Speaker Vijay Kumar Sinha: स्वयंसेवक से बने विधायक, फिर मंत्री से बिहार विधानसभा अध्यक्ष तक का सफर...
लखीसराय के विधायक विजय कुमार सिन्हा इस बार बिहार विधानसभा के अध्यक्ष निर्वाचित हुए हैं। पिछली सरकार में वे मंत्री थे। वे आरएसएस और अखिल भाारतीय विद्यार्थी परिषद से भी जुड़े रहे हैं। भाजपा में आने के बाद से वे लगातार इस पार्टी में सक्रिय बने हुए हैं।

लखीसराय, जेएनएन। लखीसराय विधानसभा क्षेत्र से लगातार तीसरी बार निर्वाचित भाजपा विधायक विजय कुमार सिन्हा बिहार विधानसभा अध्यक्ष निर्वाचित हुए हैं। सिन्हा पिछली सरकार में श्रम संसाधन मंत्री थे। वर्ष 2010, 2015, 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में विजय कुमार सिन्हा लखीसराय विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित हुए हैं। जबकि 2005 में भी वे विधायक निर्वाचित हुए थे लेकिन बिहार में किसी दल को बहुत नहीं मिल पाने के कारण बिहार विधानसभा का गठन नहीं हो पाया था। राष्ट्रपति शासन के छह महीने बाद हुए चुनाव में विजय कुमार सिन्हा राजद के फुलेना सिंह से मात्र 81 वोट से हार गए थे। लेकिन, उसके बाद उनका विजयी रथ नहीं रुका। इस बार के विधानसभा चुनाव के बाद जब उन्हें बिहार सरकार के मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली तो समर्थकों में निराशा छा गई थी। फिर राजनीति ने करवट बदली और पूर्व मंत्री नंदकिशोर यादव की चर्चा के बीच ही विजय कुमार सिन्हा का नाम बिहार विधानसभा अध्यक्ष के रूप में राजग की ओर से प्रस्तुत किया गया। हालांकि महागठबंधन ने भी इस पद के लिए अवध बिहारी चौधरी को प्रत्याशी घोषित किया। बुधवार को बिहार विधानसभा में मतदान के दौरान विजय कुमार सिन्हा अध्यक्ष के रूप में निर्वाचित हुए। अध्यक्ष पद पर विजय सिन्हा के पक्ष में 126 मत मिले। विपक्ष के अवध बिहारी चौधरी को 114 मत मिले।
राजनीतिक जीवन
विजय कुमार सिन्हा मूल रूप से पटना जिले के मोकामा प्रखंड अंतर्गत बादपुर गांव के रहने वाले हैं। पिता शिक्षक थे। छात्र जीवन से ही सिन्हा राजनीति से जुड़े रहे। संघ की विचारधारा से प्रभावित होकर सिन्हा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से ही अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू की थी। 05 जून 1967 को जन्मे विजय कुमार सिन्हा की शैक्षणिक योग्यता इंजीनियरिंग, बीटेक (डिप्लोमा) है। राजनीति के क्षेत्र में सबसे पहले सिन्हा ने स्थानीय निकाय विधान परिषद सदस्य के लिए लखीसराय, मुंगेर, जमुई, शेखपुरा क्षेत्र से 2000 में अपना भाग्य आजमाया। इस चुनाव में उन्हें पराजय हाथ लगी। इसके बाद उन्होंने लखीसराय विधानसभा क्षेत्र को उन्होंने अपना कार्यक्षेत्र चुना। यहां से 2010 से लगातार विधायक चुने जा रहे हैं।
पारिवारिक जीवन
सिन्हा के पिता शिक्षक थे। ये पांच भाई में चौथे हैं। इन्हें चार संतान में दो लड़का और दो लड़की है। दोनों लड़कियों की शादी हो चुकी है। दोनों दामाद बैंक अधिकारी हैं। जबकि बड़ा बेटा इंजीनियर है। छोटा बेटा भी इंजीनियरिंग में पढ़ रहा है। सिन्हा का नानी घर लखीसराय जिले के चानन प्रखंड अंतर्गत तिलकपुर गांव में है। उनका लालन पालन और उनकी प्रारंभिक शिक्षा दीक्षा नानी घर में हुई थी।
धार्मिक प्रवृत्ति के हैं सिन्हा
विजय सिन्हा सादगी के प्रतीक और धार्मिक प्रवृत्ति के हैं। ईमानदारी के साथ सबसे मिलजुल कर रहने में विश्वास रखते हैं। सुबह जागने के बाद पूजा-पाठ के बिना उनके दिन की शुरुआत नहीं होती है।
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