कवि सम्मेलन : ओज हुंकार... हास्य बौछार... गीत फुहार... गजल गुलजार
मारवाड़ी पाठशाला में आयोजित कवि सम्मेलन में एहसान कुरैशी प्रख्यात मिश्रा गौरी मिश्रा योगेंद्र शर्मा गजेंद्र सोलंकी और पवन अगारी की कविताओं की प्रस्तुत ...और पढ़ें

भागलपुर [जेएनएन]। मारवाड़ी पाठशाला का मैदान। मंच पर बैठे देश के नामचीन कवि। हर चेहरे पर मुस्कुराहट। कहीं कोई तनाव नहीं। बार-बार ठहाके की गूंजती आवाज। ताली बजाने को मजबूर होते हाथ। ऐसा ही नजारा रविवार की रात दैनिक जागरण की ओर से आयोजित अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में दिखा। सुबह से जहां बारिश की संभावना दिख रही थी। पर, कवियों को देख मौसम भी खुशगवार हो गया था। एक ओर आसमान में तारे टिमटिमा रहे थे तो दूसरी ओर काव्य की दुनियां के सितारों से मंच रोशन हो रहा था। अपने चहेते कवियों को सुनने के लिए शाम से ही लोगों को आने का सिलसिला शुरू हो गया। हास्य, शृंगार, वीर रस और शायरी ने ऐसा समां बांधा कि श्रोता अपने जगह पर जम से गए थे।
गजेंद्र सोलंकी आयोजन का अपने अंदाज में संचालन कर रहे थे। कार्यक्रम में देश के नामचीन कवियों को सुनने पहुंचे लोगों के लिए वास्तव में यह यादगार पल था। देश के नामचीन हास्य कवि एसहसान कुरैशी, योगेन्द्र शर्मा, गजेन्द्र सोलंकी, पवन अगारी, प्रख्यात मिश्रा और गौरी मिश्रा को सुनकर श्रोता लोटपोट होते रहे। भागदौड़ भरी जिदगी में खुशियों के पल को और हंसने हंसाने का एक अनूठा माहौल देर रात तक चलता रहा। कवियों ने जहां अपने व्यंग के तरकस से सरकार और सत्ता पर तीर छोड़े तो देशप्रेम और नारी सशक्तीकरण के साथ कवियों के व्यंग ने दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया। वर्तमान सरकार से प्रशासन और राष्ट्रीय मुद्दे पर एक से एक कविताएं प्रस्तुत की। वर्तमान माहौल से लेकर मोबाइल और इंटरनेट के दुरुपयोग और फैशन पर भी व्यंगों की बारिश हुई। कवियों ने व्यंग्य बाण और कटाक्ष के साथ वीर रस की कविताओं से लोगों को भरपूर मनोरंजन किया। इस खुशनुमा शाम में दर्शक अपनी भागदौड़ भरी जिदगी से इतर खूब मनोरंजन किया। दर्शकों ने दैनिक जागरण द्वारा आयोजित इस सम्मेलन की जमकर तारीफ की।
हर चेहरे पर मुस्कुराहट, बार-बार गूंजती रही ठहाकों की आवाज, यादगार बना पल

दैनिक जागरण की ओर से मारवाड़ी पाठशाला में आयोजित अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में शहरवासी देर रात तक कविताओं का रसपान करते रहे। कवि सम्मेलन का उद्घाटन प्रधान न्यायाधीश ब्रजेश कुमार पांडेय, जिला एवं सत्र न्यायाधीश अष्टम एमपी सिंह, महापौर सीमा साहा, बीएयू के प्रसार निदेशक आरके सोहाने, पूर्व महापौर डॉ. वीणा यादव, दैनिक जागरण भागलपुर के महाप्रबंधक राजाराम तिवारी और संपादकीय प्रभारी संयम कुमार ने संयुक्त रूप से किया। इस मौके पर प्रधान न्यायाधीश ब्रजेश कुमार पांडेय ने कहा कि कवि सम्मेलन एक ऐसा मंच है जहां लोग जिंदगी जीते हैं। तनाव की वजह से लोग हंसना भूल गए हैं। कवि सम्मेलन में लोगों को जमकर हंसने का मौका मिलता है। उन्होंने कहा कि मानव होना सौभाग्य है तो कवि होना परम सौभाग्य है। कवि सम्मेलनों में आने वाले लोग भाग्यशाली होते हैं। कवि सम्मेलन के आयोजन पर उन्होंने दैनिक जागरण को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि 1970 के बाद कवियों के व्यंग्य की धारा नेताओं की तरफ हो गई। उन्होंने अपनी व्यंग्यपूर्ण वाणी से कई बार श्रोताओं को हंसाया।

