आधी रात को मां काली विदा... 81 प्रतिमाओं की शोभा यात्रा, सबसे आगे परबत्ती, सबसे पीछे जोगसर की बमकाली, देखें शानदार तस्वीरें
Kali Puja Procession: मां काली की 81 प्रतिमाओं की शोभा यात्रा, सबसे आगे परबत्ती काली मां और सबसे पीछे जोगसर की बमकाली... मां काली की विदाई पर भक्तों का जनसैलाब उमड़ा। तस्वीरों में मां के प्रति अटूट आस्था की झलक दिखाई दी। विभिन्न क्षेत्रों से श्रद्धालु एकत्रित हुए, वातावरण भक्तिमय संगीत और जयकारों से गुंजायमान था। भक्तों ने आरती की और आशीर्वाद प्राप्त किया। यह दृश्य मां काली के प्रति लोगों के गहरे प्रेम और सम्मान का प्रतीक है। विदाई समारोह शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ।

Kali Puja Procession: मां काली की विदाई के मौके पर भागलपुर में अटूट आस्था की खूबसूरत झलक दिखी।
संवाद सहयोगी, भागलपुर। Kali Puja Procession भक्ति, परंपरा और आस्था का अनुपम संगम बुधवार की रात भागलपुर की सड़कों पर देखने को मिला। रात करीब एक बजे परबत्ती की प्रसिद्ध काली मां जब भारी पुलिस सुरक्षा के बीच स्टेशन चौक पहुंचीं, तो पूरा शहर जय मां काली के जयघोष से गूंज उठा। परंपरा के अनुसार लंबे इंतजार के बाद महासमिति और शहर के गणमान्य लोगों ने मां की आरती उतारी। इसके साथ ही 72वें वर्ष की ऐतिहासिक काली पूजा विसर्जन शोभायात्रा का शुभारंभ हुआ।
एक-एक कर शहर की अन्य समितियों की प्रतिमाएं कतारबद्ध होती गईं। पूरा स्टेशन चौक भक्तिभाव से सराबोर रहा था। इस दौरान परबत्ती की काली मां के साथ चल रही लाठी खेलने वाली आकर्षक टीम मुख्य आकर्षण का केंद्र रही। पारंपरिक परिधान, ढाक की थाप और जयकारों से माहौल में अद्भुत आध्यात्मिक ऊर्जा भर गई।
81 प्रतिमाओं की शोभा यात्रा, सबसे आगे परबत्ती और सबसे पीछे जोगसर की बमकाली
इस वर्ष शहर में कुल 105 प्रतिमाएं स्थापित की गई थीं, जिनमें से 81 प्रतिमाएं विसर्जन शोभायात्रा में शामिल हुईं। सबसे आगे परंपरा के अनुसार परबत्ती की काली मां और सबसे पीछे जोगसर की बमकाली प्रतिमा रही। इनके बीच विभिन्न मोहल्लों, पूजा समितियों और अखाड़ों की झांकी और कलात्मक टोली ने श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
शाम 7 बजे से ही स्टेशन चौक पर लोगों की भीड़ उमड़ने लगी थी। छतों, बालकनियों और सड़कों पर लोगों का रेला लगा रहा। शहर के हर कोने से लोग इस विसर्जन यात्रा को देखने पहुंचे।
सुरक्षा में तैनात रही पुलिस, हर चौक-चौराहे पर सतर्कता
विसर्जन के दौरान किसी अप्रिय घटना से बचाव को लेकर प्रशासन पूरी तरह चौकस दिखा। चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल की तैनाती रही। अधिकारी खुद चौकसी में जुटे रहे और जुलूस के मार्गों पर पैदल गश्त करते रहे।
सांसद निशिकांत दुबे ने लिया मां का आशीर्वाद
इस दौरान झारखंड के गोड्डा लोकसभा सांसद निशिकांत दुबे भी पहुंचे। उन्होंने श्रद्धाभाव से मां काली की आरती की और कहा, यह कोई राजनीतिक अवसर नहीं, बल्कि पुण्य का क्षण है। आज सभी लोग यहां मां काली का आशीर्वाद लेने आए हैं। यह मेरा सौभाग्य है कि मैं इस अद्भुत विसर्जन यात्रा का साक्षी बना।
परंपरा और आस्था का अद्भुत समन्वय
