NH 80 Bihar में ढलाई से पहले ही ढह गया ईमान... National Highway बना रही कंपनी का काला सच आया सामने
NH 80 Bihar News भागलपुर में बन रहे राष्ट्रीय राजमार्ग में गड़बड़झाला के संकेत मिल रहे हैं। यहां ठेकेदार की सड़क ढलाई से पहले ही ईमान ढहता दिख रहा है। एनएच-80 पर कंक्रीट की अधूरी परत अधूरी नीयत की कहानी बयां कर रही है। सड़क निर्माण में गड़बड़ी से भ्रष्टाचार की बू आ रही है।
संवाद सहयोगी, भागलपुर। NH 80 Bihar News भागलपुर जिले से होकर गुजर रहे एनएच-80 के नवनिर्माण में अनियमितता की तस्वीरें सामने आई हैं, जो सीधे-सीधे भ्रष्टाचार की आहट दे रही हैं। नियमानुसार ढलाई से पहले सड़क के पूरे कटिंग विड्थ (चौड़ाई) में सब-बेस, बेस, कंक्रीट और बालू की परत बिछाई जानी चाहिए, लेकिन जमीनी सच्चाई इससे उलट दिख रही है। मुख्य सड़क के बीच हिस्से में तो मानक के अनुसार परतें डाली गई हैं, मगर किनारों पर मिट्टी की खुली परत पर ही ढलाई की जा रही है।
सबौर में रात के अंधेरे में हो रहा काम
रात के अंधेरे में सबौर इलाके में हो रहे इस निर्माण कार्य के दौरान किनारों पर सिर्फ मिट्टी की परत साफ नज़र आती है, जिससे अंदेशा है कि सड़क किनारे जल्द ही दरारें पड़ेंगी। सड़क कमजोर होगी। जानकारों का कहना है कि इस तरह बीच में दिखावे के लिए परतें डालना और किनारों पर मानक प्रक्रिया की अनदेखी करना लागत बचाने की साज़िश और भ्रष्टाचार की ओर इशारा करता है। इससे सरकार की स्वीकृत राशि तो पूरी खर्च दिखा दी जाती है, पर सड़क की गुणवत्ता पर सीधा असर पड़ता है और जनता की गाढ़ी कमाई पर चोट होती है।
निर्माण गाइडलाइन की उड़ रही धज्जियां
सड़क परिवहन मंत्रालय की गाइडलाइन साफ कहती है कि ढलाई से पहले पूरी चौड़ाई में परत डालना अनिवार्य है। किनारे को खुला छोड़ना सीधा नियमों का उल्लंघन है। बावजूद इसके, निर्माण एजेंसी मनमानी कर रही है।
प्रशासनिक निगरानी नदारद, जिम्मेदार खामोश
परियोजना की गुणवत्ता जांच की जिम्मेदारी एनएचएआई, परियोजना प्रबंधन इकाई और ज़िला प्रशासन की है, लेकिन निर्माण स्थल पर निरीक्षण के वक्त कोई ज़िम्मेदार अधिकारी तक नहीं दिखते। मानक की अनदेखी के बावजूद कार्रवाई न होना प्रशासन की भूमिका पर भी गंभीर सवाल खड़े कर रहा है।
गहन जांच और कठोर कार्रवाई की मांग
सबौर के जिला परिषद सदस्य जयप्रकाश मंडल, सबौर नगर पंचायत अध्यक्ष दीपशिखानंद परिणा समेत स्थानीय लोगों ने सड़क निर्माण की गुणवत्ता की बारीकी से जांच कराने और जिम्मेदार अधिकारियों व ठेकेदारों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है, ताकि करोड़ों की लागत से बनी सड़क वाकई मजबूत और टिकाऊ बन सके, न कि सिर्फ भ्रष्टाचार की परत में लिपटी दिखावे की सड़क बने।
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