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    दीवानगी में महताब-तान्या बने एक दूजे के, अब नन्हें नवाब पढ़ेंगे दादा के घर; Facebook पर हुए प्यार की अनोखी दास्तां

    Updated: Tue, 16 Sep 2025 02:00 AM (IST)

    भागलपुर में फेसबुक पर शुरू हुई एक प्रेम कहानी ने नया मोड़ लिया। मुंगेर के महताब आलम ने बांग्लादेश की तान्या से फेसबुक पर प्यार किया फिर शादी की। 16 अगस्त 2025 को भागलपुर में उनके बेटे माहिद का जन्म हुआ। माहिद अब अपने दादा-दादी के साथ रहेगा और यही पढ़ाई करेगा। जन्म प्रमाण पत्र के लिए नगर निगम में अर्जी दी गई है।

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    प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई प्रतीकात्मक तस्वीर। (जागरण)

    कौशल किशोर मिश्र, भागलपुर। फेसबुक पर महताब और तान्या ने प्यार की दीवानगी और सच्चे इश्क को मुकाम देते हुए एक-दूजे के हो गए थे, अब उनके आंगन में जन्म लिया नन्हा नवाब माहिद दादा-दादी के यहां पढ़ाई करेगा।

    जी हां यह हकीकत मुंगेर के टेलर मास्टर महताब आलम की है जो फेसबुक पर बांग्लादेशी युवती कुसुम अख्तर तान्या से इश्क लड़ा बैठा था। तान्या भी उसे दिल दे बैठी थी। दो मुल्कों की सीमा इस सच्चे आशिक के मिलन में बाधा बन रही थी।

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    लेकिन महताब ने पासपोर्ट बनाया और तान्या के प्यार में बांग्लादेश जा पहुंचा। वहां तान्या से बाकायदा निकाह किया और उसे अपने वतन भी ले आया। वैध वीजा पर तान्या को मुंगेर लाए महताब और उसके घर वालों ने काफी मान दिया।

    तान्या गर्भवती हुई और मुंगेर से महताब उसे भागलपुर के तातारपुर स्थित डॉ. इमराना रहमान के यहां भर्ती कराया जहां 16 अगस्त 2025 को नन्हें नवाब माहिद आलम का जन्म हुआ। अब माहिद इसी वतन में अपने दादा-दादी के यहां मुंगेर जिले के हवेली खड़गपुर, खास बाजार मोमिन टोला में रहकर पढ़ाई करेगा।

    महताब-तान्या उसके जन्म प्रमाण पत्र के लिए भागलपुर नगर निगम में अर्जी दे दी है। दी गई अर्जी में पति-पत्नी ने डॉ. इमराना रहमान के यहां जन्मे अपने बच्चे का सर्टिफिकेट के अलावा गवर्नमेंट ऑफ द पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ बांग्लादेश के मुस्लिम मैरिज रजिस्ट्रार सह काजी का मैरिज सर्टिफिकेट के अलावा तान्या ने अपने पासपोर्ट की कॉपी भी दी है। जिस पासपोर्ट की वैधता 2033 तक का है। पासपोर्ट 8 जून 2023 को बना था।

    फेसबुक पर खा रखी थी एक-दूसरे ने जीने-मरने की कसम

    टेलर मास्टर महताब ने फेसबुक पर फ्रैंड रिक्वेस्ट क्या भेजी, तान्या ने भी उसकी तब दोस्ती कबूल कर ली थी। दोनों की इंटरनेट मीडिया के प्लेटफार्म फेसबुक पर हुई दोस्ती धीरे-धीरे इतनी गहरी होती चली गई कि दोनों ने एक-दूसरे के साथ जीने-मरने की कसम खाने लगे थे।

    दो साल के अंतराल में ही महताब तान्या का दीदार करने बांग्लादेश पहुंच गया। तान्या भी उसका तब बेसब्री से इंतजार कर रही थी। महताब पासपोर्ट बना रहा था यह सब तान्या को भी पता था। दोनों अपने भविष्य की प्लानिंग कर ली थी।

    उसे अमल में लाने के लिए जब वह बांग्लादेश के चांदपुर वरुक शाहरास्टी सोना चाव जब महताब पहुंचा, तब तान्या उसकी ही राह तक रही थी। महताब भी बॉर्डर पार करने के बाद चाह रहा था कि कितनी जल्द तान्या तक पहुंच जाए।

    दोनों जब एक-दूसरे का दीदार किया और ऐसे गले लगे कि वर्षों के बिछड़े दोस्त मिल रहे हों। फिर तान्या के परिजन भी उनके सच्चे प्रेम को कबूल करते हुए निकाह कराने में शामिल हो गए थे।