भागलपुर की यह काली पूजा विसर्जन शोभायात्रा केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि सांस्कृतिक एकता का प्रतीक बन चुकी है। रात से लेकर भोर और भोर से दुसरे दिन देर शाम तक शहर की सड़कों पर भक्तिमय वातावरण बना रहा। मां के गीत, ढाक-ढोल की थाप और लाठी खेल की चमक के साथ शहर भक्ति में डूबा रहा।
मां काली की जय के उद्घोष के साथ जब प्रतिमाएं गंगा तट की ओर रवाना हुईं, तो वातावरण में आध्यात्मिक रोमांच फैल गया। आस्था, अनुशासन और परंपरा का यह अद्भुत संगम हर वर्ष भागलपुर की पहचान बन चुका है।
कालीबाड़ी और दुर्गाबाड़ी की मां काली प्रतिमाओं का विसर्जन
बुधवार की शाम कालीबाड़ी और दुर्गाबाड़ी की मां काली प्रतिमाओं का विसर्जन भक्तिभाव के माहौल में किया गया। देर शाम तक भक्ति, संगीत और जयघोष से भागलपुर की गलियां गूंजती रहीं। मुसहरी गंगा घाट स्थित कृत्रिम तालाब में दोनों प्रमुख प्रतिमाओं सहित कई स्थानीय प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया, जहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी।
विसर्जन से पूर्व मां काली को भोग लगाया गया। महिलाओं ने मां को सिंदूर अर्पित किया और परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की। कालीबाड़ी पूजा समिति के महासचिव बिलास कुमार बागची ने बताया कि शाम चार बजे वेदी से प्रतिमा पर से उठाया गया। आदमपुर होते हुए शोभायात्रा तिलकामांझी चौक से गुजरती हुई करीब छह बजे मुसहरी घाट पहुंची, जहां मां का विसर्जन किया गया।
मां काली की विसर्जन शोभा यात्रा में नाचते-गाते भक्त।
वहीं दुर्गाबाड़ी पूजा समिति की प्रतिमा का विसर्जन शाम 4:50 बजे हुआ। समिति के निरूपम कांतिपाल ने बताया कि शोभायात्रा तीन बजे दुर्गाबाड़ी से प्रस्थान कर निर्धारित मार्ग से होती हुई मुसहरी घाट पहुंची। बंगाली समाज के श्रद्धालुओं की सहभागिता और महिलाओं की उपस्थिति ने पूरे वातावरण को आध्यात्मिक बना दिया।
मां काली की विसर्जन शाेभा यात्रा में तलवार भांजकर साहसिक प्रदर्शन करते भक्त।
मुसहरी घाट पर मेले का माहौल रहा। सैकड़ों दुकानें सजी रहीं और श्रद्धालु देर रात तक पूजा, आरती और दर्शन में लीन रहे। इस दौरान सुजय सर्बाधिकारी, चंदन राय समेत कई गणमान्य मौजूद रहे।
मां काली को विदाई देने के अद्भुत क्षण का साक्षी बनते शहरवासी।
इशाकचक और मुंदीचक में भी मां के जयकारे से गूंजा माहौल
इधर इशाकचक काली मंदिर की प्रतिमा का भी बुधवार की देर रात विसर्जन किया गया। समिति के सचिव संदीप कुमार (मोनू मिश्रा) ने बताया कि प्रतिमा को कांधे पर उठाकर भोलानाथ पुल के समीप ट्रक पर चढ़ाया गया और देर रात मुसहरी घाट पर विसर्जन संपन्न हुआ। यहां देर रात तक मेला लगा रहा। गोलगप्पा और चाऊमीन की दुकानों पर महिलाओं और बच्चों की भीड़ उमड़ी रही।
वहीं मुंदीचक स्वर्णकार काली मंदिर की प्रतिमा का विसर्जन गुरुवार को दोपहर 12 बजे किया जाएगा। समिति के संरक्षक विजय कुमार साह पप्पू ने बताया कि मां को तीन समय हलुआ, खिचड़ी, खीर और मिठाई का भोग लगाया गया। बुधवार को पारंपरिक पाठे की बलि दी गई और प्रसाद समाज के लोगों में वितरित किया गया। गुरुवार को प्रतिमा बूढ़ानाथ घाट के कृत्रिम तालाब में विसर्जित की जाएगी।
