Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Makhana Ke Fayde: सुपर फूड मखाना रोकेगा कैंसर-हार्ट अटैक, नई रिसर्च से किसानों को भी होगा सीधा लाभ

    Updated: Tue, 14 Jan 2025 05:21 PM (IST)

    मखाना एक ऐसा सुपरफूड है जो कैंसर और हार्ट अटैक जैसी गंभीर बीमारियों से लड़ने में मददगार है। बिहार कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने मखाना में एक विशेष यौगिक की खोज की है जिसका नाम मीथेनसल्फोनामाइड है। यह यौगिक कीटाणुनाशक जीवाणुरोधी एंटीट्यूमर एंटीकैंसर एंटीफंगल और एंटीएचआइवी गुणों से भरपूर है। इस खोज से मखाना उद्योग में क्रांति आने की उम्मीद है और किसानों को भी इसका सीधा लाभ मिलेगा।

    Hero Image
    मखाना में मिला कैंसर-हार्ट अटैक का दुश्मन, किसानों के लिए भी खुशखबरी

    ललन तिवारी, भागलपुर। आम आदमी को स्वस्थ रखने के लिए भले ही नित्य नए-नए उपक्रम किए जा रहे हैं, लेकिन अब भी देश-दुनिया की बड़ी आबादी गंभीर-असाध्य बीमारियों के साये में जी रही है। संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य संगठन (वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन) की रिपोर्ट के अनुसार विश्व में कुल मौतों में हर साल 74 प्रतिशत मौतें दीर्घकालिक बीमारियों से होती हैं। इनमें कैंसर, हृदय रोग, मधुमेह और सांस से जुड़ी फेफड़ों की बीमारियां शामिल हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इन सबके बीच नई-नई बीमारियों से लड़ रहे मानव जीवन के लिए बीएयू से अच्छी खबर सामने आई है। बिहार कृषि विश्वविद्यालय के विज्ञानियों ने कैंसर के इलाज और हार्ट अटैक को रोकने के लिए क्रांतिकारी खोज की है। लंबे शोध के बाद सुपर फूड मखाना में प्राकृतिक तौर पर उपलब्ध मीथेनसल्फोनामाइड नाम के विशेष यौगिक तत्व को खोज निकाला है।

    इस विशेष रोगरोधी तत्व में गंभीर रोग उपचार की भरपूर चिकित्सीय क्षमता मौजूद है। इसमें कीटाणुनाशक, जीवाणुरोधी, एंटीट्यूमर, एंटीकैंसर, एंटीफंगल और एंटीएचआइवी गुण शामिल हैं। मखाना को लेकर यह शोध विश्व में पहली बार किया गया है। संस्थान ने जैविक विधि के माध्यम से की गई इस नई खोज-तकनीक का पेटेंट फाइलिंग भी कर दिया है।

    गंभीर-असाध्य बीमारियों से लड़ने में सक्षम

    यह अभिनव खोज करने वाले बीएयू के विज्ञानी डा. वी. शाजीदा बानू और डा. प्रीतम गांगुली ने बताया कि मखाना के बीज में प्राकृतिक रूप से उपलब्ध मीथेनसल्फोनामाइड (एन2-आयोडोफेनिल) यौगिक तत्व पाया गया है। यह सल्फोनामाइड का प्रतिकारक है। यह कीटाणु नाशक होने के साथ ही जीवाणुरोधी भी है। ट्यूमर, कैंसर, फंगल, थायराइड, एचआइवी आदि गंभीर-असाध्य बीमारियों से लड़ने में सक्षम है।

    विज्ञानियों के अनुसार, मखाना एंटीऑक्सिडेंट और सूक्ष्म पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य बीज है, जो आमतौर पर पूरे विश्व में उपयोग किया जाता है। नए शोध के मुताबिक यह उम्र बढ़ने के संकेतों को धीमा करने और हार्ट, बीपी-शुगर और वजन घटाने में बीमार लोगों की सहायता कर सकता है।

    संस्थान के पीआरओ डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि गंभीर बीमारियों से लड़ने की दिशा में मखाना में प्राकृतिक रूप से मौजूद नए तत्व की खोज कर नई तकनीक विकसित की गई है। शोध से जुड़ी गहन तकनीक का पेटेंट प्राप्त करने के लिए बीते दिन इसकी प्रक्रिया पूरी कर ली गई है।

    नए शोध से किसानों को होगा सीधा लाभ

    हालिया शोध में बिहार कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू) सबौर के दो विज्ञानियों ने मखाना में प्राकृतिक रूप से उपलब्ध एक विशेष तत्व को रिसर्च के माध्यम से चिह्नित कर लिया है। विज्ञानियों ने मखाना में एक नए जैवसक्रिय यौगिक, एन 2-आयोडोफिनाइल, मीथेनसल्फोनामाइड की पहचान की है। कृषि अनुसंधान में इसे महत्वपूर्ण खोज माना जा रहा है। यह शोध बीएयू की एनएबीएल प्रमाणित प्रयोगशाला में किया गया।

    यह यौगिक आयोडोबेंज़ीन का एक सल्फोनामाइड व्युत्पन्न है। जिसे पहले फार्मा प्रयोगशालाओं में इसकी औषधीय गुणों की परख और जैविक गतिविधियों के लिए संश्लेषित किया गया। मखाना में इसकी प्राकृतिक उपस्थिति की यह प्रारंभिक रिपोर्ट है।

    बताया गया कि इस यौगिक की पहचान से मखाना के जैव सक्रिय गुणों की वैज्ञानिक समझ वृहद और विस्तृत हुई है। यह शोध मखाना के बाजार मूल्य को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाने की क्षमता रखती है। वर्तमान में अपनी चिकित्सीय क्षमता के लिए जाने जाने वाले मीथेनसल्फोनामाइड का विभिन्न गंभीर रोगों के उपचार में इसके अनुप्रयोगों के लिए अध्ययन किया जा रहा है।

    बिहार कृषि विश्वविद्यालय के विज्ञानियों ने मखाना में जैवसक्रिय यौगिक की अग्रणी पहचान की है। यह कृषि अनुसंधान परिवर्तनकारी और मील का पत्थर है। यह खोज मखाना उद्योग में क्रांति लाने, वैज्ञानिक बिरादरी और किसानों की आजीविका दोनों को दूरगामी लाभ पहुंचाने की अपार संभावनाएं रखती हैं। - डॉ. डीआर सिंह, कुलपति, बीएयू , सबौर, भागलपुर