी, जिसका वह अध्ययन करेंगे और कक्षा में छात्रों को पढ़ाने जाएंगे। इसके लिए शिक्षक पुस्तक की मांग कर रहे है। पुस्तक आने के बाद शिक्षकों को दी जाएगी।
पढ़ाई और किताब नहीं होने से छात्रों को भी होगी दिक्कतें
अभी तक हिंदी में कक्षा पूरी तरह से शुरू नहीं की गई है। ऐसे में छात्र मेडिकल के कठिन शब्द का हिंदी क्या है वो परीक्षा में कैसे लिखेंगे। यह सवाल छात्रों के साथ-साथ इनके प्रोफेसर को भी परेशान कर रहा है।
हालांकि, नंवबर माह में पहली बार छात्र को हिंदी में भी प्रश्न पत्र लिखने का अवसर मिलने वाला है। लेकिन संभावना कम है कि ये इस बार हिंदी में प्रश्नों का उत्तर देंगे।
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