इस मौके पर स्वागत भाषण में संपादकीय प्रभारी संयम कुमार ने कहा कि दैनिक जागरण की ओर से एक दशक से भी अधिक समय से साहित्य सृजन के सामाजिक दायित्व के तहत कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया है। अंग की धरती साहित्य के क्षेत्र में उर्वर रही है। यहां के कई कवि राष्ट्रीय फलक पर चमकते रहे। गोपाल सिंह नेपाली की अंतिम यात्रा यहीं से प्रारंभ हुई। फणीश्वरनाथ रेणु रचित मैला आंचल उपन्यास पर 12 भाषाओं में फिल्म बनीं हैं। उन्होंने कहा कि कवि हमारे लिए साहित्य की शाम सजाते हैं।
...और कवि बन गए प्रधान न्यायाधीश
कवि सम्मेलन का शुभारंभ करने पहुंचे मुख्य अतिथि प्रधान न्यायाधीश ब्रजेश पांडे, कुछ देर के लिए कवि की भूमिका में दिखे। माइक लेते ही प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि यह ऐसा मंच है जहां को कोई जज नहीं, कोई एमएलए नहीं, कोई अधिकारी नहीं। सभी आने नाम के आगे लगे पद को हटाकर पूरी तरह कविता की धारा में गोते लगाएं। प्रधान न्यायाधीश ने भी कुछ पुरानी घटनाओं को कविता के रूप प्रस्तुत किए। इस पर दर्शकों ने खूब तालियां बजाई। इनकी कविता देखकर कभी भी दांत तले उंगली दबाने लगे।
इनकी रही विशेष सहभागिता
इस कार्यक्रम भागलपुर सिटी डेवलपर्स, वीजे सचदेवा, कैरियर प्वाइंट, दिशा, एनएसआइटी, गुरुकुल, रेडियन क्लासेज, संस्कृति, कैरियर मागदर्शन की खूब सहभागिता रही।

मैं भारत का स्वाभिमान जगाने आया हूं...
कवि सम्मेलन में पहली बार भीलवाड़ा से पहुंचे योगेंद्र शर्मा ने हास्य व्यंग्य के साथ लोगों को राष्ट्रभक्ति का भी संदेश बांटा। उन्होंने अपनी पहली पंक्ति तुम चाहो तो कतरा-कतरा रत्नाकर हो सकता है, तुम चाहो तो कंकर-कंकर शिवशंकर हो सकता है, तुम चाहो तो रामराज का दौर शुरू हो सकता है..., तुम चाहो तो भारत फिर से विश्व गुरु हो सकता है। युवा शक्ति के अंतस-बल का भान कराने निकला हूं, मैं भारत का सोया स्वाभिमान जगाने निकला हूं...। इन कविताओं के माध्यम से योगेंद्र शर्मा ने देश संवारने के लिए युवाओं को आह्वान किया। स्वाभिमान जगाने के लिए आगे आने का आह्वान किया।
एहसान कुरैशी ने चुटकुलों से किया मदमस्त

पहली बार भागलपुर पहुंचे देश के नामचीन कवि और कॉमेडियन एहसान कुरैशी इस आयोजन के खास आकर्षण रहे। श्रोता इनकी कविता का बेसब्री से इंतजार करते दिखे। माइक थामते ही एहसान कुरैशी ने व्यंग्य वाण से दर्शकों को लोटपोट कर दिया। कुरैशी ने कविता, यहां चेहरे नहीं इंसान पढ़े जाते हैं, मजहब नहीं ईमान पढ़े जाते हैं, ये देश इसलिए महान है दोस्तो, यहां एक साथ गीता और कुरान पढ़े जाते हैं...का पाठ किया तो श्रोता झूमने लगे। इसके बाद कुरैशी ने हास्य व्यंग्य की कविता, फांसी पर चढ़ते हुए कैदी से जज साहब ने कहा-अपनी अंतिम इच्छा बताइए, कैदी बोला- मेरे बदले आप ही फांसी पर लटक जाईए... की रचना की तो सभी ठहाके लगाने लगे।
क्रांतिकारी कविताओं से गजेंद्र सोलंकी ने भर दिया जोश
सम्मेलन में कविता पाठ करने की बारी क्रांतिकारी कविताओं के लिए मशहूर कवि गजेंद्र सोलंकी की आई। उन्होंने पहली कविता लूटता हुआ वतन देखकर खौले नहीं सोचों ऐसे खून की रवानी किस काम की, स्वार्थी की चौसर पर हारती जा रही जो स्वाभिमान शून्य जिंदगानी किस काम की, जिसमें न त्याग देश प्रेम नहीं बलिदान सोचो जिंदगी की वो कहानी किस काम की... इस कविता ने दर्शकों को झकझोर कर रख दिया। इसके बाद उन्होंने देश भक्ति पर एक से बढ़कर कविताएं और शायरी की प्रस्तुत की। सोलंकी ने अपनी कविताओं से युवाओं में देशभक्ति का जोश भर दिया।
गुलाबी नोट से ज्यादा, गुलाबी गाल कर दूंगी, मोहब्बत से मालामाल कर दूंगी...

