Bhagalpur News: बाहुबली का नया अवतार 'विश्वनाथ'... जर्मनी में मचा दी भारत की धूम; भागलपुर का बजाया डंका IRONMAN 2025
IRONMAN 2025 बिहार के भागलपुर के रहने वाले डा. विश्वनाथ तिवारी आयरनमैन 2025 चुने गए हैं। जर्मनी के फ्रैंकफर्ट में 14.03 घंटे की बेहद कठिन प्रतियोगिता में जीत दर्ज कर इतिहास रचने वाले वे पहले भारतीय गैर एथलीट बने हैं। वे पेशे से डाक्टर और फिलहाल नई दिल्ली के रेलवे हास्पिटल में सर्जन हैं।

शंकर दयाल मिश्रा, जागरण, भागलपुर। Bhagalpur News खुले समुद्र में 3.86 किमी तैराकी, यूरोप के टफेस्ट रूट पर 180 किमी साइकिलिंग और 42.195 किमी दौड़! बिना रुके... लगातार! नार्दन रेलवे सेंट्रल हास्पिटल, नई दिल्ली में कार्यरत कैंसर सर्जन भागलपुर के बैजानी निवासी डा. विश्वनाथ तिवारी ने यह दूरी महज 14 घंटे तीन मिनट में मापकर आयरनमैन फ्रैंकफर्ट यूरोपीय चैंपियनशिप में जीत दर्ज की। जर्मनी के फ्रैंकफर्ट में बीते 29 जून को हुई इस प्रतियोगिता में उन्होंने तिरंगा के साथ आयरनमैन के रेड कार्पेट पर प्रवेश कर कीर्तिमान बना दिया। वे लगातार चौथी बार आयरनमैन यूरोपीय चैंपियनशिप खिताब जीतने वाले भारत के इकलौते गैर एथलिट हैं, जिनका पेशा चिकित्सा है।
बेहद चुनौतीपूर्ण है आरयनमैन प्रतियोगिता
डा. तिवारी ने बताया कि आरयनमैन प्रतियोगिता एक मुश्किल और चुनौतीपूर्ण ट्रायथलान है। पूरे विश्व में इसे आयरनमैन ग्रुप द्वारा आयोजित किया जाता है। इस बार जीत के लिए महज 15 घंटे 30 मिनट का समय निर्धारित था। इसमें दुनिया भर के 3300 प्रतिभागियों ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया था। भारत से इसके लिए आठ लोगों का चयन हुआ था। प्रतियोगिता के दिन तक सारी प्रक्रिया पूरा होने के दौरान कई प्रतिभागी छंटते गए और 1900 प्रतिभागी ही इसमें शामिल हो पाए। इस बार प्रतियोगिता फ्रैंकफर्ट के चढ़ाई वाले रूट पर थी। प्रतियोगिता के लिए यह टफेस्ट रूट है। यूरोप का मौसम भी अनुकूल नहीं था। जिस दिन प्रतियोगिता हुई वहां का तापमान 37 डिग्री तक पहुंच गया था। यह विपरीत परिस्थिति थी पर इसके लिए वे पहले से तैयार थे।
Bhagalpur News : डा. विश्वनाथ तिवारी ने 14 घंटे तक तैराकी, साइकिलिंग और दौड़ लगाई।
7 घंटे साइकिल चलाई, पांच घंटे दौड़े
डा. तिवारी के मुताबिक फ्रैंकपर्ट के खुले समुद्र में तैराकी के साथ यह प्रतियोगिता शुरू हुई। उन्होंने एक घंटा 38 मिनट में 3.86 किलोमीटर की तैराकी पूरी की। इसके बाद सिर्फ ड्रेस बदलने के लिए चंद मिनट मिले और साइकिलिंग शुरू की। 180 किमी की साइकिलिंग के दौरान उनकी साइकिल दो बार पंचर भी हुई। प्रतियोगिता के नियम के मुताबिक पंचर भी प्रतियोगी को खुद बनाना होता है और इसमें लगने वाला समय भी प्रतियोगिता के तय समय के अंदर ही आता है। छह घंटे 59 मिनट में उन्होंने यह पूरा किया। फिर तत्काल तय रनिंग रूट पर 42.195 किमी दौड़ पांच घंटे नौ मिनट में पूरा किया।
2022 से लगातार जीते
भागलपुर से प्राथमिक शिक्षा, 1995 में पटना मेडिकल कालेज से एमबीबीएस डिग्री हासिल कर 2003 में यूपीएससी के माध्यम से रेलवे की हेल्थ सर्विस में आए डा. तिवारी के मुताबिक उन्होंने पहला आयरनमैन का टाइटल 2022 में डेनमार्क के कोपेनहेगन में जीता था। इसके बाद 2023 में कलमार स्वीडन में दूसरी बार और 2024 में जर्मनी के हैम्बर्ग में आयोजित चैंपियनशिप में तीसरी बार जीत दर्ज की। इस बार उनकी लगातार चौथी जीत है। वे देश विदेश के मैराथनों और साइकलिंग में शामिल होते रहते हैं। उनकी पत्नी डा. मिताली तिवारी भी ऐसे आयोजनों में शामिल होती हैं।
बेहतर स्वास्थ्य के लिए अभियान
डा. तिवारी कहते हैं कि खुद को स्वस्थ रखने के लिए एक घंटा की दौड़ उन्होंने शुरू की थी। जिसे समय के साथ बढ़ाकर तीन घंटे की नियमित साइकलिंग, रनिंग और स्वीमिंग में बदल दिया और गैर एथलीट के रूप में इस ट्रायथलान में शामिल होने योग्य बन पाए। ट्रायथलान क्लब आफ इंडिया का विशेष साथ और समर्थन मिलने से वे इस मुकाम को हासिल कर पाए। चूंकि मेरा पेशा चिकित्सा है इसलिए व्यस्त समय के बीच इसके लिए समय निकाल पाना भी चुनौती है। लेकिन, अगर ठान ली जाए तो सब संभव है। लोगों को इंटरनेट मीडिया के माध्यम से स्वास्थ्य के प्रति जागरूक कर रहा हूं कि अपने लिए एक घंटा जरूर निकालें और आउटडोर गतिविधियों में शामिल हों।
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