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    Azithromycin के सेवन से पहले जान लें ये बातें, आपके लिए हो सकती है खतरनाक, सर्दी व खांसी का इस तरह करें इलाज

    By Dilip Kumar ShuklaEdited By:
    Updated: Fri, 21 Jan 2022 08:18 AM (IST)

    सर्दी-खांसी की अनावश्यक दवा लेना खतरनाक। तीन दिन में ठीक नहीं होने पर चिकित्सक से लेनी चाहिए सलाह। कोरोना से बचाव के लिए सभी को वैक्सीन लेना बहुत ही जरूरी। बेवजह अजिथ्रोमाइसिन या एनटीबायोटिक खाने से गंभीर हो सकते हैं परिणाम।

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    दैनिक जागरण कार्यालय में चिकित्‍सकीय परामर्श देते डा आलोक कुमार सिंह।

    जागरण संवाददाता, भागलपुर। सर्दी-खांसी व बुखार तीन से पांच दिनों में अपने आप ठीक हो रहे हैं। इसकी दवा अनावश्यक खाने से परेशानी बढ़ सकती है। बेवजह अजिथ्रोमाइसिन या एनटीबायोटिक खाने से कई परेशानी या फिर दिल का दौरा पड़ सकता है। सांस फूलना, 102 डिग्री तक बुखार रहना गंभीर संक्रमण या फिर निमोनिया की वजह से हो सकता है। सर्दी-खांसी होने पर तीन दिनों तक घरेलू उपचार करें। गर्म पानी का भाप लें, तुलसी आदि का काढ़ा पीएं। इसके बाद भी ठीक नहीं होने पर चिकित्सक से सलाह लें।

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    इस बार अतिगंभीर संक्रमण व मृत्युदर पुरानी लहर की तुलना में नहीं के बराबर है, लेकिन कोरोना संक्रमण को हल्के में नहीं लिया जा सकता है। यह कहना है जवाहर लाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल के वरीय चिकित्सक व श्वांस रोग विशेषज्ञ डा. आलोक कुमार सिंह का। वे दै‍निक जागरण के प्रश्न पहर में पाठकों के प्रश्नों का जवाब दे रहे थे।

    संक्रमण के लक्षण : सामान्यत: नाक से पानी गिरना, खांसी, गले में खरास अथवा दर्द, सिर दर्द, बदन दर्द, 102 डिग्री तक बुखार, कमजोरी, सीने में जकडऩ, नाक बंद होना आदि है। दस्त, उल्टी या पाचन संबंधी समस्या भी हो सकती है। अति गंभीर स्थिति में दम फूलना, आक्सीजन की कमी हो सकती है।

    बचाव : मास्क, शारीरिक दूरी, स्वच्छता व वैक्सीनेशन। कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीन का दोनों डोज लेना बहुत ही जरूरी है। भीड़ भाड़ में जाने से बचना चाहिए।

    जांच : लक्षण आने पर कोरोना की एंटिजन आ आरटीपीसीआर जांच करानी चाहिए। एंटिजन जांच संक्रमण के तीसरे दिन से सातवें दिन तक करा सकते हैं। आरटीपीसीआर जांच तीसरे दिन से 20वें दिन तक करा सकते हैं। इस बीच ही पाजिटिव आने की संभावना रहती हे।

    उपचार : लक्षण आने या जांच में पाजिटिव आने पर सात दिनों तक होम आइसोलेशन में रहना चाहिए। किसी भी तरह का उपचार योग्य चिकित्सक की सलाह या स्वास्थ्य विभाग के दिशानिर्देश के अनुसार ही करना चाहिए। ज्यादातर केस में किसी भी तरह की दवा की जरूरत नहीं पड़ती है। अच्छी नींद, पौष्टिक आहार, हल्का व्यायाम और आराम बहुत जरूरी है। किसी भी परिस्थिति में दवा का इस्तेमाल अपने मन से या दवा दुकानदार की सलाह पर नहीं करें। डाइबिटीज, हाइपरटेंशन, हर्ट के मरीज को दवा लगातार लेनी चाहिए।

    इन्होंने पूछे सवाल

    राजेश कुमार गोपालपुर, कुंदन कुमार बनिया नवगछिया, रामदेव चौधरी अमरपुर बिहपुर, राजेश कुमार पंडित भीखनपुर, रितेश कुमार बनिया, पुष्पा कुमारी कहलगांव, दीपक कुमार जगदीशपुर, एसएस रजा भीखनपुर, दीपक रंजन नाथनगर, मु. इमरान बबुरा, प्रिया कुमारी नाथनगर, नेहा परवीन सबौर, सरिता कुमारी चंदन नगर बांका, रीना कुमारी महदा, बबीता देवी वारसलीगंज और मु. हसनेन नवगछिया।