इसके अलावा मिरजानहाट सहित कई अन्य क्षेत्रों की काली प्रतिमाओं का भी बुधवार को गंगटा तालाब में विधिवत विसर्जन किया गया।
काली पूजा विसर्जन के दौरान मां काली की प्रतिमा के साथ चलते श्रद्धालु।
मां के जयकारों से गूंजा शहर
पूरे शहर में मां काली की शोभायात्राओं ने आध्यात्मिक आभा बिखेरी। आरती, घंटा-घड़ियाल और ढाक की थाप पर भक्त झूमते नजर आए। भागलपुर की गलियां जय मां काली के जयकारों से देर रात तक गूंजती रहीं।
भागलपुर में काली पूजा विसर्जन शोभायात्रा में शामिल भूत-पिशाच।
काली प्रतिमा विसर्जन शोभायात्रा : विसर्जन रूट पर कटी रहेगी बिजली
240 करोड़ खर्च कर नंगे तारों को हटाकर कवर्ड वायर बदलने और एसएलडीसी से निर्बाध व पर्याप्त आपूर्ति के बावजूद शहरवासियों को बिजली संकट का सामना करना पड़ा। बुधवार को दोपहर से ही बिजली कटौती का सिलसिला शुरू हुई और रातभर जारी रही। नाथनगर में दिन के 11 बजे बिजली कटौती की गई और दो बजे आपूर्ति की गई। लेकिन शाम चार बजे बिजली फिर काट दी गई। रात 12 बजे तक कटौती जारी थी। जबकि शाम छह बजे के बाद परबत्ती, भीखनपुर गुमटी नंबर तीन इशाकचक थाना रोड, तिलकामांझी, बरारी रोड की बिजली काट दी गई। रात करीब नौ बजे के बाद बिजली आपूर्ति हुई।
वहीं, घंटाघर, त्रिमूर्ति, भीखनपुर, डिक्शन रोड, पटलबाबू रोड सहित अन्य फीडरों से जुड़े इलाकों की बिजली साढ़े सात बजे काट की गई और रातभर लोगों को बिजली संकट का सामना करना पड़ा। बिजली कटौती का यह सिलसिला खासकर काली प्रतिमा विसजर्न मार्गों से इलाकों में रात ढाई बजे बनी रही। आपूर्ति लाइन में सुधार पर 240 करोड़ खर्च होने के बाद भी शहर के लोगों को न तो दिन में चैन मिला और न ही रात में सुकून। लंबी कटौती के कारण करीब चार लाख आबादी को बिजली के साथ ही पानी संकट झेलना पड़ा।
प्रतिमा विसर्जन शोभायात्रा निकलने के साथ ही काटी गई बिजली
काली प्रतिमा के विसर्जन शोभायात्रा निकलने के साथ ही शहर के अलग-अलग हिस्सों में बिजली कटती रही थी। जब भी जिस इलाके में विसर्जन के लिए प्रतिमा निकाली गई, उधर की बिजली काट दी गई। यह सिलसिला बुधवार दोपहर से ही शुरू हुआ था। दरअसल, भागलपुर का सबसे बड़ी विसर्जन शोभायात्रा निकाली गई थी और एहतियात के तौर पर बिजली काटी गई। घंटों बिजली ठप रहने से विसर्जन रूट के लोग सबसे ज्यादा परेशान रहे।
इधर, विसर्जन रूट पर गुरुवार को भी बिजली बंद रहेगी। स्टेशन चौक से लेकर खलीफाबाग, कोतवाली, गोशाला रोड, नयाबाजार, बूढ़ानाथ, आदमपुर खंजरपुर व मुसहरी घाट और आसपास इलाके के लोगों को लंबी कटौती का सामना करना पड़ेगा। अभियंता ने दावा किया है कि प्रतिमा जैसे-जैसे आगे बढ़ेगी, वैसे प्रशासन के साथ समन्वय बनाकर आपूर्ति बहाल करा दी जाएगी। लेकिन विजर्सन रूट पर बिजली पूरी तरह से बंद रहेगी। बुधवार को शहर के विभिन्न इलाके की बिजली बंद रही। क्योंकि प्रतिमाएं निकाली जा रही थी। सबसे लंबी कटौती तिलकामांझी इलाके में हुई। यहां प्रतिमा निकाले जाने की वजह से दो फीडरों को बंद करना पड़ा।
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