Know Your District In Bihar: लालू यादव ने की बांका की स्थापना, महाभारत काल से जुड़ा है इसका अद्भुत इतिहास
Know Your District In Bihar - बिहार का बांका जिला महाभारत काल के अद्भुत इतिहास के पन्नों को अपने गर्भ में समेटे हुए है। भागलपुर का हिस्सा रहे इस जिले की स्थापना तत्कालीन सीएम सह राजद सुप्रीमो लालू यादव ने की थी। पढ़ें इसका पूरा इतिहास और भूगोल...
Know your district In Bihar आनलाइन डेस्क: बांका जिला (Banka District) अंग प्रदेश यानी भागलपुर का अभिन्न हिस्सा था। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद सुप्रीमो लालू यादव (Lalu Yadav) ने 21 फरवरी 1991 को सिल्क सिटी भागलपुर के बांका अनुमंडल को अलग कर नए जिले का रूप दिया। अपनी नई पहचान के साथ जिले का विकास तेजी के साथ हुआ है। काफी चीजें बदल गई हैं। सांस्कृतिक विरासत की बात करें तो इस जिले का इतिहास महाभारत काल से जुड़ा है।
भौगोलिक स्थिति
- बांका बिहार के दक्षिण-पूर्व में स्थित है।
- झारखंड-बिहार बार्डर पर है।
- कुल क्षेत्रफल 3,020 वर्ग किमी है।
- प्रकृति की गोद में बसा है ये जिला।
- पहाड़ी और हरियाली का संगम यहां देखने को मिलेगा।
स्वर्णिम इतिहास
ऐतिहासिक ग्रंथों की मानें तो बांका की स्थापना अनवा साम्राज्य ने की थी। इसके बाद राजा बलि के पांच पुत्रों के बीच अंग, बंग, कलिंगा, पुदीना और सुमहा ये साम्राज्य में विभाजित हो गया। वहीं मगध का इतिहास जहां अंग प्रदेश से जुड़ा है तो वहीं बांका का कनेक्शन भी इसके साथ है। बिंबसार ने अपने पिता की हार का बदला लेते हुए मगध के राजा भट्टिय को पराजित कर अंग और मगध का आपस में विलय कर दिया था।
यहां ये भी बता दें कि उत्तर भारत के बौद्ध धर्म के ग्रंथों में अंग प्रदेश का जिक्र बहुत जगह किया गया है। महान गुप्त साम्राज्य का हिस्सा रहा अंग प्रदेश महाभारत काल से जुड़ा हुआ है। दुर्योधन ने दानवीर कर्ण को यहां का राजा बनाया था। राजा कर्ण की कहानियां और उस काल की लोक परंपरा आज भी यहां जीवंत हैं। बांका जिला 1854 के आसपास वर्धमान जिले का एक भाग हुआ करता था।
जिले के विधानसभा, प्रखंड-पंचायत और गांव
- जिले में पांच विधानसभा सीटें हैं, जिनका नाम- बांका, बेलहर, अमरपुर, कटोरिया और धोरैया है
- बांका जिले में 11 प्रखंड- बांका, अमरपुर, बाराहाट, बौंसी, बेलहर, चान्दन, फुल्लीडूमर, कटोरिया, धोरैया, रजौन और शम्भूगंज हैं।
- बांका जिले में कुल 185 पंचायतें हैं, जिनके अंतर्गत कुल दो हजार गांव आते हैं।
- यहां ये भी बता दें कि 2009 में नए परिसीमन के तहत भागलपुर जिले का सुल्तानगंज बांका लोकसभा क्षेत्र से जुड़ा।
आबादी पर एक नजर, वोटरों की संख्या
- 2011 की जनगणना के अनुसार बांका की कुल जनसंख्या 20,34,763 है।
- जिले की साक्षरता दर 58।17 फीसदी है।
- लिंग अनुपात 907 है।
- कुल मतदाता 16,87,940
- पुरुष मतदाता 6,96,329
- थर्ड जेंडर 20
लोकल लैंग्वेज (स्थानीय भाषा) और रहन-सहन
