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बिहार में होगी पुस्तकालयध्यक्षों की नियुक्ति, पुस्तकालय भी होंगे समृद्ध, भागलपुर में शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने की कई बड़ी घोषणाएं

बिहार के शिक्षा मंत्री सह संसदीय कार्य मंत्री विजय चौधरी भागलपुर पहुंचे। उन्होंने पुस्तकालयों की स्थिति पर चिंता जताई। क‍हा कि पुस्तक पढऩे के प्रति लोगों की रूची घट रही है। पुस्तकालयध्यक्षों की नियुक्ति शीघ्र ही होगी। लाईब्रेरी बनाने पर भी चर्चा की गई।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Published: Sun, 26 Sep 2021 09:10 AM (IST)Updated: Sun, 26 Sep 2021 09:10 AM (IST)
बिहार में होगी पुस्तकालयध्यक्षों की नियुक्ति, पुस्तकालय भी होंगे समृद्ध, भागलपुर में शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने की कई बड़ी घोषणाएं
ब‍िहार के श‍िक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी पहुंचे भागलपुर।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। बिहार के शिक्षा मंत्री सह संसदीय कार्य मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि पुस्तकालयों की स्थिति संतोषजनक नहीं है। इसकी एक बड़ी वजह पुस्तक पढऩे के प्रति लोगों की घटती रूची भी है। अब बहुत कम लोग पुस्तक पढऩे के लिए पुस्तकालय जाते हैं। इसे लेकर लोगों को जागरूक किए जाने की आवश्यकता है। सरकार अपने स्तर से पुस्तकालयों को सुदृढ़ करेगी। पुस्तकालयध्यक्षों की भी शीघ्र नियुक्ति की जाएगी। अब ई लाईब्रेरी बनाने की बात चल रही है।

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गुणवत्तापूर्ण शिक्षा है लक्ष्य

शिक्षा मंत्री ने कहा कि पहले राज्य सरकार ने शिक्षा के सार्वजनिकीकरण की दिशा में काम किया। बच्चों को स्कूल पहुंचाने में सरकार को सफलता भी मिली।कोरोना संकट के कारण लगभग दो वर्ष तक विद्यालय बंद रहे। अगर विद्यालय बंद नहीं हुआ होता तो हमलोग यह घोषणा करने की स्थिति में रहते कि बिहार में कोई बच्चा स्कूल से बाहर नहीं है। अब सरकार गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की दिशा में काम कर रही है। झारखंड के अलग होने के बाद राज्य में एक भी नेतरहाट जैसा विद्यालय नहीं था। मुख्यमंत्री ने नेतरहाट, नवोदय जैसे विद्यालयों के पूर्व छात्रों और विशेषज्ञों से सलाह लेकर जमुई में सिमलुतला विद्यालय की स्थापना की। नोबा (नेतरहाट वोल्ड ब्याज एसोसिएशन) की सलाह के बाद जमीन उपलब्ध करवाकर पूर्णिया में विद्या विहार जैसे संस्थान खुलवाए गए। जहां से यूपीएससी टापर शुभम कुमार ने स्कूली शिक्षा हासिल की। यूपीएससी में सातवीं रैंक लाने वाले अभ्यर्थी ने सिमलुतला विद्यालय से पढ़ाई की थी। यह बिहार के शैक्षणिक व्यवस्था में बदलाव के लिए उठाए गए कदम का सकारात्मक परिणाम है।

कोरोना संकट ने बढ़ाया प्राकृतिक चिकित्सा का महत्व

कोरोना संकट ने सभी चिकित्सा पद्धति की सीमाओं को दुनिया के सामने स्पष्ट कर दिया। ऐसे प्रतिकूल परिस्थिति में दुनिया का ध्यान प्राकृतिक चिकित्सा की ओर गया। प्राकृतिक चिकित्सा के प्रति लोगों का विश्वास भी बढ़ा है। लोगों का प्राकृतिक चिकित्सा के प्रति विश्वास बढ़ा है। ये बातें शिक्षा सह संसदीय कार्य मंत्री विजय चौधरी ने शनिवार को तपोवर्धन प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र में लोगों को संबोधित करते हुए कही। मंत्री ने कहा कि प्राकृतिक चिकित्सा के क्षेत्र तपोवर्धन प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र का कार्य सराहनीय है। इससे पहले निदेशक डा. जेता ङ्क्षसह ने प्राकृतिक चिकित्सा विज्ञान पर विस्तार से प्रकाश डाला। इससे पहले तपोवर्धन प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र के अध्यक्ष गिरधर प्रसाद, महासचिव सत्यजीत सहाय, हरिवंश मणि सिंह, निदेशक डा. जेता सिंह, बबिता देवी, पल्लवी रानी आदि ने मंत्री का स्वागत किया। मंत्री ने जेपी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। वहीं, 10 प्रशिक्षु को मंत्री ने प्रमाण पत्र दिया, जबकि 10 कर्मचारियों को उनके बेहतर कार्य के लिए सम्मानित किया गया। इससे पहले मंत्री ने जीपी की प्रतिमा पर माल्यर्पाण किया गया। वहीं, 1962 में पंडित जवाहर लाल नेहरू द्वारा रखे गए फाउंडेशन का भी अवलोकन किया।


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