Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    Chhath Kharna 2025: छठ पूजा के दूसरे दिन खरना आज, जानें पूजा विधि और फल-फूल से सूप-डाला, पूजा सामग्री का मूल्य

    By Prashant Kumar Edited By: Alok Shahi
    Updated: Sun, 26 Oct 2025 02:08 PM (IST)

    Chhath Kharna 2025: 26 अक्टूबर, रविवार को छठ पूजा 2025 के दूसरे दिन आज खरना है। छठ पूजा में इस दिन व्रती व अन्य श्रद्धालु उपवास रखते हैं और शाम को विशेष पूजा करते हैं। चावल, दूध और गुड़ से खीर बनाकर भगवान सूर्य और छठी मइया को अर्पित की जाती है। खरना में शुद्धता और त्याग का महत्व है। लोग सूर्य और छठी मैया से परिवार की सुख-समृद्धि के लिए प्रार्थना करते हैं।

    Hero Image

    Kharna Chhath Puja 2025: छठ पूजा के दूसरे दिन रविवार को खरना है। आज सूर्य भगवान को खीर का भोग लगाकर प्रसाद बांटा जाएगा।

    जागरण संवाददाता, भागलपुर।   Kharna Chhath Puja 2025 लोक आस्था, श्रद्धा और सूर्योपासना का चार दिवसीय महापर्व छठ शनिवार को नहाय-खाय के साथ आरंभ हो गया। आस्था और आध्यात्म का ऐसा अद्भुत संगम पूरे शहर में देखने को मिला जहां घर-आंगन से लेकर घाटों तक छठ मईया के गीत गूंज रही है। नहाय-खाय से हुई पावन शुरुआत शनिवार की सुबह से ही भागलपुर के बरारी पुलघाट, सीढ़ी घाट, हनुमान गंगा घाट, आदमपुर घाट, बूढ़ानाथ घाट सहित तमाम गंगा तटों पर श्रद्धालुओं की अपार भीड़ उमड़ पड़ी। व्रतधारिणियों ने गंगा स्नान कर मां गंगे की आराधना की और अपने घरों के लिए गंगा जल से भरी डब्बा लेकर लौटीं। घर पहुंचकर अरवा चावल, चने की दाल और कद्दू की सब्जी से नहाय-खाय का प्रसाद तैयार किया गया। पवित्रता की पराकाष्ठा में लिप्त यह भोजन सूर्यदेव को अर्पित कर पूरे परिवार ने प्रसाद रूप में ग्रहण किया।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    छठ पूजा 2025 खरना आज

    उपवास, भक्ति और आत्मसंयम का पर्व पर्व का दूसरा दिन रविवार को खरना का विधान होगा। दिन भर निर्जला उपवास के बाद शाम में व्रती गुड़-चावल की खीर, रोटी और केला से प्रसाद तैयार करेंगी। सूर्यदेव को अर्घ्य अर्पित कर खरना का प्रसाद ग्रहण करते ही आरंभ होगा 36 घंटे का निर्जला व्रत जो छठ व्रत की सबसे कठोर साधना मानी जाती है।

    छठ पूजा 2025 संघ्या अर्घ्य

    सोमवार को डूबते सूर्य, मंगलवार को उदयीमान सूर्य को अर्घ्य सोमवार की संध्या में व्रती अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य अर्पित करेंगी। गंगा और तालाबों के घाटों पर लाखों दीपक झिलमिलाएंगे, आरती की थालियां सजेंगी और छठ गीतों से गूंजेगा पूरा वातावरण। मंगलवार की प्रभात बेला में उदयीमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही चार दिवसीय यह महापर्व संपन्न होगा।

    हर तरफ गूंज रहे छठ गीत 

    घर-आंगन में तैयारियां चरम पर: गेहूं सुखाने और गीतों की गूंज से भरा माहौल हर घर में इन दिनों छठ की तैयारी का अलग रंग है । कहीं छतों पर गेहूं सुखाए जा रहे हैं तो कहीं महिलाओं के स्वर में केलवा के पात पर उगेल सूर्य देव की धुन गूंज रही है। दरवाजों पर सजे रंगोली और केले के पेड़ों से सुसज्जित वेदी भक्ति का प्रतीक बन चुके हैं। भक्ति और लोक की लय से गूंजता भागलपुर इस समय पूर्ण रूप से छठमय हो गया है। छठ आत्मसंयम, प्रकृति और प्रकाश का पर्व छठ सिर्फ व्रत नहीं, बल्कि आत्मशुद्धि और प्रकृति उपासना का पर्व है। गंगा जल की पवित्रता, सूर्य की ऊर्जा और व्रती की तपस्या तीनों मिलकर इस पर्व को जीवन और आस्था का उत्सव बनाते हैं।

    सूप-डाला, नारियल, फल-फूल और पूजन सामग्री की खरीदारी

    छठ महापर्व के दूसरे दिन रविवार को खरना पूजा के अवसर पर शहर के बाजारों में पूजन सामग्री व फलों की खरीदारी को लेेकर ग्राहकों की भीड़ रही। सुबह से ही लोग सूप-डाला, नारियल, फल-फूल और पूजन सामग्री की खरीदारी में जुट गए थे। छठ पूजा में इस्तेमाल होने वाली पारंपरिक सामग्रियों में सूप, डाला, नारियल, कबरंग, टाभ, नींबू, अमरूद, सुथनी, केला चिनिया, आंवला, अदरख गाछ और हल्दी गाछ, केतारी की बिक्री दिनभर जोरों पर रही। श्रद्धालु खरना के बाद होने वाले अर्घ्य के लिए पहले से ही सामग्री जुटाने में लगे हुए थे।

    बंगाल, तमिलनाडु व आंध्रप्रदेश का नारियल की खूब डिमांड

    छठ पूजा में बंगाल, तमिलनाडू व आंध्रप्रदेश का नारियल की खूब रही डिमांड रही। वेरायटी चौक स्थित नारियल विक्रेता प्रमोद कुमार ने बताया कि रविवार को खरना के दिन चार तरह के नारियल बिकी। नारियल की कीमत 100, 150, 200, 300 रुपये जोड़ा था। इसमें 150 रुपये जोड़ा वाला नारियल ग्राहकों ने अधिक खरीदारी। इसके अलावा डांभ नींबू भी अच्छा महंगा बिका। इसकी कीमत 120 से 160 रुपये था।

    सूप के दाम में 50 रुपये तक की बढ़ोतरी

    लोहिया पुल के समीप सूप व डाला बेच रहे विजय मल्लिक ने बताया कि खरना के दिन बाजार में भीड़ बढ़ने से सूप की कीमतों में उछाल आ गया है। जो सूप दो दिन पहले 200 रुपये जोड़ा बिक रहा था, वह अब 250 रुपये में बिक रहा है। वहीं डाला की कीमत स्थिर रही—220 से 250 रुपये प्रति जोड़ा।

    फलों की कीमतों में भी उछाल

    गिरधारी साह हाट स्थित फल विक्रेता धर्मेंद्र वर्मा ने बताया कि सेब 100 से 120 रुपये, नारंगी 80 से 100, अनार 160 से 200, अमरूद 60 से 80, खीरा 40 से 60 रुपये किलो बिका। पानीफल की कीमत 200 रुपये किलो तक पहुंच गई। सुपाड़ी एक रुपये पीस, आंवला पांच रुपये पीस और हल्दी-अदरख गाछ दस-दस रुपये पीस बिका।