बिहार के बांका जिले की मुख्य भाषा बुंदेली है, जो हिंदी की तरह ही है। वहीं कुछ लोग अंगिका भाषा का प्रयोग भी करते हैं। वहीं लगभग सभी हिंदी भी जानते हैं। रहन-सहन की बात करें तो यहां लोग पारंपरिक लिबास में रहना ज्यादा पसंद करते हैं। महिलाएं साड़ी और पुरुष लुंगी-शर्ट के अलावा बिहार की पहचान गमछा लिए जरूर दिखाई देंगे।
धार्मिक और पर्यटन स्थल
मंदार हिल: जैसा कि पहले ही बताया गया कि ये जिला प्रकृति की गोद में बसा है, तो यहां का मंदार पर्वत धार्मिक आधार के साथ-साथ पर्यटन की दृष्टि से भी प्रमुख स्थान है। बिहार सरकार ने इसे जोर शोर से डेवलप किया है। मंदार हिल पर मंदार रोप वे ने अन्य राज्यों के लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करना शुरू कर दिया है।
बात करें धार्मिक स्थलों की तो पंजवारा के डयोढी में 1831 में मां दुर्गा मंदिर 1861 में यहां जमींदरों के पूर्वजों स्थापित किया गया था। जो प्रमुख धार्मिक स्थल के रूप में जाना जाता है। वहीं, दो अन्य मंदिर विष्णु भगवान के नरसिंह मंदिर और दिगंबर जैन तीर्थनकर भी प्रमुख धार्मिक स्थान हैं। मंदार पर्वत के तल पर एक बहुत पुराने अवंतिका नाथ मंदिर भी है, जो सबलपुर गांव में पड़ता है। इसके अलावा चांदन नदी के पास भगवान शिव का एक प्रसिद्ध मंदिर जेठोरे पहाड़ी में अवस्थित है। धार्मिक मान्यता के अनुसार इसे देवघर मंदिर का भाई कहा जाता है।
कितनी नदियां बहती हैं?
झारखंड के देवघर से आने वाली चांदन नदी बांका की प्रमुख नदियों में है, जिसका संगम भागलपुर में गंगा नदी से होता है। वहीं, उत्तर-पश्चिम में बेलहरणी और बडुआ नदी बहती है, जबकि चांदन और ओढ़नी मध्य में बहती है। जिले के उत्तर-पूर्व में चांदन से मिलने वाली चीर मंदर भी पहाड़ियों के बीच बहती है। वहीं बढुआ नदी और सुखनिया नदियां भी हैं।
अर्थव्यवस्था: बिहार के चावल का कटोरा है बांका
अर्थव्यवस्था की बात करें तो बांका जिले की अर्थव्यवस्था कृषि आधारित है। बांका को बिहार के चावल का कटोरा कहा जाता है। यहां की मुख्य फसलों में चावल, गेहूं, मक्का और मसूर हैं। वहीं अमरपुर बेल्ट गन्ना का उत्पादन करता है और यहां गुड का उत्पादन भी होता है।
शिक्षा-दीक्षा के बारे में
जिले का जवाहर नवोदय विद्यालय प्रमुख शिक्षण संस्थान है। बांका जिले के प्रमुख कालेज डीएनएस कालेज है। उच्च शिक्षा के लिए पंडित तारणी झा महिला कालेज, पीबीएस कालेज और श्यामा चरण विद्यापीछ हैं। वहीं सरकारी स्कूलों की बात करें तो सभी प्रखंडों के सभी गांवों के हिंदी और उर्दू स्कूलों की संख्या 2139 है।
कैसे पहुंचे बांका?
जिले तक जाने के लिए आपको सबसे पहले भागलपुर या झारखंड के देवघर पहुंचना होगा। बांका भागलपुर औऱ देवघर दोनों जिलों से वाया सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है। वहीं रेल मार्ग की बात करें तो पूर्वी रेलवे के अधीन आता है। बांका रेलवे स्टेशन मालदा डिवीजन में पड़ता है।
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