खगडिय़ा गोशाला : दो दशक बाद होगा यहां के कमेटी का चुनाव, 76 लोगों को मिला वोट डालने का अधिकार
खगडिय़ा गोशाला 18 जून को जिला योजना भवन के सभागार में चुनाव होगा 76 मतदाता लेंगे भाग खगडिय़ा एसडीओ ने जारी किया आदेश। अनुमंडल पदाधिकारी ने नया आदेश जारी कर 18 जून 2022 को चुनाव की तारीख निर्धारित की है।
जागरण संवाददाता, खगडिय़ा। खगडिय़ा गोशाला की ख्याति दूर-दूर तक है। खगडिय़ा गोशाला की ओर से प्रत्येक साल ऐतिहासिक गोशाला मेला का आयोजन किया जाता है। जो कोसी क्षेत्र का ख्याति प्राप्त मेला है। लेकिन दो दशकों से खगडिय़ा गोशाला का चुनाव नहीं हुआ है। जिसको लेकर सवाल उठते रहे हैं। अब दो दशकों के बाद खगडिय़ा गोशाला कमेटी का चुनाव हो रहा है। चुनाव की तिथि में बदलाव किया गया है। खगडिय़ा अनुमंडल पदाधिकारी अमित अनुराग ने नया आदेश जारी कर 18 जून 2022 को चुनाव की तारीख निर्धारित की है। जिला योजना भवन के सभागार में चुनाव होगा। इसके पहले अनुमंडल पदाधिकारी सह अध्यक्ष गोशाला कमेटी ने 30 मई को आदेश निकालकर चुनाव के लिए 15 जून की तारीख तय की थी। गोशाला परिसर निर्धारित चुनाव स्थल था। लेकिन अब इसमें बदलाव किया गया है। खगडिय़ा गोशाला के सचिव समेत अन्य पद प्रतिष्ठा के सूचक माने जाते हैं। इसको लेकर गहमागहमी शुरू है। गोशाला कमेटी के 76 सदस्य चुनाव में मतदाता होंगे।
जिला योजना भवन के सभागार में 18 जून को 11 बजे दिन से चुनाव कार्यक्रम निर्धारित है। माना जा रहा है कि पारदर्शिता को लेकर चुनाव कार्यक्रम में बदलाव किया गया है। उल्लेखनीय है कि पूर्व अनुमंडल पदाधिकारी धर्मेंद्र कुमार के समय में चुनाव तिथि की घोषणा के बाद अचानक चुनाव स्थगित कर दिया गया था। जिससे तमाम तरह की आशंकाएं पैदा हो रही थी। लेकिन वर्तमान अनुमंडल पदाधिकारी ने गोशाला कमेटी के चुनाव की घोषणा कर दी है। इससे चहल-पहल है। अंदर ही अंदर गोशाला की राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है।
इस संबंध में पशु कल्याण में विशेष अभिरुचि रखने वाले समाजसेवी सह अधिवक्ता अजिताभ सिन्हा ने डीएम आलोक रंजन घोष से मिलकर गोशाला कमेटी खगडिय़ा का तुरंत चुनाव कराने का आग्रह किया था। डीएम ने एक पखवारा के अंदर चुनाव कराने का आदेश एसडीएम खगडिय़ा को दिया था। अजिताभ सिन्हा ने डीएम को धन्यवाद देते हुए उम्मीद जताई है कि इस बार गोशाला कमेटी का चुनाव पारदर्शिता पूर्ण होगा। उन्होंने बताया कि तत्कालीन एसडीएम सुनील कुमार यादव ने गोशाला के तत्कालीन मंत्री के कार्य को असंतोष जनक पाते हुए तमाम वित्तीय गड़बड़ी के मद्देनजर 2014 में चुनाव होने तक गोशाला कमेटी का वित्तीय प्रभार स्वयं ले लिया था। पिछले आठ सालों से एसडीओ ही वित्तीय प्रभार में है। उम्मीद जगी है कि चुनाव के बाद खगडिय़ा गोशाला को केंद्र और राज्य सरकार से अनुदान मिलेगा। जिससे गौशाला के विकास का रास्ता खुल जाएगा।