सम्मेलन में नैनीताल से पहुंची महिला कवि गौरी मिश्रा ने अपनी रचनाओं से युवाओं में जोश भर दिया। जैसे ही महिला कवि ने माइक पकड़ी तो उपस्थित दर्शक हाथ हिलाकर अभिवादन करने लगे। अपनी कविता से दर्शकों का मन को तरंगित कर दिया। इन्होंने पहली कविता, ये मत पूछो कि मेरा हाल कैसा है, पहले ये पूछो कि नैनीताल कैसा है। बीमार-ए-इश्क में दिल की दवा के साथ आई हूं, जो वादों में बसा जवां के साथ आई हूं, महकने लगी हर गली शहर की तेरी, क्योंकि मैं नैनीताल की ताजी हवा के साथ आई हूं...। शायरी पेश की तो सभी झूमने लगे। इसके बाद आगे गाया गुलाबी नोट से ज्यादा, गुलाबी गाल कर दूंगी, तुम्हें अपनी मोहब्बत से मालामाल कर दूंगी, इस महफिल को इस धरा को नैनीताल कर दूंगी...। भागलपुर में एसिड हमले की शिकार हुई छात्रा पर कविता पढ़ सभी को झकझोर दिया। कविता की पंक्ति यू है..दिए ईश्वर ने जो रिश्ते उन्हीं का स्वाद चख लेते, बहन के बांधे एक धागे को थोड़ा सा परख लेते, नहीं यू फेंकते तेजाब तुम मासूम चेहरों पर जो अपनी मां की तस्वीर ही अपने आंखों में रख लेते। शकुंतला और राजा दुष्यन्त की प्रेमगीत पर कहा कि मैं उस कहानी का प्रारंभ कर दूं, जिस कहानी के तुम अंत बन जाओगी, मैं रहूंगी तुम्हारी ही शकुंतला, तुम अगर मेरी दुष्यन्त बन जाओगी। श्रोता गौरी मिश्रा की शायरी और कविताओं का जमकर रसपान किया।
नीतीश ने मोदी जी को कहा सज्जन ने झूठ मत बोलो
हास्य और व्यंग के लिए मशहूर आगरा से पहली बार भागलपुर आए पवन आगरी ने माइक थामते ही श्रोताओं को हंसाना शुरू कर दिया। पहली कविता पढ़ी .. भैया यह स्वतंत्र भारत है, यहां खाने की सब में आदत है। विधायक विधान कहा रहे हैं, सांसद संविधान कहा रहे हैं, और कुछ ऐसे भी लोग हैं जो पूरा हिंदुस्तान खा रहे हैं। इसके बाद हाल में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में एनडीए की जीत पर फब्तियां कसते हुए कहा कि मोदी जी ने नीतीश जी से कहा, चुनाव जीतकर हमको आपके पार्टी से कई मंत्री बनाना है, नीतीश जी बोले सज्जन रे झूठ मत बोलो, खुदा के पास जाना है...इस पर दर्शकों ने खूब तालियां बजाई। सभी लोटपोट हो गए।
जनता ने भव्य जनादेश दे दिया, मोदी जी के हाथों में यह देश दे दिया।...
लखनऊ के वीर रस के युवा कवि प्रख्यात मिश्रा पहली बार भागलपुर पहुंचे थे। माइक थामते ही अपनी कविता से सभी को लोटपोट कर दिया। लोकसभा चुनाव पर पहली कविता जातिवाद की सभी प्रथाएं तोड़कर, वंशवाद वाली धाराएं मोड़कर, तुमको जवाब यह दो टूक दिया, मांगा था सबूत लो, सबूत दे दिया, जनता ने भव्य जनादेश दे दिया, मोदी जी के हाथों में यह देश दे दिया। इन्होंने देश भक्ति और राष्ट्रवाद पर एक से कविता पढ़ी। अपनी कविताओं से युवाओं में जोश दिया। दर्शक तालियों से इनका जबरदस्त स्वागत किया।


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