अदालत में आया 'जिंदा भूत', हैरत में पड़ गए लोग ...जानिए मामला
बिहार की एक अदालत में तब लोग भौंचक रह गए, जब मुर्दा घोषित एक आरोपी सरेंडर करने पहुंचा। वह इन दिनों सीआइएसएफ में कार्यरत है। अदालत ने उसे हिरासत में ले लिया।
भागलपुर [जागरण टीम]। बिहार की एक अदालत में एक जिंदा भूत ने सरेंडर किया। यह जिंदा भूत मंगलोर में सीआइएसएफ में नौकरी करता है। उसे देखकर वहां मौजूद लोग हैरान रह गए। जी हां, कुछ ऐसा ही हुआ मुंगेर जिला अदालत में, जब मुर्दा घोषित एक आरोपी ने आत्मसमर्पण किया। घटना सोमवार की है।
यह है मामला
- बीते 21 अगस्त 2003 को मुफस्सिल थाना पुलिस ने अवैध हथियार तस्करी के एक मामले का खुलासा किया। पुलिस ने इस मामले में मो. लालटू सहित अन्य पर नामजद कर एफआइआर दर्ज की थी।
- सुनवाई के क्रम में लालटू के पिता मो. शकील ने अदालत के समक्ष लखीसराय जिला के बालगुदर पंचायत द्वारा निर्गत मृत्यु प्रमाण पत्र समर्पित करते हुए लालटू को मृत घोषित कर दिया।
- लालटू की मौत की पुष्टि बाद में ग्राम पंचायत मिर्जापुर बरदह के तत्कालीन सरपंच ने भी कर दी। 27 नवंबर 2014 को कार्यपालक पदाधकारी द्वारा जारी शपथ पत्र में भी उसे मृत घोषित कर दिया गया।
- इतना ही नहीं, मुफस्सिल थाना के तत्कालीन थानाध्यक्ष भाई भरत ने भी अदालत को भेजे गए गए प्रतिवेदन में उसे मृत बताया।
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ऐसे हुआ खुलासा
करीब 11 साल बाद मुफस्सिल थाना कांड संख्या 43/14 में मो. लालटू को मो. इकबाल अहमद नाम से नामजद आरोपी बनाया गया। इस मामले में मो. इरफान चांद ने अदालत को आवेदन देकर बताया कि ललाटू मरा नहीं है, बल्कि मो. इकबाल के नाम से सीआइएसएफ में नौकरी कर रहा है। वर्तमान में वह मंगलौर में तैनात एनडीआरएफ की टीम का हिस्सा है। उसने अदालत को गुमराह करते हुए खुद को मृत घोषित करा लिया है।
इसके बाद अदालत ने एसपी को मामले की जांच का आदेश दिया। फिर, नए सिरे से जांच के बाद मुफस्सिल थाना पुलिस ने खुलासा किया किए मो. इकबाल अहमद ही मो. लालटू है, जो जीवित है और सीआइएसएफ में नौकरी कर रहा है।
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पुलिस दबाव में किया सरेंडर
इसके बाद अदालत के आदेश पर पुलिस ने लालटू की गिरफ्तारी के लिए दबाव बनाया तो उसने सोमवार को सरेंडर कर दिया। इसके बाद अदालत ने उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। अदालत में इस जालसाजी में शामिल अन्य लोगों के खिलाफ जांच कर कार्रवाई का भी आदेश दिया।